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भारत ही नहीं विदेशों मैं भी प्रतिष्ठित अत्यंत समर्थ फिल्मअभिनेता इरफान खान गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं ।अभी उन्होने अपने प्रशंसकों से अस्पताल के अनुभव पत्र के माध्यम से साझा किये हैं। उनके लिखे पत्र को हर धर्म मजहब के लोगों को पढना चाहिए,उन्हें जीवन मृत्यु के गहन रोमांचक अनुभवों से गुजरने जैसा लगेगा,हृदय भी द्रवित होगा।काव्यमय पंक्तियों का मार्मिक दृश्य चित्रण अद्भुत है ।पत्र में अनिश्चितता ही जीवन है जैसे ग्यानसूत्र किताबी या शास्त्रीय नहीं बल्कि भोगे हुए बेइंतहा दर्द की स्याही से लिखे गये हैं ।
जीवन की नश्वरता के सच को हर पल भोगने के साथ फिर सुबह होगी की उम्मीद भी उनके पत्र में अंकित है।जैसे मृत्यु की गहन रात्रि के आगोश में सदा दिये की तरह टिमटिमाते जीवन की छणभंगुरता और महत्व उन्होंने जान लिया है,वे मृत्यु का साछात दर्शन कर रहे हैं तो देख रहे हैं कि जीवन इसी अंधकार में अंकुरित हो रहा है,यही सत्य है।तभी उनके हरएक शब्द से भरपूर जीवन की सुगंध आ रही है। आकस्मिक स्थिति में लिखे पत्र में इरफान खान के अभिनेता के गर्भ से एक कवि ने जन्म लिया है, जो जाति धर्म मजहब की संकीर्ण सीमाओं से परे एक पूर्ण मनुष्य के रुप में अवतरित हुआ है । हम सबकी शुभकामनायें इरफान भाई के साथ हैं,वे शीघ्र स्वास्थ्य अर्जित करेंगे ।
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