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आगे की कहानी ——-
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23 वर्षीय रीना आहूजा .अकेली नीहारिका एन्क्लेव में ५वे माले पर रहती
है .रीना के पिता ने अपनी पत्नी के देहांत के बाद भारी दहेज़ के लालच में एक
संपन्न विधवा से विवाह करलिया था और रीना को बोर्डिंग स्कूल में पड़ने भेज
दिया . .अपनी पदाई पूरी करने के बाद कुछ दिन रीना अपने पिता और
फेशनेबल सौतेली माँ के साथ रही किन्तु आयेदिन शराबी पिता और पार्टियों में
व्यस्त रहने वाली माँ के झगडे फसाद से दुखी होकर रीना पैसा और
ख्याति अर्जित करने के शोर्टकट धुन्धने लगी .इसी तलाश में नीहारिका
कंस्ट्रक्शन क० में सेक्रेटरी की जॉब लगी .अपने बोस रमेश प्रताप के साथ नित
मंहगे होटलों में उसकी राते गुजरने लगी .
आज इतवार के कारण उसका अवकाश है और शाम अपने कमरे
में बीअर मग हाथ में लिए टीवी रिअलिटी शो का आनंद उठा रही है .तभी
उसका मोबाईल बजा ..
रीना -यस रीना हिअर ….कौन है आप ..
दूसरी और से – में वोमेन एशिया मेग्जिन से बोल रहा हु ..क्या आपसे
मुलाकात हो सकती है. देखिये रीना जी वोमेन एशिया के फ्रोंत
कवर के लिए हमको किसी मॉडल की तलाश है ..आप जैसी
सुन्दरी ..
रीना – /तपाक से / में आपका नाम जान सकती हु ..
दूसरी और से – में तुषार ..पेंटर और फोटोग्राफर हु और फिलहाल डेली प्रिंट
\ पेपर में काम कर रहा हु ..
रीना – तुषार जी आप चाहे तो अभी आ सकते है ..
तुषार – रीना जी प्लीज प्राइवेसी जरुरी है ..
रीना – ओके में अकेली हु ..प्लीज वेलकम ..
.. ….. ……. ……. ……. ……
रीना जल्दी जल्दी तैयार हो गयी और शोर्ट वेअर पहिन कर आईने में खुद को
देखने लगी मन ही मन अत्यंत प्रफुल्लित रीना यह सोचकर ही आश्चर्य चकित
है की वोमेन एशिया जैसी पत्रिका के लोगो तक मेरी सुन्दरता की चर्चा है ..उसे
अपने आप पर गर्व होने लगा ..
एक घंटा कब बीत गया रीना को पता ही नहीं लगा ..तभी डोर वेल
बजी ..उसने तुरंत उठकर दरवाजा खोला तो सामने रफ एंड टफ
– तीखे नैन नक्श वाला सुन्दर सा नोजवान कैमरा लिए खड़ा है ..रीना ने
आगे बढकर हाथ मिलाकर तुषार का स्वागत किया …रीना के कपडे देखकर
तुषार के होंठो से सिटी बज गयी ..
रीना – प्लीज बैठिये ..लेकिन आपने सीधे मुझे कैसे चुन लिया अपनी मेग्जिन
के लिए ..
तुषार -रीना जी हुस्न कही छुपता है ..गुलाब की खूबसूरती और सुगंध कोई
छुपा सकता है
क्या ..मेने और मेनेजमेंट के लोगो ने कई बार होटलों में आपको देखा और
फिर वोमेन एशिया की तलाश जैसे पूरी हो गयी ..
रीना – अब आप बना रहे है …/उठते हुए /क्या लेंगे आप ..ठंडा या गरम ..
तुषार -आप जैसी गरम जवानी के सामने बैठने के लिए दिल और दिमाग ठंडा
रखना जरुरी है ..
रीना -/हँसते हुए /आप चित्रकार फोटोग्राफर के साथ साथ शायर भी है क्या ..
तुषार -जिसे खुदा ने खुद फुर्सत में बनाया है ऐसी सुन्दरी के सामने तो गधा
भी ग़ज़ल पड़ने लगे ..
कीजिये /बिअर का मग
बढाती है /
तुषार – थेंक यू ..रीना जी क्या कर रही है आजकल ..
रीना – एक कंस्ट्रक्शन क० में ..
तुषार – क्या ..आप भी ..छोटी मोती नौकरी कर रही है ..क्या मिल जाता है ..
रीना – ट्वंटी प्लस ..
तुषार – ओहो ..रीना जी आपको वोमेन एशिया में काम मिल सकता
है ..बोलिए ..थर्टी फाइव प्लस
रीना /आँखे फ़ैल जाती है /सच ..
तुषार – यस ..फ्लेट ..गाड़ी ..वगैरह अलग ..लेकिन मुझे थोडा वक़्त दीजिये और
आपसे निवेदन है की मेरे और अपने बीच के रिलेशन को बिलकुल
प्राइवेट रखिएगा …
रीना – आप मुझ पर भरोसा कर सकते है ..मी तुषार ..
तुषार -सिर्फ डिअर तुषार कहिये ..मुझे अच्छा लगेगा ..
रीना /हँसते हुए /ओके डिअर ..
तुषार -/हाथ मिला कर /आज से हम दोस्त है ..अच्छा अब थोडा काम हो
जाए ..
/रीना को एक स्टूल पर बिठाता है ..कई कोनो से उसके फोटो खींचता है /
तुषार -अच्छा डिअर …ये फोटो फ़ाइनल कर मेग्जिन को भेजता हु ..हम मिलते
रहेंगे .
.
रीना -माय प्लेजर ..
तुषार -चलता हु …लेकिन ध्यान रखियेगा ..दीवारों के भी कान होते है ..
रीना – मुझे अपना भविष्य देखना है तुषार जी ..
तुषार – जी नहीं सिर्फ डिअर ..
रीना – ओ के बाबा ..सिर्फ डिअर ..
तुषार . गुड नाईट
रीना – गुड नाईट …
/रीना तुषार के जाते है सपनो में खो गयी ..उसे लगा जैसे उसके पंख लग गए
है /
/उधर तुषार बाहर आकर अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कराता है ..उसका काम हो गया
था ..अब उसे आकाश के बारे में सब पता चलता रहेगा के रीना और आकाश
के बीच क्या चल रहा है और रमेश आकाश से क्या चाहता है /
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सुबह का वक़्त . आकाश और कामना बाहर लान में बैठे चाय की
चुस्कियो के साथ अखबार ,मेग्जिन देख रहे है . तभी साँची अपनी सहेली के
साथ स्कूटी पर गेट पर रूकती है . कामना और आकाश साँची को देखकर
चोंकते है ..कामना गले लगाती है /
साँची -/हंसती है /बस मन हुआ और चली आई ..
कामना – आ बैठ ..
साँची – नहीं ..बैठने नहीं ..हमारा कल शो है कबीर भवन में ..शाम ७
बजे .उसकी तयारियो में लगी हु ..आपको आना है ..ये लीजिये ..दो
टिकट /आकाश को देती है /
आकाश -क्या क्या दिखाएंगी …शो में ..
साँची -/हँसते हुए /सब कुछ ..यानी नाटक ,डांस ,गीत संगीत ..लाइए १००
रुपये
कामना – बैठे तो चाय लाती हु ..
साँची -/केतली में देखकर /हम दोनों के लिए बहुत है थोड़ी थोड़ी ही चलेगी ..
/प्यालियो में चाय डालकर सहेली को देती है ,चाय पिटे हुए /
जीजू कुछ टिकट और बिक्वाइये न ..हम लोगो का खर्चा तो निकल आएगा
नहीं तो जेब से लगाना पड़ेगा ..आब आप जैसे लोगो की मदद से ही तो
theatre चल रहा है ..
आकाश -ऐसा है क्या ..लाओ अभी कितनी टिकट है तुम्हारे पास ..
साँची -/तत्परता से पर्स देखती हुए / पेंतीस टिकट और है /आकाश को देती है /
आकाश -अब tum और तुम्हारे नाटक की मदद तो करनी ही पड़ेगी ..कामना पैंतीस सो
रूपए इनको दे देना ..
साँची – सच ओ रिअली आप ग्रेट है ….
आकाश – एक मिनट ….हमारा कमीशन ! भाई हम तो बिजनेसमेन है …
साँची – अच्छा ये बात है ..ठीक है आपको शो के साथ साथ काफी फ्री …
/सब हँसते है /
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क्रमश ……शेष अगले अंक में ……….
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