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आगामी बजट 2013-14 (Budget 2013-14) को लेकर बाजार में गहमागहमी चल रही है. इस बार वित्त मंत्री पी. चिदंबरम संसद के सामने सालभर के आय-व्यय का लेखाजोखा प्रस्तुत करेंगे. वैसे भारत में बजट को प्रस्तुत करने का अपना ही इतिहास है. ऐसा माना जाता है कि भारत में बजट परम्परा की शुरुआत भारत के प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग ने की थी.
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लेकिन भारत के पहले बजट (Budget) को प्रस्तुत करने का श्रेय 18 फरवरी, 1860 में गवर्नर जनरल की परिषद के तत्कालीन वित्त मंत्री जेम्स विल्सन (1805-1860) को जाता है. इस लिहाज से जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का संस्थापक भी कहा जाता है. देश में बजट संविधान के अनुच्छेद 112 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया जाता है. स्वतन्त्र भारत का पहला अंतरिम बजट 26 नवंबर, 1947 को आर.के षणमुखम शेट्टी ने प्रस्तुत किया गया था. यह बजट एक तरह की आर्थिक समीक्षा था.
भारतीय गणतन्त्र का प्रथम बजट 28 फरवरी, 1950 को जॉन मथाई के द्वारा प्रस्तुत किया गया था. सी.डी. देशमुख देश के अगले वित्त मंत्री बने और उन्होंने निर्वाचित संसद का पहला बजट प्रस्तुत किया. 1959 में मोरारजी देसाई देश के अगले वित्त मंत्री बने उन्होंने अपने 8 वर्ष के सर्वाधिक लम्बे कार्यकाल में 10 बार बजट प्रस्तुत किया. मोराजी देसाई देश के पहले वित्त मंत्री रहे जिन्होंने वर्ष 1964 और 1968 में आम बजट (Union Budget) अपने जन्म दिन के अवसर पर प्रस्तुत किया था.
1987-88 में वी. पी. सिंह द्वारा सरकार से अलग हट जाने के बाद राजीव गांधी देश के तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपनी मां इंदिरा गांधी और नाना जवाहरलाल नेहरु के बाद बजट को प्रस्तुत किया. वर्ष 1991-92 में अंतरिम तथा फाइनल बजट अलग-अलग दलों के वित्त मन्त्रियों के द्वारा प्रस्तुत किए गए थे. अंतरिम बजट यशवन्त सिन्हा ने प्रस्तुत किया जबकि मई 1991 में कांग्रेस के सत्ता में वापस आने के बाद मनमोहन सिंह देश के वित्त मंत्री बने और उन्होंने फाइनल बजट प्रस्तुत किया.
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