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आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत जैसे देश में जहां पर भ्रष्टाचार अपने चरम पर रहता है वहां पर बजट को बड़े ही पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ बनाया जाता है. इंटरनेशनल बजट पार्टनरशिप द्वारा पारदर्शिता के साथ बजट बनाने वाले देशों पर कराए गए सर्वे में भारत को 14वें नंबर पर रखा गया था. यहां बजट पेश होने से पहले मीडिया समेत तमाम रिसर्च संस्थाओं में वित्तीय घाटे, जीएसटी व एसटीटी जैसे तमाम तरह के टैक्स, सैलेरी टैक्स स्लैब आदि को लेकर गहन रूप से चर्चा होती है, जिसके बाद बजट पेश किया जाता है.
किसी भी देश के लिए बजट वहां की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग होता है. यह सरकार की एकमात्र ऐसी वार्षिक सरकारी नीति या योजना है जिसका सीधा संबंध आम जनता से है. यह बजट ही है जिसकी बदौलत हम जान पाते हैं कि आने वाले एक वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति रहने वाली है. आजादी के बाद से ही भारत में बजट को लेकर काफी उत्सुकता रही है. आपकी इसी उत्सुकता को शांत करने के लिए आइए जानते हैं बजट के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
1. भारत में पहली बार बजट अप्रैल 1860 में पहले वित्त सदस्य जेम्स विल्सन ने पेश किया.
2. स्वतंत्र भारत का पहला अंतरिम बजट 26 नवंबर, 1947 को आर.के. षण्मुखम शेट्टी ने प्रस्तुत किया था.
3. जवाहरलाल नेहरू देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने बजट को संसद में प्रस्तुत किया.
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4. मोराजी देसाई 8 वर्ष के सर्वाधिक लंबे समय के लिए वित्त मंत्री रहे. वह जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में 5 साल जबकि इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 3 साल देश के वित्त मंत्री रहे. उन्होंने संसद में सर्वाधिक 10 बार बजट प्रस्तुत किया.
5. वर्ष 1964 और 1968 में वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने आम बजट अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रस्तुत किया था.
6. सी.डी. देशमुख रिजर्व बैंक के एकमात्र ऐसे गवर्नर हैं जिन्होंने सन् 1951-52 में अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था.
7. सन 1991-92 में अंतरिम तथा फाइनल बजट को अलग-अलग दलों के वित्त मंत्रियों ने संसद में रखा. अंतरिम बजट यशवंत सिन्हा जबकि फाइनल बजट को मनमोहन सिंह ने प्रस्तुत किया.
8. बजट सार्वजनिक ना हो, इसलिए इसे बेहद ही गुप्त रखा जाता है. पहले बजट पेपर्स राष्ट्रपति भवन में ही छपा करते थे. सन 1950 में बजट पेपर लीक हो गए जिसके कारण बाद में बजट पेपर्स को मिंटो रोड स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छापा जाने लगा. 1980 से बजट पेपर नॉर्थ ब्लॉक से प्रिंट होने लगा.
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9. संसद में बजट प्रस्तुत करने वाली एकमात्र महिला इंदिरा गांधी हैं, जिन्होंने 1970 में आपातकाल के दौरान संसद में बजट पेश किया था.
10. 1987-88 में वी.पी. सिंह द्वारा सरकार से अलग हट जाने के बाद राजीव गांधी देश के तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपनी मां इंदिरा गांधी और नाना जवाहरलाल नेहरू के बाद बजट को प्रस्तुत किया.
11. 1996 में चुनाव के बाद, एक गैर-कांग्रेसी मंत्रालय अस्तित्व में आया. इसलिए 1996-97 के अंतरिम बजट को पी. चिदम्बरम द्वारा प्रस्तुत किया गया जो उस समय तमिल मानिला कांग्रेस से संबंधित थे. यह दूसरी बार था जब अंतरिम और फाइनल बजट अलग-अलग पार्टियों के दो मंत्रियों द्वारा प्रस्तुत किया.
12. एक संवैधानिक संकट के बाद जब आई. के. गुजराल का मंत्रालय समाप्त हो रहा था तब चिदंबरम द्वारा 1997-98 बजट को पारित करवाने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया था. इस बजट को बिना बहस के ही पारित किया गया था.
13. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात से सन 1998-1999 तक बजट शाम को पांच बजे ही प्रस्तुत किया जाता रहा लेकिन सन 1999-2000 में यशवंत सिन्हा ने पहली बार शाम की बजाय सुबह के समय बजट प्रस्तुत किया.
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