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सरकार द्वारा सोने पर सीमा शुल्क को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिए जाने के बावजूद सोने के आयात में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आई है. सोना दुनिया के सबसे कीमती धातुओं में सबसे लोकप्रिय है. भारत विश्व में सोने का सबसे बड़ा आयातक है और प्रतिवर्ष 800 टन सोने का आयात करता है. भारत में त्यौहार और शादी-ब्याह के मौके पर सोने की भारी खरीदारी की जाती है. सुरक्षित निवेश की दृष्टि से भी सोना लोगों का पसंदीदा धातु है.
भले ही सोने की चमक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हो लेकिन खरीदारी करते समय हमें इसकी चमक से प्रभावित न होकर इसकी शुद्धता पर गौर फरमाना चाहिए. इसीलिए खरीदारी करते समय निम्नलिखित कुछ बातों का रखें ध्यान:
1. सोने की शुद्धता पर दें ध्यान
सोना खरीदते समय उसकी शुद्धता को लेकर दिमाग में कई तरह के सवाल उठते हैं जैसे कितने कैरट का सोना शुद्ध होता है, कितने कैरट के सोने से आभूषण बनाए जाते हैं आदि. तो हम आपको बता दें कि 24 कैरट का सोना सबसे शुद्ध होता है, लेकिन इससे आभूषण नहीं बनाए जा सकती. सोने के आभूषण 22 या 18 कैरट के सोने से बनाए जाते हैं, यानि 22 कैरट गोल्ड के साथ 2 कैरट कोई और धातु मिलाया जाता है. आभूषण खरीदने से पहले हमेशा दुकानदार से सोने की शुद्धता के बारे में पूछताछ जरूर कर लें.
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सोने की शुद्धता की पहचान के लिए प्रमाणिक तरीका ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) द्वारा बनाया गया हॉलमार्क है. यह हॉलमार्क अपने आप में ऐसा अधिकारिक मानक है जो सोने की सही मात्रा का रिकॉर्ड होता है. हॉलमार्क आभूषण के कैरेट आप कहीं भी कैरेट मीटर से चेक करा सकते हैं, जबकि बिना हॉलमार्क जूलरी की शुद्धता का पता उस जूलरी को गला कर ही लगाया जा सकता है.
2. शुद्धता का सर्टिफिकेट लेना न भूलें
सोने के आभूषण खरीदते समय आप शुद्धता का सर्टिफिकेट लेना न भूलें. अगर कोई दुकानदार सर्टीफिकेट देने से मना करता है तो उस दुकान से खरीदारी नहीं करनी चाहिए, बल्कि जहां से सोने की शुद्धता का सर्टिफिकेट मिले उसी दुकान से खरीददारी करनी चाहिए. सर्टिफिकेट में सोने की कैरेट गुणवत्ता भी जरूर जांच कर लें. इसके साथ ही सोने के आभूषण में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट लेना जरूरी है.
3. कहां करें शिकायत
सोने की कीमत और शुद्धता को लेकर दुकानदार द्वारा किए गए किसी भी गड़बड़ी पर आप नजदीक के बीआईएस ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा आप जन शिकायत कार्यालय (पीजीओ) को भी पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत करा सकते हैं.
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