Menu
blogid : 318 postid : 641487

और बढ़ सकती है महंगाई

अर्थ विमर्श
अर्थ विमर्श
  • 173 Posts
  • 129 Comments

indian railwayआप भले ही बढ़ती महंगाई से तंग हों, परंतु सच यही है कि अभी तक आपने जितनी महंगाई की मार झेली है वह काफी कम है. इस बार दिवाली बहुत महंगी थी लेकिन दीवाली के बाद दिन और महंगे होने वाले हैं. लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अब महंगाई में थोड़ी कमी तो आएगी लेकिन ये महंगाई कम होने के आसार नहीं बल्कि बढ़ने के इशारे हैं. खर्चों में बढ़त के साथ आम आदमी का बजट और बिगड़ सकता है.


अभी पिछले महीने ही रेल किराया बढ़ाने के बाद सरकार इसमें और बढ़ोत्तरी करने की योजना बना रही है. दिवाली से ठीक पहले रेल किराया और पैंट्री चार्जेज बढ़ने से दीवाली के समय यात्री किराये के एक और बोझ से दबा आम आदमी भले ही इतने में ही त्राहि माम मचाने लगा था, पर ऐसा लगता है सरकार और रेल मंत्रालय को इससे कोई सरोकार नहीं है. बढ़ती महंगाई के बोझ से बजट के घाटे में जाने की बात अगर आम आदमी करता है तो रेल मंत्रालय भी उसी सुर में बार-बार अपने घाटे के बजट का उल्लेख कर देता है. केंद्रीय रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खडगे ने कल (6 नवंबर 2013) ‘डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका)’ में दोहरे कक्ष व साढ़े चार हजार अश्व शक्ति क्षमता वाले प्रथम मालवाहक रेल इंजन ‘विजय’ के लोकार्पण के अवसर पर एक बार फिर रेलवे के इस घाटे का उल्लेख किया. रेलवे घाटा और यात्री किराया को संतुलित करने का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने निकट भविष्य में रेल यात्री किराया में और बढोत्तरी किए जाने की संभावना जताई. रेलमंत्री के अनुसार वर्तमान महंगाई दर और आर्थिक व्यवस्था के अनुपात में रेल किराया अभी भी कम है और यात्री किराया संतुलित होने तक वृद्धि करना रेल किराया बढ़ाया जाना गलत नहीं कहा जा सकता.


IN02_BJP_PROTEST_RA_741124gएक तरफ त्यौहार के मौसम में रेल किराया बढ़ रहा है और यात्रियों के यात्रा खर्च में बजट बिगड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ घरेलू बजट में प्याज के साथ-साथ अब टमाटर और आलू जैसी सब्जियां भी महंगी हो रही है. प्याज के सेंचुरी लगाने के  कुछ ही दिन बाद अब टमाटर की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दिल्ली के खुदरा बाजार में टमाटर 90 रुपये किलो तक पहुंच गया है, साथ ही अंडों और आलू के दाम भी बढ़ रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो पिछले कुछ महीनों में टमाटर और अंडों की कीमतों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके अलावे भी सब्जी मंडी में कोई भी सब्जी 60-70 रु. से कम कीमत की नहीं हैं.

यात्रियों की जेब काटकर मेट्रो ने मनाई दिवाली

सब्जी या अनाज लगभग सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं और यह बढ़ती कीमतें आम आदमी की परेशानी का सबब बन रही हैं. आम आदमी अपनी रोजमर्रा की जरूरतों में कटौती के बावजूद दिनोंदिन बढ़ती इस महंगाई से अपने किचन को प्रभावित होने से बचा नहीं पा रहा और सब्जियों समेत हर खाद्य पदार्थ में कटौती करने को मजबूर है. इसके साथ ही विक्रेता भी खरीदारों से कम परेशानी का सामना नहीं कर रहे. खरीदारों की कटौती उनका बजट बिगाड़ने का काम कर रहा है.


समाज का हर तबका आसमान छूती कीमतों से प्रभावित हो रहा है और इसे कम करने करने के सरकारी प्रयासों के इंतजार में है. लेकिन ऐसी किसी संभावना से दूर रहते हुए रेल किराया में बढ़त जैसी खबरें इनकी परेशानियां कम करने की बजाय और बढ़ा रही हैं.

अब शराब से जुड़ गई है नौकरी

माला नहीं पहन सकेंगे अब

लालटेन की लौ को कैसे बुझने से रोका जाए

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh