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आरबीआई के नए गवर्नर रघुराम राजन के आने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति संभली हुई सी जान पड़ रही थी. लगातार कई महीनों से गिरते हुए रुपए ने भी थोड़ा संभलने का आसार दिखाया. सेंसेक्स में भी तेजी आई. उम्मीद की जा रही थी कि रघुराम राजन अब बाजार की स्थिति सुधारने के लिए अपनी नई नीतियों में बैंक की ब्याज दरों में कटौती करेंगे और इस तरह आम लोगों को भी बढ़ी हुई ब्याज दरों के कारण महंगे लोन, अधिक ईएमआई आदि से छुटकारा मिलेगा.
Raghuram Rajan
रघुराम राजन ने आरबीआई के गवर्नर का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार आरबीआई की मौद्रिक नीति की समीक्षा की है. यह मौद्रिक नीति आरबीआई की छमाही मौद्रिक नीति समीक्षा के अंतर्गत जारी की गई है. इसके साथ ही बाजार की नए गवर्नर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल पड़ गई हैं. इस समीक्षा में आरबीआई ने ब्याज दरें घटाने की बजाय बढ़ा दी हैं. इसके साथ ही अब बैंकों को कर्ज के लिए रेपो रेट 0.25 बेसिस पॉइंट्स बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया और आरबीआई की अन्य नीतियों की घोषणा भी की गई है जो निम्नलिखित हैं:
तुरंत प्रभाव से मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट में 75 बेसिस पॉइंट्स की कमी के साथ 10.25 प्रतिशत से 9.5 प्रतिशत करना
कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) रेट में बिना कोई बदलाव किए इसे 4.0 प्रतिशत पर ही रखते हुए इसके प्रतिदिन मेंटेनेंस को 99 प्रतिशत से घटाकर 95 प्रतिशत किया गया जिसे 21 सितंबर से प्रभावी माना जाएगा.
लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ) के अंतर्गत पॉलिसी रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स की बढ़त के साथ 7.25 से 7.5 किया गया. (एलएएफ के अंतर्गत 6.5 प्रतिशत को एडजस्ट करते हुए बैंक रेट को तत्काल प्रभाव से 9.5 प्रतिशत कर दिया गया. इसके साथ ही एमएसएफ रेट और बैंक रेट रेपो रेट से ऊपर 200 पॉंइट बेसिस आ गया है).
Raghuram Rajan
आरबीआई की इस नई मौद्रिक समीक्षा के साथ ही बाजार में गिरावट दर्ज की गई. बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज में जहां 502.56 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी 152 अंकों की गिरावट आई. बैंकिंग स्टॉक्स ने नए आरबीआई गवर्नर की नई मॉनिटरी पॉलिसी नहीं ली है.
इस नई मौद्रिक समीक्षा ने एक बार फिर आम लोगों के लिए बैंक लोन की ब्याज दरें और ईएमआई बढ़ने की संभावना बढ़ा दी है. इसके अलावे होम लोन और कार लोन की दरें भी बढ़ सकती हैं.
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