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शेयर या स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहां पर आप अपने पैसे को निवेश करके अच्छी खासी रकम कमा सकते हैं. यह मार्केट पूरी तरह से देश की अर्थव्यवस्था, वैश्विक संकेतों, मुद्रा और आरबीआई की नीतियों आदि पर निर्भर करता है. स्टॉक मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के नाम से शेयर होते हैं. इसमें निवेश करते समय नए निवेशकों को शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जब वही निवेशक शेयर मार्केट को अच्छी तरह से समझने लगता है तब वह एक अनुभवी खिलाड़ी बन जाता है.
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स्टॉक मार्केट में होते हैं कई सेक्टर
स्टॉक मार्केट में अलग-अलग तरह के क्षेत्र होते हैं. ऑयल, रियल इस्टेट, बैंकिंग, कंज्यूमर गुड्स, मेटल, स्टील, पावर, संचार यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर निवेशक अपनी पसंद के अनुसार निवेश कर सकता है. अगर किसी निवेशक को अपनी पसंदीदा कंपनी चुननी है तो सबसे पहले उसे कंपनी के बारे में जानना होगा. बैलेंस सीट के साथ-साथ क्या है उस कंपनी का टर्नओवर उसके बारे में भी निवेशक को जानकारी हासिल करनी चाहिए.
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चुनें अपने बेस्ट सेक्टर
जैसा कि हमने ऊपर देखा कि निवेशकों के सामने ऐसे बहुत सारे सेक्टर होते हैं जहां पर वह निवेश करता है. इन सेक्टरों में कौन सा सबसे अच्छा क्षेत्र होगा जो निवेशकों को छोटी और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे सके इस बात को बता पाना किसी के लिए भी मुश्किल भरा काम है. यह काम और अधिक मुश्किल हो जाता है जब देश की अर्थव्यवस्था सही न हो और विश्व आर्थिक संकट से गुजर रहा हो. ऐसे स्थिति में विशेषज्ञों की सलाह होती है कि मिड कैप स्टॉक को चुनें क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में लार्ज कैप स्टॉक बहुत ही ज्यादा गोता लगाते हैं.
कैसे करें निवेश
निवेश करने वाले व्यक्ति के सामने यह पहला सवाल होगा कि निवेश कैसे किया जाए ? सबसे पहले ये तय करें कि आप जो भी निवेश करना चाह रहे हैं, उसकी आपको जरूरत कब है क्योंकि इससे आप लंबी और छोटी अवधि के शेयरों का चुनाव कर सकते हैं. निवेश करने के लिए आप जिस कंपनी का शेयर लेंगे उसके बारे में आप अच्छी तरह से जानकारी कर लें. इसके लिए आप सलाहकारों की मदद ले सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में निवेश करें. एक से अधिक कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं.
डीमैट अकाउंट है जरूरी
निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है इसके लिए आपको किसी भी बैंक या शेयर खान, रिलायंस मनी और इंडिया इन्फोलाइन जैसी शेयर ब्रोकरेज कंपनियों से संपर्क करना पड़ेगा. कुछ समय पहले तक शेयरों की फिजिकल ट्रेडिंग होती थी. इसमें शेयर सीधे ट्रांसफर होते थे. पर अब ऐसा नहीं है. अब इनकी खरीद-बिक्री किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के डीमैट खाते के जरिए होती है. आप खुद या आपके स्थान पर कोई शेयर ब्रोकिंग कंपनी शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकती है.
निवेश की अवधि
निवेशक निवेश करने के लिए दो तरह के तरीकों को अपना सकते हैं. लंबी और छोटी अवधि के लिए निवेश. छोटी अवधि में खरीदे गए शेयर को निवेशक 3-6 महीने के लिए अपने पास रख सकते हैं. जबकि लंबी अवधि में खरीदे गए शेयर को 6 महीने से ऊपर तक अपने पास रख सकते हैं. आम निवेशकों को सलाह दी जाती है कि लंबी अवधि का निवेश सही रहता है क्योंकि डे-ट्रेडिंग और छोटी अवधि के निवेश ज्यादा जोखिम भरे होते हैं.
आजकल शेयरों की ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है. यह प्रक्रिया मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए की जाती है. एक्सचेंज के अलावा निवेशक शेयर खान, रिलायंस मनी, आईसीआईसी डाइरेक्ट जैसे ब्रोकरेज हाउस की भी सहायता ले सकते हैं.
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