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आपको लगता होगा कि आप अपडेट और स्मार्ट हैं पर जब बात आती है बड़ी नौकरियों की तो आप छांट दिए जाते हैं. सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा हो या मल्टीनेशनल कंपनी हर जगह प्रतिभागी में वे ऐसा क्या ढूंढ़ते हैं कि आप उनकी गुड लिस्ट में शामिल नहीं हो पाते. आप समझ नहीं पाते कि आपकी सफलता की राह में मुश्किल क्या है? मंहगाई बढ़ती है, आपको समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों हुआ. आपके घर का बजट कब तक इसकी मार झेलेगा आप इसका अंदाजा नहीं लगा पाते. आपको लगता है कि इन सबके निपटने के लिए आपको थोड़े बदलाव की जरूरत है. फिर आप भी आगे बढ़ने में भी कामयाब होंगे और इस तरह की अन्य परेशानियों को भी समझ सकेंगे और उसका हल भी निकाल सकेंगे. तो क्या आपको पता है कि वह थोड़ा सा बदलाव क्या है जो आपको पीछे से आगे कर सकता है? शायद नहीं, आप नहीं जानते कि वह कमी क्या है आपके अंदर जो आपको भीड़ में आगे आने नहीं देती है. यह ब्लॉग आपको आपकी उस कमी के बारे में न केवल बताएगा बल्कि उसका हल भी आपको यहीं मिल जाएगा.
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आगे बढ़ने से पहले कुछ और सवाल. क्या आप जानते हैं कैश रिजर्व रेशियो (CRR) क्या है? आपको पता है आरबीआई (RBI) किस नियम के तहत क्या काम करती है? निफ्टी क्या है? रेपो रेट क्यों घटता बढ़ता है? इंफ्लेशन क्या और क्यों होता है? म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस पॉलिसीज किस आधार पर काम करते हैं, आप इसके फायदे कैसे ले सकते हैं? अगर आप जानते हैं तो आप वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं, अगर नहीं जानते तो आपको बता दें कि आज के दौर में आपके आगे बढ़ने की राह में सबसे बड़ी कमी यही है. बिजनेस, बैंक, मॉनिटरी पॉलिसीज, सेंसेक्स, ट्रेडिंग, इंश्योंरेंस आदि कुछ ऐसे सामान्य तथ्य हैं जो आज हमारी रोज की जरूरत में शामिल हैं. जैसे खाना और नौकरी हमारी जिंदगी की जरूरतें हैं वैसे ही ये घटनाएं किसी भी कंपनी, देश की अर्थव्यवस्था की दैनिक आवश्यकताओं का हिस्सा है. मंहगाई बढ़ती है, अनाज से लेकर सब्जियों तक के दाम अचानक से बढ़ जाते हैं. कभी पेट्रोल, तो कभी गैस सिलिंडर के दाम बढ़ जाते हैं. आपकी समझ में आता नहीं कि ये हुआ क्यों. आपके दोस्त शेयर मार्केट की बातें करते रहते हैं और बुद्धू की तरह खड़े रहते हैं और दोस्तों की बीच आपका मजाक बन जाता है. आप अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए बैंक की पॉलिसीज लेना चाहते हैं पर लाइफ इंश्योंरेंस, म्यूचुअल फंड, हेल्थ इंश्योरेंस और जाने कितने उत्पाद बाजार में भरे पड़े हैं कि आपको समझ नहीं आता कि आप करें क्या, आपके लिए क्या फायदेमंद है.
कई बार जानकारी और समझ के अभाव में आप ऐसी पॉलिसी ले लेते हैं जो बाद में आपको अपने लिए अनुकूल नहीं लगता. कई बार ऐसा भी होता है कि तकनीकी पहलू तो सबके पता होते हैं पर वह आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को कैसे प्रभावित करता है आपको पता नहीं होता. कई बार ऐसा भी होता है कि आप समझना तो चाहते हैं पर भारी भरकम तरीकों से समझाई गई वे बातें आपकी समझ में ही नहीं आतीं. विशेषकर हिंदी के पाठकों को हिंदी में ऐसे किसी कंटेट का अभाव उन्हें इन जरूरी मुद्दों से जुड़ने से दूर करता है. हमारा यह ब्लॉग एक प्रयास है कि हम बिजनेस, अर्थव्यवस्था, बैंकिंग आदि से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों से, जिनकी आज के दौर में हर किसी को जानकारी होने की उम्मीद की जाती है, ऐसी कुछ आधारभूत तकनीकी जानकारियों को आपसे सरल शब्दों और सरल भाषा में साझा करें. क्योंकि इसके कुछ तकनीकी शब्द अंग्रेजी में ज्यादा सुने और पढे जाते हैं हम इन्हें उसी रूप में यहां लिखेंगे पर अधिकांशत: कोशिश यही रहेगी कि उन्हें हिंदी में भी दिए जाएं. उम्मीद है हमारा यह प्रयास आपके लिए लाभकारी रहेगा, विशेषकर हिंदी भाषी पाठकों के लिए.
अभी 3 मई को खबर आई कि आरबीआई ने रेपो रेट घटा दी है. आरबीआई ने रेपो रेट क्यों घटाई, रेपो रेट होता क्या है, इसकी जानकारी हम आपको अगले भाग में देंगे…..
क्रमश:……………
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