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अर्थव्यवस्था में शेयर और स्टॉक मार्केट की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. यह एक प्रकार से अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर होता है. पाठकों को शेयर बाज़ार की बेसिक्स से परिचित कराने के लिए यह सीरीज आरंभ की जा रही है.
स्टॉक एक्सचेंज का फंडा कोई नई बात ना होकर बहुत पुराना कॉंसेप्ट है. हॉ, यह अलग बात है कि उस समय कोई व्यवस्थित सिस्टम नहीं था और इसका स्वरूप भी काफी अलग होता था. ग्यारहवीं शताब्दी के आस-पास फ्रांस में इस फंडे को कृषि समुदायों के ऋण को प्रबंधित और विनियमित करने के लिए बैंकों के प्रतिनिधि के रूप में प्रयोग किया जाता था. ये प्रतिनिधि ऋणों की खरीद-फरोख्त भी किया करते थे. इन्हें एक प्रकार से फर्स्ट ब्रोकर कहा जा सकता है.
अंग्रेजी शब्द “bourse” का अर्थ बैग होता है जो कि लैटिन शब्द bursa से उद्भूत हुआ है. कुछ लोग मानते हैं कि तेरहवीं शताब्दी के लगभग जिस स्थान पर व्यापारीगण व्यापार के उद्देश्य से आपस में मिला करते थे, वहॉ पर एक बैग या चमड़े का थैला लटका रहता था. आगे चलकर यही शब्द खरीद-बिक्री के संबंध में प्रतिनिधियों के लिए ब्रोकर के रूप में परिणत हो गया.
वेनिस के बैंकरों द्वारा सिक्योरिटीज में ट्रेड
तेरहवीं शताब्दी के मध्य में वेनिस(इटली) के बैंकरों ने सरकारी सिक्योरिटीज में ट्रेड करना आरंभ किया. वर्ष 1351 में वेनिस की सरकार ने सरकारी फंड्स की कीमतों के बारे में अफवाह फैलाए जाने को अवैध घोषित कर दिया.
इटली के विभिन्न नगरों जैसे पीसा, वेरोना, जेनोआ और फ्लोरेंस आदि में भी चौदहवीं शताब्दी के दौरान सरकारी सिक्योरिटीज में प्रभावशाली व्यक्तियों ने खरीद-फरोख्त आरंभ कर दिया था. इन नगरों में इस तरह का कारोबार इसलिए संभव हो पाया क्योंकि यहॉ पर ड्यूक का शासन नहीं था बल्कि प्रभावशाली व्यक्तियों की परिषद कार्य करती थी.
डचों ने की शुरु ज्वाइंट स्टॉक कंपनी
डचों ने सर्वप्रथम ज्वाइंट स्टॉक कंपनी शुरु की. इसमें शेयरहोल्डर्स को बिजनेस वेंचर्स में निवेश करने तथा लाभ-हानि के बंटवारे का सिद्धांत शामिल किया गया था. 1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने एम्सटर्डम स्टॉक एक्सचेंज द्वारा अपना पहला शेयर जारी किया. यह ऐसी पहली कंपनी थी जिसने स्टॉक और बॉंड्स को जारी किया. वर्ष 1688 में लंदन के स्टॉक एक्सचेंज द्वारा स्टॉक ट्रेडिंग शुरु की गयी. 17 मई, 1792 को न्यूयार्क में चौबीस सप्लाई ब्रोकर्स द्वारा बटनवूड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया गया.
क्या होता है स्टॉक एक्सचेंज
स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को स्टॉक्स व सिक्योरिटीज में ट्रेड करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मुहैय्या कराता है. यह सिक्योरिटीज को जारी करने व वापस लेने की सुविधा प्रदान करने के साथ ही अन्य फिनांशियल इंस्ट्रूमेंट तथा कैपिटल इवेंट्स और डिविडेंड व आय के वितरण के लिए भी आधार का कार्य करता है. अमूमन स्टॉक एक्सचेंज में कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले शेयर, यूनिट ट्रस्ट्स, डेरिवेटिव्स, पूल्ड इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट और बांडों की खरीद-बिक्री होती है.
हालांकि यह कोई जरूरी नहीं है कि किसी स्टॉक को स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ही जारी किया जाए और ना ही इसके माध्यम से ही ट्रेड करने की अनिवार्यता ही है. इस प्रकार की जो ट्रेडिंग बाहर से की जाती है उसे ऑफ एक्सचेंज या ओवर द काउंटर कहा जाता है. सामान्यतः डेरिवेटिव्स और बॉंडों में ट्रेडिंग इस माध्यम से की जाती है.
स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका
अर्थव्यवस्था में स्टॉक एक्सचेंज की बहुमुखी भूमिका होती है यथा:
स्टॉक एक्सचेंज अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर होता है
विभिन्न प्रकार के बिजनेस के लिए पूंजी का प्रबंध करना
बचत को निवेश के लिए गतिमान करना
कंपनियों के वृद्धि और विकास के लिए सुविधाएं प्रदान करना
प्रॉफिट शेयरिंग
कॉरपोरेट गवर्नेंस
स्माल इंवेस्टर्स के लिए निवेश के अवसर प्रदान करना
विकासात्मक प्रोजेक्ट्स के लिए सरकार को पूंजी जुटाने में सहयोग देना
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