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पिछले अंक से आगे……
(Economy) के लिए संकट पैदा करते हुए आर्थिक असंतुलन पैदा करते हैं. इसके लिए कई बार कुछ तकनीकी शब्दावली भी प्रयोग किए जाते हैं, जिनमें प्रमुख है व्यापार घाटा.
व्यापार घाटा: व्यापार घाटा उस स्थिति को कहते हैं जब निर्यात से ज्यादा आयात होने लगे और आयात भी पहले की तुलना में महंगा हो जाए. अर्थात आयात ज्यादा और निर्यात कम हो जाए. ऐसी स्थिति को व्यापार घाटा कहते हैं. इससे व्यापारिक असंतुलन पैदा होता है. निर्यात कम होने से डॉलर (Dollar) की आय कम हो जाएगी और आयात में डॉलर (Dollar) की खपत बढ़ जाएगी. ऐसे में रुपया कम हो जाने के कारण आयात पर कर भी बढ़ा दिए जाएंगे. इससे आयातकों के लिए व्यापार हानि की स्थिति पैदा हो जाएगी. इस व्यापार हानि को संतुलित करने लिए ये बाजार में अपने उत्पादों के दाम बढ़ा देंगे. इस प्रकार चीजों के दाम बढने से वापस महंगाई साइकल के रूप में अर्थव्यवस्था (Economy) को वैसे ही नुकसान की स्थिति में ले जाएगी जैसी अन्य स्थितियों में होती है.
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महंगाई रोकने के लिए क्या करती है सरकार
(Economy) को काबू करने के सरकारी प्रयासों की चर्चा की जा रही है.
रुपए के गिरने से उत्पन्न हुए अर्थव्यवस्था (Economy) के असंतुलन को कम कर वापस पहले की स्थिति में लाने के लिए भारत सरकार कई उपाय करती है, इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:
(Economy) के असंतुलन को कम करने के लिए होता है. आम जनता को लगता है कि उनके देश का विकास हो रहा है, जबकि हकीकत में देश के अर्थव्यवस्था संकट को दूर करने का यह मात्र एक माध्यम होता है.
इस प्रकार रुपया गिरना केवल सरकार की परेशानी नहीं होती. यह आपकी, हमारी, भारत के हर नागरिक पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और अंतत: भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए संकट की स्थितियां पैदा करती है.
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