मै यहाँ यूरोप में कुशल से हूँ उम्मीद करता हूँ की आप भी हिंदुस्तान में सुख से होगे. भारतीय समाचार पत्रों में आप के बारे में पढ़ कर मन प्रसन्ता और दुःख से भर गया. प्रसन्ता इसलिए कि आप ने एक बड़े ही अद्वितीय घोटाले को अंजाम दिया जिसकी मिसाल मिलना निकट भविष्य में कठिन है, और दुःख इसलिए कि आप अपनी सेवा और अधिक नहीं कर पाए और प्रधानमंत्री जी को बड़े भारी मन से, आप को पद मुक्त करना पड़ा.
मै आप का ह्रदय से आभारी हूँ कि आप कि वजह से, मै अपना समय शांति से गुजार पा रहा हूँ. जब से सारे देश को आप के महान विचारो और कार्यो के बारे में पता चला है तब से लोग मुझे तो बिलकुल भूल ही गए है. सच ही कहा है किसी ने, कि किसी रेखा कि बिना मिटाए छोटा करना हो तो उसके पास एक बड़ी रेखा खीच दीजिये. हमारे साथ ऐसा ही हुआ है, पहले सारा देश मेरे बारे में ही बात करता था लेकिन जब से, आप ने भ्रष्टाचार की सारी पुरानी सीमाए तोड़ी है तब से कोई मुझे याद ही नहीं करता. लेकिन मुझे गुमनामी में जीने का कोई दुःख नहीं है क्योंकी मेरे विचार से हर किसी को देश के साथ गद्दारी कर के गुमनाम हो जाने का पूरा हक है.
मै उम्मीद करता हूँ जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय ने मेरा पूरा सहयोग किया था मुझे देश से बाहर निकलने में, आप की भी निश्चित ही उचित समय पर वो मदद करेगे. आप को याद होगा कि जब सारा देश मेरे पीछे पड़ा था, जब मेरे सारे अधीनस्त लोग गिरफ्तार हो रहे थे और उनके घर पर छापे पड़ रहे थे तब हमको सपरिवार यूरोप घूमने का मौका दिया गया. मेरे हिंदुस्तान छोड़ने के तब कई फायदे थे जैसे कि मीडिया के रोज रोज के सवालो से बचना, सी बी आई कि गिरफ़्तारी से निश्चिन्तता, देश कि जनता से लुटे हुए पैसों का सदुपयोग और साथ ही स्विजरलैंड में जमा पैसो का हिसाब किताब देखना. एक इन्सान भला अपने जीवन में इससे अधिक और क्या चाहेगा.
मै खुद को और आप को बड़ा ही भाग्यशाली इन्सान समझाता हूँ क्योंकि मेरी वजह से देश में खेल क्रांति आई थी और आप की वजह से मोबाइल क्रांति. जब जब देश में “कोमन वेल्थ गेम” की बात होगी, हम याद किये जायेगे और जब देश में “टू जी” की बात चलेगी, लोग आप को जरूर याद करेगे. देश की भोली जनता को कौन समझाए कि “कोमन वेल्थ गेम” का मतलब ही यही था की “कमान मैन की वेल्थ के साथ खेलना” लेकिन देश को लगता है कि हमने कुछ गलत किया है, जब की हम पहले से ही बोल रहे थे की ये “कोमन वेल्थ का गेम” है.
मै देश का एक अग्रणी और वरिष्ठ नेता होने के नाते आप को विश्वास दिलाता हूँ कि आप निश्चिन्त रहे अंत में जीत आप की ही होगी. लोग कितने ही लेख लिख ले, टीवी चैनेल कितने ही प्राइम टाइम आप पर बर्बाद कर दे लेकिन आप भी मेरी तरह ही एक दिन यूरोप में आनंद करेगे. मै आप के साथ साथ आप की पार्टी को भी धन्यवाद देना कहूँगा कि जिसने बुरे वक़्त में देश का साथ छोड़ कर आप का साथ दिया.ऐसी मिसाल दुनिया में देखने को कम ही मिलती है.
अंत में, मै पूरी उम्मीद के साथ कह सकता हूँ, कि जब मै यह चीठ्ठी लिख रहा होऊंगा तब भी हमारे और आप के जैसा कोई जन सेवक, “बाकी देश की भारत माता” के गहने बेच कर कमाए गए पैसे दुनिया के सबसे खूबसूरत देश स्विजरलैंड की अर्थव्यवस्था को चढ़ा रहा होगा.
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