Menu
blogid : 5736 postid : 7032

एक इस्तीफे की वापसी

जागरण मेहमान कोना
जागरण मेहमान कोना
  • 1877 Posts
  • 341 Comments

गोवा में नरेंद्र मोदी को बीजेपी चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष चुने जाने के बाद लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा पार्टी के प्रमुख पदों से इस्तीफा दिया जाना एक अप्रत्याशित, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। हालांकि उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए, लेकिन उनके इस्तीफे से मची हलचल कुछ दिन तो जारी ही रहेगी। दरअसल मोदी को आगे बढ़ाए जाने से आडवाणीजी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे, क्योंकि एक लंबे अरसे से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने की उनकी इच्छा रही है। वह इस बात को भूल रहे हैं कि बढ़ती उम्र के कारण प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारियों को वह शायद ही उठा पाते और युवाओं में आज उनकी बजाय मोदी ज्यादा लोकप्रिय हैं। आज भारत में करीब 20 करोड़ मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 वर्ष या उससे कम है।


BJP News In Hindi

Bhajpa Party:Lal Krishna Advani

आज देश का युवा वर्ग संप्रग सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली से खिन्न है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली वर्तमान संप्रग सरकार में जिस तरह एक के बाद एक घोटाले और भ्रष्टाचार सामने आए हैंै उससे हर कोई परेशान और हैरान है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से दूसरे कार्यकाल में देश को जो उम्मीदें थीं वे पूरी नहीं हुईं और तो और वह एक अर्थशास्त्री के तौर पर भी अच्छा काम कर पाने में विफल रहे। आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया पटरी से उतरी हुई है तो सरकार के पास ऐसी दूरगामी नीति का भी अभाव है जिससे बेहतर भारत का निर्माण किया जा सके। सरकार महंगाई को रोक पाने में विफल रही है तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण देश का हर वर्ग खिन्न और परेशान है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार का आज भी मुख्य एजेंडा गरीब और गरीबी है जिसके लिए सरकार कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आम लोगों का वोट लेना चाहती है। दूसरी ओर आज देश का युवा वैश्विक संभावनाओं के मद्देनजर एक अलग सोच रखता है और देश के चहुंमुखी विकास और पारदर्शी शासन प्रणाली का पक्षधर है। मोदी ने गुजरात में जिस तरह आर्थिक विकास के साथ साथ बेहतर शासन का मॉडल पेश किया है उससे युवाओं में मोदी से काफी उम्मीदें हैं और इसमें कुछ गलत भी नहीं है।


BJP News In Hindi

Bhajpa Party:Lal Krishna Advani

ऐसी स्थिति में यदि नरेंद्र मोदी को आगे बढ़ाया जाता है तो भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनाव में आडवाणी के नेतृत्व की बजाय ज्यादा लाभ होगा। इसी संभावना और माहौल के मद्देनजर आरएसएस ने भी मोदी को आगे बढ़ाने में देश और भाजपा का हित समझा और यह स्वाभाविक भी है। मोदी को आडवाणी की नाराजगी के बावजूद यदि राजनाथ सिंह ने चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष चुना तो इसके पीछे आरएसएस की सहमति और सोच काम कर रही थी। इस बात से आडवाणीजी भी इंकार नहीं कर सकते आज देश में मोदी के पक्ष में माहौल है और जो थोड़ी बहुत नकारात्मक बातें उनके प्रति कही जा रही हैं वे अब बीते समय की बात हैं।


BJP News In Hindi

Bhajpa Party: Narendra Modi

आज देश का युवा भविष्य की ओर देख रहा है उसे बीते अतीत से कोई लेना देना नहीं। आज मोदी विकास का चेहरा हैं और देश विदेश में उनकी स्वीकृति दिनोंदिन बढ़ रही है और इस तथ्य से कोई इन्कार नहीं कर सकता। देश में आज कांग्रेस के प्रति निराशा और नाउम्मीदी का भाव है। ऐसे में मोदी का दांव खेलना भाजपा के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। हालांकि अभी से यह कह पाना मुश्किल होगा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा को निश्चित रूप से बहुमत मिल ही जाएगा, लेकिन इतना अवश्य है कि उसकी सीटें जरूर बढ़ जाएंगी। यदि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में लगभग 200 सीटें मिलती हैं तब तो मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं और यदि यह सीटें 160 से 170 के आसपास रहीं तो भाजपा के लिए मोदी के नेतृत्व में सरकार बना पाना मुश्किल होगा।


BJP News In Hindi

Bhajpa Party: Narendra Modi

नरेंद्र मोदी के विरोध में एक बात यह भी कही जा रही है कि उनके नाम पर जदयू और कुछ एक घटक दल नाखुश हो सकते हैं, लेकिन यह तो चुनाव के बाद की स्थिति होगी। चूंकि अभी से सभी नफा-नुकसान का हिसाब लगाकर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन करना काफी मुश्किल होगा इसलिए बेहतर यही होगा कि वर्तमान माहौल के अनुरूप रणनीति बनाई जाए और इस रणनीति में आडवाणी से ज्यादा मोदी फिट बैठेंगे। कुछ लोगों का यह भी विचार है कि अभी से कुछ भी तय करके नहीं चला जाए और चुनाव के बाद निर्णय लिया जाए, लेकिन मेरे विचार से तब तक काफी देर हो चुकी होगी। राजनीति में संदेश का काफी महत्व होता है और ढुलमुल रवैये का खामियाजा भी उठाना होता है इसलिए जरूरी है कि देश की जनता को साफ साफ संदेश दिया जाए ताकि वह मतदान के समय अपना स्पष्ट मन बना सके। यहां यह कहना भी ठीक नहीं होगा कि आडवाणी द्वारा इस्तीफा दिए जाने से भाजपा को कोई बहुत नुकसान होने वाला है।


BJP News In Hindi

Bhajpa Party:Lal Krishna Advani

यह लगभग तय था कि लालकृष्ण आडवाणी अंतत: आरएसएस- भाजपा की बात मान जाएंगे और विरोधस्वरूप दिया गया अपना इस्तीफा भी वापस ले लेंगे। यहां इस बात को नहीं भूला जाना चाहिए कि आडवाणी ने एनडीए अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ा था। ऐसा लगता है कि उनका विरोध सिर्फ तात्कालिक था। आडवाणी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं और एक स्वयंसेवक के लिए उसका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राष्ट्रहित महत्वपूर्ण होता है। जैसा प्रतीत हो रहा था वैसा ही हुआ उन्होंने अपना विरोध स्वत: ही त्याग दिया। भाजपा और देश के हित में बेहतर यही था कि आडवाणीजी यथार्थ को समझते और जिस इमारत को उन्होंने लंबे समय में खड़ा किया है उसे उसकी ऊंचाई तक पहुंचाने में मददगार और मार्गदर्शक की भूमिका निभाते, न कि कुछ ऐसा करते जिससे सभी को नुकसान हो।


BJP News In Hindi

Bhajpa Party:Lal Krishna Advani

आडवाणी के इस्तीफे को लेकर कुछ लोगों की धारणा है कि इससे भाजपा में बिखराव की स्थिति बनी रेहगी, जिसका लाभ कांग्रेस को मिलेगा, लेकिन यदि ऐसा कुछ होता भी है तो यह कांग्रेस से ममता बनर्जी या एनसीपी के शरद पवार के पलायन जैसा शायद ही कभी हो। मेरे विचार से भाजपा में ज्यादा से ज्यादा विचारधारा पर आधारित विरोध हो सकता है जिसे किसी भी रूप में गलत नहीं कहा जा सकता।


इस आलेख के लेखक मेघनाद देसाई हैं


Tags: BJP News In Hindi, Lal Krishna Advani, L.K. Advani, Narendra Modi, Bhajpa Party, लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, भाजपा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh