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नए साल की शुरुआत हिंदी फिल्मों के शहंशाह अमिताभ बच्चन के लिए एक अलग खुशखबरी लाई। वह ट्विटर पर सबसे ज्यादा प्रशंसक यानी फॉलोवर्स रखने वाले भारतीय हस्ती बन गए। उन्होंने बॉलीवुड सुंदरी प्रियंका चोपड़ा को पछाड़कर यह तमगा हासिल किया। यूं इस सफलता के लिए कहीं से उन्हें कोई ट्रॉफी नहीं मिलनी है, लेकिन इस रिकॉर्ड के लिए उन्हें ट्विटर पर ढेरों बधाई संदेश मिले। अमिताभ बच्चन के अब लगभग 18 लाख, 85 हजार प्रशंसक हैं जबकि प्रियंका चोपड़ा के करीब 18 लाख, 66 हजार। अमिताभ बच्चन की ट्विटर पर सक्रियता को देखते हुए यह रिकॉर्ड हैरान नहीं करता। वर्ष 2010 में ट्विटर पर अवतरित हुए बच्चन ने अभी तक 11 हजार से अधिक ट्वीट किए हैं, जबकि प्रियंका ने करीब 5,500 ट्वीट किए हैं। इन दो हस्तियों के बाद सचिन तेंदुलकर का नंबर आता है। सचिन के करीब 18 लाख, 10 हजार फॉलोवर्स हैं। मजेदार बात यह है कि सचिन ने अभी तक महज 257 ट्वीट किए हैं। इस तथ्य के मद्देनजर सवाल उठ सकता है कि देश का सबसे लोकप्रिय ट्विटर व्यक्तिव कौन है? वैसे, सचिन के बाद शाहरुख खान का नंबर है और उनके बाद आमिर खान का।
उल्लेखनीय है कि आमिर खान ने अगस्त 2010 से एक भी ट्वीट नहीं किया है। बावजूद इसके उनके 15 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं। इस क्रम में अगले नाम सलमान खान, दीपिका पादुकोण, ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा, अभिषेक बच्चन, युवराज सिंह, शाहिद कपूर, सोनम कपूर, अक्षय कुमार और करन जौहर है। इसका अर्थ यह कि ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलोवर्स वाली 15 भारतीय हस्तियों में 13 बॉलीवुड से हैं और दो क्रिकेट से। इन दोनों क्षेत्रों के अलावा ट्विटर पर किसी दूसरी फील्ड की हस्ती का जलवा नहीं दिखता, लेकिन सवाल सिर्फ ट्विटर पर बड़ी हस्तियों के प्रशंसकों की संख्या का नहीं है। सवाल है ट्विटर की इन हस्तियों के ट्वीट कंटेंट का। क्या इस बात से कोई फर्क पड़ता है कि प्रियंका चोपड़ा फिर अगले महीने अमिताभ को पछाड़ कर ट्विटर क्वीन का दर्जा हासिल कर लेती हैं। निश्चित रूप से यह भी सवाल है कि फॉलोवर्स की चूहादौड़ की खबर मुख्यधारा के मीडिया में क्यों आनी चाहिए? भारत में ट्विटर यूजर्स की संख्या बीते साल एक करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है और इस संख्या को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन क्या आम लोगों को बस बड़ी हस्तियों के प्रशंसकों के रूप में पहचान मिलनी चाहिए या उन्हें इसी तरह की पहचान गढ़नी चाहिए।
दरअसल, भारत में ट्विटर हस्तियों ने अभी तक इस मंच का इस्तेमाल फिल्म प्रचार, ब्रांड दुरुस्त करने और प्रशंसकों के चंद सवालों का जवाब देकर एक नेक छवि गढ़ने में किया है। इतना ही नहीं, प्रशंसकों की लाखों की संख्या के रथ पर सवार होकर बड़ी हस्तियां मुख्यधारा के मीडिया को खारिज करने का जोखिम भी ले रही हैं। अमिताभ बच्चन ने अनुपम खेर की किताब के विमोचन के मौके पर इस बात की तस्दीक भी की। मीडियाकर्मियों ने अमिताभ से किसी मुद्दे पर राय जाननी चाही तो उन्होंने साफ कहा आपको मेरी राय जानने के लिए मेरे ब्लॉग या ट्विटर खाते पर जाना होगा। तो क्या बड़ी हस्तियां अब अपनी बात सिर्फ ट्विटर और ब्लॉग के जरिए करेंगी और मीडिया का काम सिर्फ उनके लिखे को प्रकाशित-प्रसारित करना है। बिल्कुल नहीं। अब यह देखा जाना चाहिए कि ट्विटर पर भारतीय हस्तियों के ट्वीट में से कितने सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे हैं। शोध होना चाहिए कि उनके ट्वीट का वास्तविक मकसद क्या होता है? फेसबुक की ताकत को लगातार हम लोग महसूस कर रहे हैं, लेकिन ट्विटर के संदर्भ में यह नहीं कहा जा सकता। भारत में ट्विटर की पहचान सिर्फ चुनिंदा 100 हस्तियों से बनी है। साल 2012 में यह चलन खत्म होना चाहिए। अब आम लोगों के ट्वीट को ट्रेंडिंग टॉपिक बनाने से आगे निकलना होगा।
इस आलेख के लेखक पीयूष पांडे हैं
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