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रोचक नारों से अन्‍नामय माहौल

जागरण मेहमान कोना
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सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे के जन लोकपाल आंदोलन में देश के हर उम्र के लोग जोशो-खरोश के साथ भाग ले रहे हैं। आम भारतीय इस आंदोलन के जरिये सरकार के भ्रष्टाचार और महंगाई पर ढीले रवैये पर भी अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। 16 अगस्त से शुरू हुए इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में देश के युवाओं का जोश देखते ही बनता है। अन्ना हजारे को तिहाड़ जेल भेजने के बाद राजधानी दिल्ली समेत देश के हर हिस्से में सशक्त जन लोकपाल बिल को लेकर जोरदार आंदोलन हो रहे हैं। 16 अगस्त को ही अन्ना हजारे को जेल भेजने के सरकार के फैसले के विरोध में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम, इंडिया गेट और तिहाड़ जेल के बाहर उनके समर्थकों ने जोरदार नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध तब तक चलता रहा, जब तक कि अन्ना तिहाड़ से बाहर नहीं आ गए। इस दौरान इंडिया गेट से जंतर-मंतर तक का मार्च हो या तिहाड़ जेल के बाहर का, हर ओर सरकार के खिलाफ नारे लगते रहे।


अन्ना को तिहाड़ जेल भेजने पर एक नारा चहुंओर लगा- वाह रे कांग्रेस तेरा खेल, कसाब को बिरयानी, अन्ना को जेल। आंदोलन के दौरान लगने वाले सबसे लोकप्रिय नारों में मैं अन्ना हूं शुमार है। इसके अलावा मैं अन्ना हूं लिखी गांधी टोपी की मांग भी बेहद बढ़ गई है, जिसे अन्ना की आंधी से पहले गांधी टोपी को कोई पूछता नहीं था। इसके अलावा कई अन्य नारे हैं, जो इस आंदोलन में लोगों का जोश बढ़ा रहे हैं, मैं भी अन्ना, तू भी अन्ना, अब तो सारा देश है अन्ना। इसी तरह, एक बात तो साफ है, अन्ना सबका बाप है, सोनिया जिसकी मम्मी है, वो सरकार निकम्मी है, अन्ना के चार सिपाही, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सीने पर गोली खाएंगे, हम अन्ना को जीताएंगे और हमारे नेता बेईमान हैं, अन्ना हम तेरे साथ हैं जैसे नारों के उद्घोष से देश का माहौल अन्नामय है।


नारे लगाने के अलावा लोगों ने कागजों व तख्तियों पर नारे लिख रखे हैं। कुछ ने तो अपने कपड़ों, कलाइयों व बैनरों पर भी नारे लिखे हुए हैं। इसके अलावा टी-शर्ट पर लिखे नारों की मांग भी बढ़ गई है। टी-शर्ट पर लिखा एक नारा जो अभी खासा लोकप्रिय हो गया, वह है बेईमान लोगों की पहली पसंद भ्रष्ट अचार लालच की दुकान पर उपलब्ध है, वह भी मुफ्त। वहीं राहुल गांधी को देश का यूथ आइकन कहने वाली कांग्रेस से आम जनता इस संदेश के साथ उन पर भी निशाना साध रही है, सारा यूथ यहां है, राहुल गांधी कहां है। मैं अन्ना हूं नारे को इस आंदोलन में अपार लोकप्रियता मिल गई है। लोग अपने शरीर पर यहां तक कि सिर के बाल पर इसी नारे को लिखवा रहे हैं। एक नारा जो सबसे नायाब और हर किसी को गुदगुदा रहा है, वह फिल्म डेल्ही बेली के एक लोकप्रिय गाने से लिया गया है- भाग भाग डी के बोस..। इसका विस्तार से मजमून है डी से दिग्विजय सिंह, के से कपिल सिब्बल और बोस (बॉस) यानी सोनिया गांधी।


सुरेंद्र कुमार वर्मा हैं


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