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अमेरिका और भारत सहित दुनिया के कई देशों को इस बात का शंका काफी पहले से बनी हुई है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ लग सकते हैं। अब यह शंका पूरी दुनिया के सामने आ गई है। 15 अगस्त की रात पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कामरा स्थित पाकिस्तानी वायु सेना के एक प्रतिष्ठान पर आठ आतंकवादियों ने परमाणु हथियारों को प्राप्त करने के लिए हमला बोला। हमला करने वाले आतंकवादियों का यह गुट आत्मघाती जैकेट पहने और अत्याधुनिक हथियारों व रॉकेट से दागे जाने वाले ग्रेनेड से लैस होने के साथ-साथ सेना की वर्दी पहने हुए थे। सैन्य प्रतिष्ठान होने के कारण यहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे, इसलिए उनकी मुठभेड़ होना स्वाभाविक था। इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से चली गोलाबारी में सात हमलावर आतंकियों और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई तथा कुछ सुरक्षाकर्मी घायल भी हो गए। इसके अलावा रक्षा परिसर के एक हिस्से में आग लग जाने से नुकसान भी हुआ। पंजाब प्रांत के अटोक जिले में राजधानी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस ठिकाने में रात लगभग दो बजे घुसे। इस रक्षा प्रतिष्ठान में बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। इस सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए आतंकी हमलावरों ने तकरीबन तीन रक्षा अवरोधकों को पार कर लिया और कामरा एयरबेस में तैनात एफ-16 विमान तथा चीन निर्मित जेएफ-17 विमान को निशाना बनाने का प्रयास किया। यहीं पर पाकिस्तान एयरोनॉटिकल का परिसर है जहां जेएफ-17 लड़ाकू विमानों व ड्रोन विमानों के कलपुजरें को जोड़ा जाता है।
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आतंकवादियों ने नजदीक के पिंड सुलेमान गांव से इस परिसर में प्रवेश किया था। अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी गुट ने नहीं ली है। माना जा रहा है कि इस घटना के पीछे तालिबान का हाथ हो सकता है। विदित हो कि इससे पहले भी आतंकवादी कामरा परिसर और इसके कर्मियों को निशाना बना चुके हैं। विदित हो कि जब पाकिस्तान ने नाटो सेनाओं के लिए आपूर्ति मार्ग खोलने का समझौता किया था तब तालिबान से जुड़े आतंकवादियों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा था कि अगर नाटो सेनाओं के लिए आपूर्ति मागरें को बंद नहीं किया गया तो वे पाक सेना के सैनिकों व सरकारी प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले करेंगे। इस घोषणा से पहले 9 जुलाई को प्रात: तहरीके -तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने चेनाब नदी के किनारे पाक सेना के एक शिविर पर हमला किया था, जिसमें सात सैनिक व एक पुलिसकर्मी मारा गया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कामरा स्थित वायु सैन्य प्रतिष्ठान उन महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भंडार है। इसीलिए यह अड्डा आतंकियों के निशाने पर है। इससे कुछ समय पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने आशंका जताई थी कि यदि पाकिस्तान में आतंकवाद पर नियंत्रण नहीं लगा तो वहां के परमाणु हथियार आतंकियों के हाथों में जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि मैंने पाकिस्तानी अधिकारियों से बातचीत में कहा है कि आतंकी सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि उनके लिए भी खतरा हैं। इस हमले के संबंध में पाकिस्तानी मीडिया ने पहले ही खबर दे दी थी कि तहरीके-तालिबान ईद से पहले पंजाब स्थित वायु सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है। खुफिया सूत्रों के हवाले से मीडिया ने कहा था कि आतंकवादी 16 या 17 अगस्त को हमला कर सकते है। इस सूचना के बाद वहां के सुरक्षाकर्मी चौकस थे, अन्यथा और बड़ा नुकसान हो सकता था। इसके बावजूद आतंकी तीन सुरक्षा अवरोधक पार करने में सफल हो गए। यह एक चिंता विषय है। यदि परमाणु हथियार आतंकवादियों के हाथ लग गए तो यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं भारत तीनों देशों के लिए नुकसानदेय सिद्ध होगा।
लक्ष्मीशंकर यादव सैन्य विज्ञान विषय के प्राध्यापक हैं
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