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हिन्दी फिल्म सिनेमा के दो ऐसे चेहरे जिन्हें आज भी बड़े पर्दे पर एक साथ देखने के लिए दर्शक तरसते हैं. पर्दे की फिल्मी कहानियां देखकर उनका हकीकत से जुड़ाव दर्शकों को बहुत भाता है. हिन्दी फिल्मों में नायक-नायिकाओं के प्रेम को देखकर कई बार लगता है कि शायद यह रीयल लाइफ में भी इतने ही करीब होंगे. यह सोच कई बार सही भी साबित होती है. अब आप दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी को ही ले लीजिए.आधी उम्र की नायिका, पिता ना बन पाने का दर्द और नायिका के दिल में पहले से बसे दूसरे प्रेमी को हटाना यह सब शायद दिलीप कुमार साहब के लिए आसान ना हो. जिस समय दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी हुई उस समय सायरा बानो 25 वर्ष की थीं और दिलीप कुमार 44 के थे.
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दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी भी बड़ी मजेदार है. भारत-पाक विभाजन के बाद सायरा बानो लंदन जा बसीं. सायरा की शिक्षा-दीक्षा लंदन में हुई है. छुट्टियां मनाने सायरा जब भारत आतीं, तो दिलीप कुमार की फिल्मों की शूटिंग देखने घंटों स्टूडियो में बैठी रहती थीं. सायरा बानो ने एक साक्षात्कार में यह माना है कि जब वह बारह साल की थीं तभी से वह दुआ करती थीं काश उनका विवाह दिलीप कुमार के साथ हो जाए. जब सायरा बानो ने फिल्मों में काम करना शुरू किया तो वह दिलीप कुमार से मिलने लगीं. दिलीप कुमार इसी दौरान सायरा बानो के घर के करीब आकर रहने लगे.
लेकिन सायरा बानो जिस समय फिल्मों में सफलता का स्वाद चख रही थीं उसी समय उनके दिल में जा बसे थे बॉलिवुड के जुबली कुमार “राजेन्द्र कुमार”. हालांकि उस समय राजेन्द्र कुमार शादी-शुदा थे और बाल-बच्चों वाले थे. जब यह बात सायरा बानो की मां को पता चली तो उन्हें बहुत बुरा लगा. उन्होंने अपनी बेटी को बहुत समझाया. इसके बाद सायरा बानो को खुद दिलीप कुमार ने भी सिखाया. दिलीप कुमार ने सायरा बानो को समझाया कि राजेन्द्र कुमार से विवाह कर वह सिर्फ “सौतन” ही कहलाएंगी. इसके जबाव में सायरा बानो ने दिलीप जी से ही शादी करने की बात कह डाली जिसे दिलीप कुमार जी ने स्वीकार कर लिया.
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ऐसी खबरे थीं कि एक समय दिलीप-सायरा के बीच अस्मां नामक एक खूबसूरत महिला आकर खड़ी हो गई. खबरों के अनुसार 30 मई, 1980 को उसने बंगलौर में दिलीप कुमार से शादी की. समय रहते दिलीप साहब ने उससे छुटकारा पा लिया, लेकिन तीन साल तक वे झूठ बोलते रहे कि उनकी कोई दूसरी शादी नहीं हुई है. ऐसा माना जाता है कि दिलीप साहब के दिल में पिता कहलाने की एक ललक थी, जिसे वे शायद अस्मां के जरिये पूरी करना चाहते थे.
बॉलिवुड में तमाम अफवाहों और खबरों के बीच भी सायरा बानो और दिलीप कुमार की जोड़ी को आदर्श माना जाता है. आज अल्जाइमर की बीमारी की वजह से सायरा ही दिलीप कुमार की एकमात्र याददाश्त और सहारा हैं. हर कहीं दोनों एक साथ आते-जाते हैं और एक-दूसरे का सहारा बने हुए हैं. कुछ पार्टियों और फिल्मी प्रीमियर के मौके पर वे नजर भी आते हैं. दुआ करते हैं बॉलिवुड की इस खूबसूरत जोड़ी को कभी नजर ना लगे.
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