- 150 Posts
- 69 Comments
1913 से शुरू हुआ यह फिल्मी सफर 50 के दशक में जाकर परवान चढ़ने लगा. यह वो समय था जब कई बेहतरीन अदाकार सिनेमा के सुनहरे पर्दे को अपनी अभिनय क्षमता से जगमगा रहे थे. उस समय फिल्म के नायक को सबसे अधिक तरजीह दी जाती थी इसीलिए अधिकांश युवा केवल नायक का किरदार ही निभाना चाहते थे. लेकिन 1950-1960 के दशक, जिसे हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम काल के रूप में देखा जाता है, में खलनायकी को भी पहचान मिलने लगी और इस विधा का पर्याय बने प्राण, जिनके परदे पर अवतरित होते ही दर्शकों में सिहरन पैदा होने लगती और सिगरेट के धुएं से छल्ले बनाते उनके किरदार से प्रभावित होकर नायक-नायिका भी हक्के-बक्के रह जाते थे.
खलनायकी की भूमिका का अलग मानक स्थापित करने वाले प्राण ने मनोज कुमार की बहुचर्चित फिल्म उपकार में मलंग चाचा का किरदार निभाया. नकारात्मक भूमिकाओं के विशेषज्ञ बन चुके प्राण ने इस चुनौती को भी बखूबी निभाया. इस फिल्म में उनका अभिनय सभी को बहुत पसंद आया.
इस फिल्म का एक गाना कस्मे वादे प्यार वफा सब बातें हैं बातों का क्या आज भी खूब पसंद किया जाता है. उपकार की इस भूमिका के साथ ही उनकी छवि बदल गई और वह चरित्र भूमिकाओं में नजर आने लगे. इन फिल्मों में जंजीर, बॉबी, अमर अकबर एंथनी, डॉन, दोस्ताना, कालिया, शराबी आदि शामिल हैं.
300 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके प्राण दिल्ली के एक समृद्ध परिवार में पैदा हुए. पढ़ाई में होशियार प्राण कृष्ण सिकंद यानी प्राण फोटोग्राफर बनना चाहते थे लेकिन संयोग ऐसा हुआ कि वह फिल्मों में आ गए और यहां उन्होंने लंबे समय तक अपने अभिनय का लोहा मनवाया. दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानिम प्राण ने हर किरदार में नई जान डाल दी. उम्र बढ़ने के साथ ही उन्होंने फिल्मों में अभिनय कम कर दिया. उल्लेखीय है कि उन्होंने अभिनय का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया था. लेकिन उनके अभिनय में इतनी विविधता रही है कि लोग फिदा हो जाते हैं.
जब प्राण बतौर खलनायक प्रतिष्ठित हो चुके थे, उस दौर में उन्होंने कुछ फिल्मों में नायक और सहनायक की भूमिकाएं भी कीं. उन्होंने खलनायकी की भूमिका कर नायकों से ज्यादा नाम कमाया. प्राण ने दिलीप कुमार, राजकपूर, देवानंद, शम्मी कपूर, मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन, सहित कई दिग्गज कलाकारों के साथ दर्जनों फिल्मों में काम किया और अपनी अभिनय प्रतिभा से तमाम कलाकारों के बीच अलग पहचान बनाई. कई फिल्मों में वह नायकों और अन्य सह कलाकारों पर भारी दिखे.
प्राण हिंदी फिल्म जगत के बेहद खतरनाक खलनायक के रूप में उभरे और यह साबित कर दिया कि बॉलिवुड में सिर्फ नायक ही नहीं नकारात्मक किरदार निभाने वाले नायक भी तारीफें बटोर सकते हैं. इनके बाद अमरीश पुरी, अमजद खान और ना जाने कितने ही बेहद प्रभावशाली खलनायकों का उदय हुआ.
वर्तमान फिल्मी ट्रेंड पर नजर डालें तो आज शायद हर अभिनेता जो नायक की भूमिका में खुद को स्थापित कर चुका है खलनायकी की ओर रुख करने के लिए प्रयासरत है. इतना ही नहीं आज खलनायकी का यह ट्रेंड केवल अभिनेताओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि अभिनेत्रियां भी इस क्षेत्र में अपनी अदाकारी का जौहर दिखा कर दर्शकों को लुभा रही हैं.
Read Comments