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पिता जैसी मौत और गुमनाम रहना नहीं चाहता

हिन्दी सिनेमा का सफरनामा
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शाहरुख का नाम बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से एक है जिनके मुकाम तक पहुंचना एक सपने जैसा है पर सोचिए यदि शाहरुख ही कहें कि उन्होंने जितनी बड़ी शख्सियत हासिल की है वो सब बेकार है. बालीवुड के किंग खान का कहना है कि शीर्ष पर पहुंचकर बहुत अकेला महसूस कर रहे हैं और वो यह नहीं जानते हैं कि ऐसा महसूस होने का क्या कारण है. उन्होंने कहा कि ‘मेरे पास बहुत अच्छा परिवार है. मेरे पास कुछ अच्छे दोस्त हैं, जिनके साथ मैं बहुत समय गुजारता हूं पर फिर भी पता नहीं क्यों एक अकेलेपन का अहसास मुझे हमेशा होता रहता है’.

Read: नजाकत का क्या कहना ?


shahrukh khanशाहरुख ने अपने बचपन की कहानी बताते हुए कहा कि वो कभी अपने पिता जैसी मौत नहीं चाहते हैं क्योंकि उनके पिता हमेशा एक गुमनाम नाम की तरह रहे पर वो कभी भी ऐसा जीवन व्यतीत करना नहीं चाहते थे पर आज जब वो जीवन की गहराइयों को समझते हैं तो उन्हें यही लगता है कि इस जीवन में शीर्ष पर पहुंचकर अकेलापन आपका साथी बन जाता है. शाहरुख के सिर से 15 वर्ष की उम्र में उनके पिता का साया उठ गया था जिस कारण उनके परिवार को हमेशा पैसों की तंगी झेलनी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि ‘किसी तरह का खालीपन का एहसास है और यह लगातार मुझे परेशान करता है जिसे मैं अपने अभिनय से पूरा करता हूं’.


‘अभिनय अभिनेता का साथी होता है’

कहते हैं कि जिस काम में आपका दिल लगे और जिस काम को करते वक्त आप अपनी सभी परेशानियों को भूल जाएं वो ही काम आपके जीवन के लिए बेहतर होता है. कुछ ऐसा ही हाल शाहरुख खान का है वो जब अपने आपको अकेला महसूस करते है तो वो अपना सारा ध्यान अभिनय की तरफ लगा लेते हैं जिससे कि वो अपनी सारी परेशानियां भूल जाते हैं.


शीर्ष पर पहुंचकर अकेलापन क्यों ?

हम अपनी तमाम जिन्दगी सफलता हासिल करने के लिए मेहनत करते रहते हैं पर जब हमें अपनी मंजिल मिल जाती है तो हमें अकेलेपन का अहसास होने लगता है. शायद ऐसा अहसास इसलिए होता है क्योंकि हम जीवन में अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए बहुत से सच्चे रिश्तों को पीछे छोड़ आते हैं. शाहरुख खान स्वयं भी इस बात में यकीन रखते हैं कि ऐसे बहुत से अच्छे दोस्त थे जिन्हें वो अपने साथ लेकर चलना चाहते थे पर ऐसा हो ना सका. किंग खान अपने बेहतर अभिनय के कारण अपने चाहने वालों को अपना कायल बना लेते हैं पर यह भी सच है कि बॉलीवुड में बहुत से लोग शाहरुख खान की दोस्ती को पसंद नहीं करते हैं.


शाहरुख का नाम बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से एक है जिनके मुकाम तक पहुंचना एक सपने जैसा है पर सोचिए यदि शाहरुख ही कहें कि उन्होंने जितनी बड़ी शख्सियत हासिल की है वो सब बेकार है. बालीवुड के किंग खान का कहना है कि शीर्ष पर पहुंचकर बहुत अकेला महसूस कर रहे हैं और वो यह नहीं जानते हैं कि ऐसा महसूस होने का क्या कारण है. उन्होंने कहा कि ‘मेरे पास बहुत अच्छा परिवार है. मेरे पास कुछ अच्छे दोस्त हैं, जिनके साथ मैं बहुत समय गुजारता हूं पर फिर भी पता नहीं क्यों एक अकेलेपन का अहसास मुझे हमेशा होता रहता है’.


शाहरुख ने अपने बचपन की कहानी बताते हुए कहा कि वो कभी अपने पिता जैसी मौत नहीं चाहते हैं क्योंकि उनके पिता हमेशा एक गुमनाम नाम की तरह रहे पर वो कभी भी ऐसा जीवन व्यतीत करना नहीं चाहते थे पर आज जब वो जीवन की गहराइयों को समझते हैं तो उन्हें यही लगता है कि इस जीवन में शीर्ष पर पहुंचकर अकेलापन आपका साथी बन जाता है. शाहरुख के सिर से 15 वर्ष की उम्र में उनके पिता का साया उठ गया था जिस कारण उनके परिवार को हमेशा पैसों की तंगी झेलनी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि ‘किसी तरह का खालीपन का एहसास है और यह लगातार मुझे परेशान करता है जिसे मैं अपने अभिनय से पूरा करता हूं’.

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‘अभिनय अभिनेता का साथी होता है’

crying shahrukh khanकहते हैं कि जिस काम में आपका दिल लगे और जिस काम को करते वक्त आप अपनी सभी परेशानियों को भूल जाएं वो ही काम आपके जीवन के लिए बेहतर होता है. कुछ ऐसा ही हाल शाहरुख खान का है वो जब अपने आपको अकेला महसूस करते है तो वो अपना सारा ध्यान अभिनय की तरफ लगा लेते हैं जिससे कि वो अपनी सारी परेशानियां भूल जाते हैं.


शीर्ष पर पहुंचकर अकेलापन क्यों ?

हम अपनी तमाम जिन्दगी सफलता हासिल करने के लिए मेहनत करते रहते हैं पर जब हमें अपनी मंजिल मिल जाती है तो हमें अकेलेपन का अहसास होने लगता है. शायद ऐसा अहसास इसलिए होता है क्योंकि हम जीवन में अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए बहुत से सच्चे रिश्तों को पीछे छोड़ आते हैं. शाहरुख खान स्वयं भी इस बात में यकीन रखते हैं कि ऐसे बहुत से अच्छे दोस्त थे जिन्हें वो अपने साथ लेकर चलना चाहते थे पर ऐसा हो ना सका. किंग खान अपने बेहतर अभिनय के कारण अपने चाहने वालों को अपना कायल बना लेते हैं पर यह भी सच है कि बॉलीवुड में बहुत से लोग शाहरुख खान की दोस्ती को पसंद नहीं करते हैं.

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