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कश्मीर की वादियों में पनपता प्यार

हिन्दी सिनेमा का सफरनामा
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किसी ने सच ही कहा है कि कभी-कभी खूबसूरती को बयां करने के लिए शब्द नहीं मिलते हैं. कुछ ऐसी ही खूबसूरती कश्मीर की वादियों की है. कश्मीर की वादियों के बारे में कहा जाता है कि यहां पर जिन प्रेमी जोड़ों की प्यार की दास्तां शुरू होती है वो उम्र भर समाप्त नहीं होती है. कश्मीरी सूफी संगीत के “लिविंग लीजेंड” कहे जाने वाले ‘गुलाम मोहम्मद सानवाज’ कश्मीर की खूबसूरती को बयां कुछ इस तरह करते हैं कि ‘चप्पे चप्पे में संगीत है, बहते झरनों में कहीं संतूर की स्वरलहरियां मिलेंगी तो कहीं चनारों के बीच बहती हवाओं में बजते सितारों के स्वर मिलेंगे आपको, कहीं रबाब तो कहीं नगाड़ा, कहीं “रौफ” पर थिरकती कश्मीरी सुंदरियां, तो कहीं पानी का भरा प्याला सर पर रख कर “नगमा” पर नाचते लड़के. कश्मीर के संगीत में सूफियाना संगीत रचा बसा है’. सच ही है कि कश्मीर की वादियों जैसी खूबसूरती कही भी नहीं है और इस खूबसूरती को शब्द देना बेहद ही मुश्किल है. कश्मीर की वादियों की खूबसूरती के कारण ही बॉलीवुड के महान निर्देशकों ने अपनी फिल्मों के रोमांस को कश्मीर की वादियों में पनपता दिखाया है. बॉलीवुड के रोमांटिक निर्देशक ‘यश राज’ हों या फिर आज के समय के निर्देशक इम्तियाज अली ही क्यों ना हों पर जब भी किसी निर्देशक को इश्क, मोहब्बत जैसे शब्दों को आधार बनाकर फिल्म निर्देशित करनी होती है तो उन्हें कश्मीर की वादियों की जरूरत महसूस होती है.

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kashmirएक समय था जब बॉलीवुड में कश्मीर की वादियों में ‘कट’ और ‘एक्शन’ की आवाजें गूंजती थीं पर आज अधिकांश फिल्मों में विदेशों के सींस लिए जाते हैं जिसका बड़ा कारण यह है कि आज कुछ निर्देशकों को यह लगने लगा है कि कश्मीर की वादियों के सींस शूट करने से बेहतर है कि विदेशों में जाकर शूटिंग की जाए क्योंकि लोग फिल्म प्रमोशन में विदेशों के सींस देखकर बड़े पर्दे पर फिल्म देखने के लिए आते हैं. बॉलीवुड में शूटिंग की जगह को लेकर जो परिवर्तन आए हैं उसके लिए सिर्फ आज के निर्देशक ही जिम्मेदार नहीं हैं. ‘यश राज’ जैसे महान निर्देशक ने भी अपनी निर्देशित आखिरी फिल्म ‘जब तक है जान’ में विदेशों में शूटिंग की थी. ‘यश राज’ ने भी आज के समय को देखकर यह जरूरी नहीं समझा कि कश्मीर या फिर सरसों के खेतों के बीच प्यार को पनपता हुआ दिखाया जाए.

बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्में ‘दो बदन’, ‘कश्मीर की कली’, ‘जब जब फूल खिले’, ‘आरजू’, ‘कभी कभी’ और ‘बाबी’ जैसी मोहब्बत भरी फिल्मों की शूटिंग कश्मीर की वादियों में की जा चुकी है और इन फिल्मों को आज भी लोग देखना चाहते हैं तो फिर यह कहना गलत होगा कि लोगों की पसंद में परिवर्तन हो चुका है.

वैसे फिल्मकारों का कैमरा एक बार फिर कश्मीर और कश्मीर जैसी और भी खूबसूरत घाटियों की ओर रुख करने लगा है. इन खूबसूरत वादियों में ‘कट’ और ‘एक्शन’ की आवाजें फिर से गूंजने लगी हैं. निर्देशक इम्तियाज अली ने अपनी सुपरहिट फिल्म ‘रॉकस्टार’ में अपने कुछ गानों में हिमाचल की खूबसूरती को शूट किया है और कुछ ही समय बाद रिलीज होने वाली फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ में रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण को पहलगाम, श्रीनगर और गुलमर्ग जैसी खूबसूरत वादियों में रोमांस करता हुआ दिखाया गया है.

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