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ढलती उम्र में और भी दिलकश दिखने लगीं रेखा !!

हिन्दी सिनेमा का सफरनामा
हिन्दी सिनेमा का सफरनामा
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rekhaबॉलिवुड के इतिहास पर नजर डालें तो बहुत सी ऐसी हसीनाएं दिखाई देती हैं जिन्होंने अपनी खूबसूरती और नजाकत के बल पर एक लंबे समय तक दर्शकों के दिलों पर राज किया है. लेकिन नए जमाने की अभिनेत्रियों के बॉलिवुड में प्रदार्पण के साथ-साथ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के आसमान पर चमक रही उन हुस्न की मल्लिकाओं की जादूगरी कम होती गई. लेकिन एक अभिनेत्री ऐसी भी हैं जिनके लिए उम्र का बढ़ना एक वरदान से कम साबित नहीं हुआ और उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद आज भी वह नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों को टक्कर दे सकती हैं.


दक्षिण भारत से बॉलिवुड में प्रवेश करने वाली रेखा, एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने अपनी अदाकारी और खूबसूरती की एक मिसाल बॉलिवुड में पेश की है. बारह वर्ष की छोटी सी उम्र में अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूरुआत करने वाली रेखा आज भी अपनी नशीली आंखों और सदाबहार खूबसूरती के बल पर अपने दम पर दर्शकों को खींच लाने का दम रखती हैं.


रेखा का प्रभाव बॉलिवुड में इस कदर कायम है कि आज भी निर्माता-निर्देशक उन्हें ग्लैमरस भूमिका देने में जरा भी नहीं हिचकिचाते. परिणीता फिल्म के निर्देशक प्रदीप सरकार ने तो परिणीता फिल्म में रेखा को जो गाना दिया उसे इतनी नजाकत से निभाना किसी समकालीन अभिनेत्री के बस में नहीं था लेकिन रेखा ने तो जैसे इस गाने में जान फूंक दी थी.


रेखा के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी इसीलिए 12 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था. वर्ष 1966 में प्रदर्शित तेलुगू फिल्म रंगुला रतनाम के जरिए उन्होंने फिल्मी दुनियां में प्रवेश किया. उनकी पहली बॉलिवुड फिल्म सावन भादो थी. तेलुगु पृष्ठभूमि से आई रेखा की हिंदी अच्छी नहीं थी और उनका वजन भी ज्यादा था इसीलिए हिंदी फिल्म दर्शकों ने उन्हें पहली फिल्म में ही नकार दिया.


इसके बाद उन्होंने कहानी किस्मत की, नमक हराम, रामपुर का लक्ष्मण और प्राण जाए पर वचन ना जाए जैसी फिल्मों में अभिनय किया. लेकिन उन्हें मुख्य पहचान वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म दो अनजाने से मिली. इस फिल्म में उनके अभिनय को बेहद सराहना मिली. इस फिल्म के बाद आई मुकद्दर का सिकंदर फिल्म भी अत्याधिक सफल रही.


रेखा को उमराव जान फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया. अपने 42 साल के कॅरियर में उन्होंने घर, खूबसूरत, सिलसिला, विजेता, उत्सव, खून भरी मांग, जुबैदा, भूत और कृष जैसी तकरीबन 180 फिल्मों में अपने बेजोड़ अभिनय की मिसाल पेश की है.


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