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दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए, रुझान आये, फिर नतीजे भी आ गए| अब आ.आ.पा. इसे अपने नेता का चमत्कारिक व्यक्तित्व और भरोसेमंद होना बताएगी, भाजपा का बेनकाब होना बताएगी, अपने पार्टी के एजेंडे की जीत, आम-आदमी की ताकत बताएगी और कभी इसे कांग्रेस और भाजपा का अहंकार कहेगी, लेकिन वह हकीकत जिसने उसे दिल्ली का चुनाव जिताया स्पष्ट कभी बयान नहीं करेगी| भाजपा भी सबकुछ जानते हुए हकीकत से मुंह मोड़ती रहेगी क्योंकि चुनाव न तो आ.आ.पा. ने रातों-रात जीता है न ही भाजपा रातों-रात हारी है| भाजपा पेट का दर्द कपाल पर सेंककर राहत पाने की कोशिश करेगी| नतीजा होगा- ढाक के तीन पात| भाजपा का वोट सिर्फ १ से २ प्रतिशत कम हुआ है लेकिन हार सबक सिखाने वाली मिली है|
लोकसभा चुनाव के दौरान युवाओं का आह्वान करने और युवाओं को अपने साथ जोड़ने का सफल प्रयास करने वाले, उन्हें वास्तव में समझने और सम्मान देने का अहसास कराने वाले ‘मोदी’ सत्ता में आते ही इस महाशक्ति को भूल गए| किसी के व्यक्तिगत जीवन को उद्धरण स्वरुप लेना ठीक नहीं फिर भी माफ़ी चाहते हुए कहना चाहूंगा कि मोदी जी की वह चाहत जिसने उन्हें कभी जशोदाबेन को अपनी पत्नी न मानने दिया, तब खुद मोदी जी के जेहन में क्यों नहीं आई जब भाजपा का समर्थन करने वाले विभिन्न समूहों के गुंडे दिल्ली में युवा एवं किशोरवय प्रेमी जोड़ों को तथाकथित हिन्दू संस्कृति के नाम पर थप्पड़ और जूतों से नवाज रहे थे| याद कीजिये मोदी जी दिल्ली की जिन गलियों में आपके प्रत्याशी वोट की भीख मांगने निकले थे उन्ही गलियों में आपके समर्थक गुंडों ने न सिर्फ बच्चों और युवाओं के साथ जूतम पैजार की बल्कि उनकी तस्वीरें सोशल-मीडिया पर लगाकर उन्हें सबक भी सिखाया था| सबसे मजे की बात रही कि किस ऑफ़ लव का आयोजन करने वाले बड़ी संख्या में उसी समूह के सदस्य थे जिनके झंडाबरदार के रूप में आप भारत के प्रथम ‘राष्ट्रवादी हिन्दू प्रधानमन्त्री’ बने हैं| याद कीजिए मोदी जी, उन बच्चों और उन उन युवाओं के समर्थन में सिर्फ और सिर्फ आ.आ.पा. आई थी और उनके साथ जूते, चप्पल और गलियाँ खा कर भी उनका साथ नहीं छोड़ा था| सात फरवरी को यही युवा और उन किशोरों का परिवार आ.आ.पा. के साथ आ खड़ा हुआ| हिन्दुस्तान सिर्फ आडम्बर करने वालों का देश नहीं है प्रधानमंत्री जी, ये देश यदि मर्यादापुरुषोत्तम राम का है तो प्रेम के देव पूर्ण-ब्रह्म कृष्ण का भी है| प्रेम के किसी भी रूप को अपमानित करके आप लोगों का दिल नहीं जीत पाएंगे और दिल नहीं जीत सकते तो वोट कहाँ से पाएंगे? लोगों को बेज्जत करके भाजपा भी अपनी इज्जत नहीं बचा पाई लेकिन प्रेम करने वाले परिंदों के साथ खड़े होकर केजरीवाल की पार्टी ने जो अपनापन पाया उस प्रेम की लाली ठीक १४ फरवरी को ‘रामलीला मैदान’ में देखने के लिए आप को भी निमंत्रण जा चुका है| प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि वैलेंटाइन डे के शुभ अवसर पर एक नज़र रामलीला मैदान की भीड़ पर जरूर डालियेगा आपको पावर ऑफ़ किस जरूर दिखाई पड़ेगी|
शेष कारणों पर भी नज़र डालेंगे………. फिर कभी 🙂
हैप्पी वैलेंटाइन डे!
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