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मुझे मजबूर न करना (गज़ल)

CHETANA चेतना
CHETANA चेतना
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दुनिया वालों मुझे इतना मजबूर न करना।

कि आँख छलके या दिल बारूद बन जाए॥

मेरी जिंदगी है कीमत, तेरे इंतकाम की तो।

ये मौत मेरी बेगुनाही का सबूत बन जाए॥

देख अपने गुनाह फिर तू ये सोच कि कैसे?

तेरे इल्जाम भर से जिंदगी बोझ बन जाए॥

हर शख़्स को शक की निगाह से मत देखो।

कहीं खुशी किसी घर, खामोश न हो जाए॥

मैं करता हूँ इबादत तो तेरी खुशी के लिए।

मेरे सपने का क्या अगर वो टूट भी जाए॥

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