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एक दिन

aahwaan
aahwaan
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एक और दिन गुजर गया यूँ चलते-चलते,
मौसम ने भी साथ दिया मेरा रंग बदलके,
कहीं चहकी कोई चिड़िया,कही कोई कोयल बोली,
सबने मिल के मस्ती की चादर यूँ ओढ़ ली,
जैसे कल तक भी रहेगा ऐसा ही एहसास ,
गर्मी और उमस हो गई बीते कल की बात।
अब तो सूखे पौधों में भी हरियाली आ गई,
जिधर देखो उधर जिन्दगी मुस्करा रही,

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