- 83 Posts
- 164 Comments
मित्रो, मैँ एक आवासीय विद्यालय मेँ अध्यापक हूँ । मुझे अध्यापक के साथ-2 एक वार्डन के रूप मेँ भी अपने कर्तव्य का पालन करना होता है । इसलिए प्रत्येक रात्रि भोजन उपरान्त छात्रोँ के साथ सदन मेँ बैठकर उनके परामर्श, पाठ्य गतिविधियोँ पर चर्चा आदि हेतु बातचीत करनी होती है । मेरे सदन मेँ कक्षा 6 से लेकर 9 तक के छात्र हैँ ।
दिनाँक 21-9-14 की रात्रि जब मैँ छात्रोँ के मध्य बैठा हुआ था, तो एक कक्षा 6 के छात्र ने एक ऐसा सवाल पूछ लिया जिसने मुझे हिलाकर रख दिया । मैँने अपनी ओर छात्र की जिज्ञासा शाँत करने की पूरी कोशिश की, लेकिन मुझे लगा कि मैँ इसमेँ सफल नहीँ हुआ, इसलिए आपके सुझाव चाहता हैँ ताकि बच्चे को ठीक से उत्तर दे सकूँ ।
बच्चे ने पूछा था “सर, ये आतँकवादी क्या होते हैँ? ये लोगोँ को क्योँ मारते हैँ?”
सवाल मेरे दिल को चीरकर आत्मा तक उतर गया । मैँ कुछ देर तक मौन रहा । सभी बच्चे उत्सुकतापूर्वक मेर चेहरे को देख रहे थे । मैँ विचारोँ की नगरी से बाहर आया और बोला “बेटा, अच्छा ये बताओ कि हम कोई भी काम करने से पहले क्या करते हैँ?” सभी बच्चे चुप हो गये । तभी एक बालक बोला “सर, हम दिमाग मेँ सोचते हैँ कि इस काम को कैसे करेँगे?” मैँ बोला ” बच्चो, हमारा दिमाग ऐसा है जो हर समय कुछ न कुछ सोचता रहता है । अब यह जरूरी तो नहीँ कि हर किसी व्यक्ति के दिमाग मेँ तैर रही सारी बातेँ अच्छी ही होँ । कुछ लोग गलत बातेँ भी सोचते हैँ । जैसे मानो सामने एक सुन्दर फूल खिला है । उसे एक व्यक्ति देखता है । वह उसे देखकर खुश होता है । मान लो दूसरा व्यक्ति वहाँ आये और फूल को तोङकर फेँक दे । यह हुआ ना सोच मेँ अन्तर” अब बच्चे के प्रश्न का उत्तर देते हुए मै बोला “बेटा! ऐसे ही जो लोग दूसरोँ को खुश नहीँ देखना चाहते, उन्हेँ मार डालना चाहते हो, आतँकवादी बन जाते हैँ । ये आतँकवादी खराब सोच वाले लोग होते हैँ। ” मैँने बच्चे से पूछा “अब समझ मेँ आया कि आतँकवादी क्या हैँ?” उसने मुझे सकारात्मक जबाव दिया ।
हे प्रभो! इन पथभ्रष्ट लोगोँ को अच्छी सोच दे ताकि ये खून खराबे का रास्ता छोङ देँ ।
Read Comments