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Career 2012 : यहां भी हैं संभावनाएं

नई इबारत नई मंजिल
नई इबारत नई मंजिल
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best coursesबारहवीं के बाद स्टूडेंट्स चाहें तो ग्रेजुशनल करते हुए कई तरह के पार्ट टाइम प्रोफेशनल कोर्सेज भी कर सकते हैं। ये कोर्स न सिर्फ कॅरियर बल्कि भविष्य संवारने में भी बेहद सहायक साबित हो सकते हैं.. किसी स्टूडेंट को अपनी पढाई हूमैनिटीज, कॉमर्स या फिर साइंस, किस विषय के साथ जारी रखनी है, इसका निर्धारण तो दसवीं की परीक्षा के परिणामों के साथ ही हो जाता है। लेकिन बारहवीं के परिणाम आने के बाद स्टूडेंट्स जब कॅरियर बनाने के लिए यूनिवर्सिटीज की राह पकडते हैं तो चूमैनिटीज के स्टूडेंट्स को अक्सर यह निर्णय करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पडता है कि आखिर कॅरियर की सही दिशा के लिए क्या चुनना बेहतर रहेगा। क्या किसी में कॉलेज पारंपरिक कोर्स किया जाए या फिर किसी प्रोफेशनल कोर्स को वरीयता दी जाए। पार्ट टाइम कोर्सेज भविष्य संवारने के लिए कैसे रहेंगे, यह चिंता भी उन्हें होने लगती है। वैसे इस बारे में कॅरियर काउंसलर्स का कहना है साइंस और कॉमर्स को आसानी से नौकरी दिलाने वाले विषयों के तौर पर देखा जाता रहा है, लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं कि चूमैनिटीज के स्टूडेंट्स के पास भी विकल्प की कोई कमी नहीं है। हूमैनिटीज के स्टूडेंट्स, ग्रेजुएशन करते हुए इन क्षेत्रों में भी अपने लिए संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं।


कॅरियर 2012 : क्या है यह डिस्टेंस लर्निंग ?


मास कॉम

मास कम्यूनिकेशन एक ऐसा क्षेत्र है जो हर स्ट्रीम के स्टूडेंट का स्वागत करता है। वैसे अब भी साइंस और कॉमर्स की अपेक्षाकृत चूमैनिटीज के स्टूडेंट्स इस क्षेत्र को काफी पसंद करते हैं। आम तौर पर मास कम्यूनिकेशन को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व खबरों के साथ ही जोडकर देखा जाता है। वैसे यह सही भी है कि इससे संबंधित कोर्स करने के बाद अभ्यर्थी किसी अखबार या फिर न्यूज चैनल के साथ जुडने की ख्वाहिश रखते हैं। लेकिन बदलते वक्त में इस सेक्टर का दायरा भी काफी बढा है। आपको जानकारी होगी कि न सिर्फ सार्वजनिक बल्कि निजी क्षेत्र की कंपनियों में भी जनसंपर्क अधिकारियों की आवश्यकता होती है, ऐसे अधिकारी न सिर्फ अपनी कंपनी की आंतरिक बल्कि बाहरी संदेशों को भी संप्रेषित करने का काम करते हैं। मास कॉम का कोर्स करने के बाद जर्नलिस्ट, पब्लिक रिलेशन ऑफिस और कंटेंट राइटर के तौर पर भी कॅरियर को दिशा दी जा सकती है। कॅरियर काउंसलर जितिन चावला कहते हैं कि इस क्षेत्र में उतरने के लिए पहली शर्त यही है कि भाषा पर आपकी पकड हो, शब्दों से आप खेलना जानते हों और अपनी बातों से दूसरों को आसानी से और अच्छी तरह प्रभावित कर पाने की क्षमता रखते हों। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों से मास कॉम में डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज उपलब्ध हैं।


ब्यूटी सेक्टर

शायद ही कोई ऐसा हो जो खूबसूरत दिखने की चाहत न रखता हो। लोगों की इस चाहत में आप अपने लिए संभावनाएं तलाश सकते हैं। ब्यूटी कल्चर का कारोबार भी तेजी से बढ रहा है। इसके अलावा लडकियां हों या फिर लडके, हेयर स्टायलिंग के प्रति भी लोगों में सजगता बढी है। बाजार में इन सब से संबंधित भी कई कोर्स उपलब्ध हैं, जिन्हें छह से साल भर की अवधि में किया जा सकता है। इन कोर्सेज के बाद आप चाहें तो स्वयं का व्यवसाय आरंभ कर सकते हैं या फिर ऐसी सेवाएं देने वाली किसी कंपनी के साथ जुड सकते हैं।


अनुवादक व दुभाषिया

मौजूदा समय को वैश्विक युग के तौर पर जाना जाता है, जहां संचार माध्यमों की सुविधाओं की वजह से दुनिया एक छोटे से गांव के रूप में सिमट कर रह गई है। इसके अलावा आर्थिक उदारीकरण के उपरांत भारत का दूसरे देशों के साथ बिजनेस और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढा है। ऐसे में बारहवीं के बाद आप चाहें तो पारंपरिक कोर्स से ग्रेजुएशन की डिग्री लेते हुए किसी दूसरी भाषा को सीख सकते हैं।

जर्मन, फ्रेंच, जैपनीज, चाइनीज, हीब्रू जैसी तमाम भाषाओं पर पकड बनाने के बाद इस क्षेत्र में अच्छा नाम और दाम दोनों कमाया जा सकता है। हां बेहतर होगा कि आपकी विदेशी भाषा के साथ हिन्दी और अंग्रेजी पर भी आप अच्छी पकड बना लें। इस कोर्स के बाद ट्रांसलेटर, इंटरप्रिटेटर, ऑनलाइन कंटेंट राइटर, टूअर ऑपरेटर या गाइड के रूप में जॉब तलाश सकते हैं।


Career Counselling for Parents


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