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दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद राघव ने हिमाचल के एक इंस्टीट्यूट से माउंटेनियरिंग (Mountaineering) का बेसिक और एडवांस कोर्स किया। माउंटेनियरिंग में एक-दो साल का एक्सपीरियंस लेने के बाद राघव लर्नर से एंटरप्रेन्योर बन गए। उन्होंने खुद की एडवेंचर टूरिज्म कंपनी (Adventure Tourism Company) शुरू की। अब राघव साल के बारह महीने एडवेंचर के शौकीन टूरिस्ट्स को ट्रैकिंग कराते हैं। असल में एडवेंचर स्पोर्ट्स (Adventure Sports) फ्यूचर का करियर है और युवाओं को यह खूब लुभा रहा है। विदेश की तरह अब हमारे देश में भी एडवेंचर स्पोर्ट्स को मान्यता मिलने लगी है। अगर पहाडों की ऊंचाइयां मापने, जंगल में ट्रैकिंग, खुले आसमान में ग्लाइडिंग या नदी में राफ्टिंग करने को आप सिर्फ एक हॉबी ही समझते हैं, तो आप गलत हैं, क्योंकि इन्हें करियर के रूप में भी अपनाया जा सकता है एडवेंचर के शौकीन टूरिस्ट्स हिमालय की पहाडियों या हम्पी की सख्त चट्टानों या फिर गोवा के बीच का रुख जरूर करेंगे और उनका ये शौक पूरा कराएंगे प्रोफेशनल एडवेंचर स्पेशलिस्ट। भारत की डेमोग्राफी स्थिति भी एडवेंचर टूरिच्म के लिए मुफीद है, क्योंकि यहां बर्फ से ढके पहाड भी हैं, तो लद्दाख जैसा कोल्ड डेजर्ट भी। यहां नदियां और घने जंगल भी हैं, तो स्कूबा डाइविंग के लिए गोवा का बीच भी। इतनी सारी विविधताएं एक एडवेंचर टूरिस्ट को लुभाने के लिए काफी हैं। एडवेंचर ट्रेवेल इंडस्ट्री (Adventure Travel Industry) में कई रूपों में आप अपने करियर की तलाश कर सकते हैं-
माउंटेनियरिंग (Mountaineering)
एडवेंचर स्पोर्ट्स में सबसे पॉपुलर है माउंटेनियरिंग। इसके शौकीनों की कोई कमी नहीं है। एवरेस्ट पर पहुंचने वाली पहली महिला पर्वतारोही बिछेन्द्री पाल और आज के पर्वतारोही अर्जुन ने माउटेनियरिंग को नई दिशा दी है। अगर आप फिजिकली फिट हैं और बर्फीली चोटियों और चट्टानों पर चढने का हौसला रखते हैं, तो माउंटेनियिरंग करियर को आप चुन सकते हैं। हालांकि देश के काफी संस्थानों में माउंटेनियरिंग का कोर्स कराया जाता है, लेकिन उत्तरकाशी का नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग ट्रेनिंग में अव्वल है। देश की पहली महिला पर्वतारोही बिछेन्द्री पाल, दो बार एवरेस्ट पर अपना परचम लहराने वालीं संतोष यादव और देश के सबसे छोटे माउंटेनियर अर्जुन भी यहीं से ट्रेनिंग ले चुके हैं और यही वजह है कि इसे इंडियन माउंटेनियिरंग का मक्का भी कहा जाता है। निम के प्रिंसिपल कर्नल आई एस थापा के मुताबिक माउटेनियरिंग के बेसिक कोर्स के लिए कैंडिडेट का फिजिकली फिट (Physically fit) होना जरूरी है। साथ ही उसकी उम्र 17 से 35 साल के बीच हो। वहीं एडवांस कोर्स के लिए उम्र 18 से 40 साल के बीच और ए ग्रेड के साथ माउंटेनियरिंग का बेसिक कोर्स किया हो। यहां 26 दिन का बेसिक और 28 दिन का एडवांस कोर्स कराया जाता है। जॉब ऑप्शन : माउंटेनियरिंग का कोर्स करने के बाद आप ट्रेकिंग या माउंटेन गाइड बन सकते हैं। एक प्रक्षिशित ट्रेनर 12 हजार से लेकर 70 हजार रुपए महीने तक कमा सकता है। चाहें तो किसी संस्थान से सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स भी कर सकते हैं, जिसका आपको अतिरिक्त लाभ मिल सकता है। आजकल इस क्षेत्र में जीपीएस ट्रेकिंग और मैप रीडिंग की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है। वहीं राघव की तरह खुद के एंडवेंचर कैंप्स (Adventure Camps) भी आर्गेनाइज कर सकते हैं।
ट्रेनिंग फैसिलिटेटर्स और ट्रेनर्स
कंपनियों के एचआर डिपार्टमेंट आउटबाउंड ट्रेनिंग को ट्रेनिंग का सबसे बेहतरीन जरिया मानते हैं साथ ही यह काफी कारगर एंप्लॉई एंगेजमेंट मॉडल भी है। कंपनियों को अकसर आउटबाउंड ट्रेनिग प्रोग्राम्स के लिए काफी प्रशिक्षित और योग्य एंडवेंचर प्रोफशनल्स की जरूरत रहती है। फैसिलिटेटर और ट्रेनर बनने के लिए बेहतरीन स्किल्स के साथ-साथ अतिरिक्त योग्यता होना भी जरूरी है। एक फैसिलिटेटर और ट्रेनर की मासिक आय 15 हजार से लाख तक हो सकती है। इसके लिए विभिन्न संस्थानों में एडवेंचर कोर्स (Adventure Course) कराए जाते हैं।
स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving)
आजकल लोगों में समुद्र के प्रति दिलचस्पी तेजी से बढने लगी है। फिल्मों में स्कूबा को इस्तेमाल बडे पैमाने पर होने लगा है। फिल्म ब्लू में भी अक्षय कुमार, संजय दत्त और लारा दत्ता समंदर की गहराइयों में अठखेलियां यानी स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving) करते नजर आए थे। अगर आप साहसी हैं और पानी से खेलने में आपको मजा आता है, तो आपके लिए यह फील्ड गोल्डन अपॉरच्युनिटी साबित हो सकता है।
जॉब ऑप्शन : स्कूबा डाइविंग की ट्रेनिंग लेने वालों के लिए इस फील्ड में जॉब के ढेरों ऑप्शंस हैं। खासकर कोस्टल एरिया (Coastal Area) में देश-दुनिया से लाखों लोग आते हैं और यहां अंडर वाटर टूरिच्म को बढावा देने के लिए कंपनियां स्कूबा इंस्ट्रक्टर (Scuba Instructor) को हायर करती हैं। वैसे, इस फील्ड में आप कॉमर्शियल ड्राइवर, डाइविंग इंस्ट्रक्टर, बडी-बडी तेल कंपनियों में कंस्ट्रक्शन और रिपेयर डाइवर्स के रूप में जॉब कर सकते हैं। इस फील्ड में सैलरी भी काफी अच्छी होती है। शुरुआती दौर में अच्छे इंस्ट्रक्टर की सैलरी प्रति माह 30 हजार रुपये के करीब होती है। इसके अलावा, इंसेंटिव भी अलग से मिलता है। दो से तीन साल के अनुभव के बाद आप 50 से 70 हजार रुपये प्रति माह आराम से कमा सकते हैं।
रॉफ्टिंग और एयरो स्पोर्ट्स (Rafting and Aero Sports)
अब राफ्टिंग सिर्फ मौज-मस्ती के लिए ही नहीं रह गया है। कई साहसी युवाओं ने इसे बतौर करियर अपनाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि भारत में राफ्टिंग अब काफी पॉपुलर हो रहा है। राफ्टिंग का कोर्स कराने वाले संस्थान राफ्टिंग में सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करते हैं। राफ्टिंग की ट्रेनिंग के दौरान राफ्टिंग इक्विपमेंट्स (Rafting Equipments) के इस्तेमाल करने का तरीका सिखाया जाता है। साथ ही ओवरनाइट रिवर ट्रिप, नदी का बहाव, गहराई, ढलान और उसके खतरों की भी विस्तार से जानकारी दी जाती है। भारत में राफ्टिंग के कोर्स की अवधि छह माह होती है। वहीं देश में पैराग्लाइडिंग (Paragliding) का क्रेज भी जबरदस्त बढ रहा है। यही वजह है कि आज देश के हर हिल स्टेशन में पैराग्लाइडिंग कराई जाती है। एक अच्छा पैराग्लाइडर इंस्ट्रक्टर (Paragliding Instructor) बनने के फिजकली फिट होने के साथ-साथ कई घंटों की उडान का अनुभव होना जरूरी है। पैराग्लाइडिंग कोर्स (Paragliding Course) 3 पार्ट्स में होता है, पहला पी वन लेवल (बिगनर्स), दूसरा पी टू लेवल (नोवाइस) और तीसरा पी थ्री लेवल (इंटरमीडियएट)। इसके अलावा कुमाऊं मंडल विकास निगम भी पैराग्लाइडिंग ट्रेनिंग कोर्स का आयोजन करता है।
जॉब ऑप्शन : राफ्टिंग का कोर्स करने के बाद आप राफ्टिंग गाइड (Rafting Guide) बन सकते हैं। चाहें तो अपना राफ्टिंग ट्रेनिंग स्कूल (Rafting Training School) खोल सकते हैं। साहसी व एडवेंचर पसंद युवाओं को नदी में राफ्टिंग कराकर भी अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। वहीं पैराग्लाइडिंग कोर्स करने के बाद आप अपना ट्रेनिंग स्कूल या एडवेंचर ग्रुप्स या ट्रेवलिंग एजेंसी से जुड कर सैलानियों को पैराग्लाइडिंग करा सकते हैं।
कैसे करें शुरुआत
इस फील्ड में एंट्री के लिए आपका एडवेंचर लवर होना जरूरी है, साथ ही स्पोर्ट्स को आगे बढाने का स्पिरिट का होना जरूरी है। बतौर ट्रेनर या आर्गेनाइजर आप अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए स्पोर्टिग टैलेंट और मैनेजमेंट की काबिलियत होना जरूरी है। वैसे ऑउटडोर स्पोर्ट्स का च्यादातर काम घूमने-फिरने के दौरान ही सीखा जाता है। ट्रेनर्स का काम एडवेंचर में लोगों की दिलचस्पी बढाना है। इसके अलावा संकट के समय रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) की ट्रेनिंग इस फील्ड के लिए एडिशनल स्किल्स साबित हो सकती है।
माउंटेनियरिंग (Mountaineering)
माउंटेनियरिंग नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग, उत्तरकाशी
nimindia.org
अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली
adventurehimalaya.org
हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट, दार्जिलिंग
himalayanmountaineeringinstitute.com
जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग, पहलगाम
स्कूबा डाइविंग (Scuba Diving)
प्लेनेट स्कूबा इंडिया, बेंगलुरु
planetscu baindia.com
बाराकूडा डाइविंग इंडिया, गोवा
barracud adiving.com
ठाणे स्कूबा डाइविंग क्लब, ठाणे, महाराष्ट्र ,
acucindia.com
लाकाडाइव, मुंबई एवं बैंगलुरु
lacadives.com
राफ्टिंग (Rafting)
वॉटर स्पोर्ट्स सेंटर, बिलासपुर
अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली
adventurehimalaya.org
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट्स, पणजी
niws.nic.in
काटाबेटिक एंडवेंचर स्पोर्ट्स, ऋषिकेश
katabatic.co.in
रीजनल वाटर्स स्पोर्ट्स सेंटर, कांगडा
हिमालयन रिवर रनर्स, नई दिल्ली
hrrindia.com
पैरा ग्लाइडिंग (Paragliding)
बंगलौर माउंटेनियरिंग क्लब, बंगलुरु
bmcindia.org/
अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली
adventurehimalaya.org
निर्वाना एडवेंचर्स, पुणे
flynirvana.com
पीजी गुरुकुल, मनाली
pgindia.net
स्कीइंग (Skiing)
विंटर स्पोर्ट्स स्कीइंग सेंटर, कुल्लू
हाई एल्टीट्यूड ट्रेकिंग एंड स्कीइंग सेंटर, नारकंडा
इंडियन स्कीइंग एंड माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट, गुलमर्ग
gulmarg.org
अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स,
adventurehimalaya.org
एडवेंचर स्पोर्ट्स सेंटर, हटकोटी, शिमला।
जरूरी है लीडरशिप क्वालिटी
एडवेंचर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग देने वाले देश के प्रमुख संस्थान नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग, उत्तरकाशी (निम) के प्रिंसिपल कर्नल आई.एस. थापा से खास बातचीत :
एडवेंचर स्पोर्ट्स में निम कौन-कौन से कोर्स आयोजित करता है ?
निम में माउंटेनियरिंग में बेसिक के साथ-साथ एडवांस कोर्स, सर्च एंड रेस्क्यू आपरेशन, मेथड ऑफ इंस्ट्रक्शन, एडवेंचर कोर्स के अलावा कई दूसरे कोर्स भी कराये जाते हैं। इसके अलावा, एडवेंचर कोर्सो में युवाओं की बढती रुचि देखते हुए निम जल्द ही ऋषिकेश में गंगा किनारे अपना नया इंस्टीट्यूट खोलने जा रहा है, जहां एडवेंचर स्पोर्ट्स में नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
एडवेंचर स्पोर्ट्स में एंट्री के लिए आवश्यक योग्यता क्या होनी चाहिए?
निम पूरे साल विभिन्न आयुवर्ग के लोगों के लिए कई कोर्स आयोजित करता है। वैसे तो रेगुलर कोर्सो में एंट्री की कुछ सीमाएं हैं, लेकिन स्पेशल कोर्स कोई भी ज्वाइन कर सकता है। हालांकि निम में किसी भी कोर्स में एंट्री से पहले कैंडिडेट का फिजिकल और मेडिकल टेस्ट अनिवार्य है।
देश में एडवेंचर कोर्सेज का क्या भविष्य है?
पिछले कुछ सालों में भारत दुनिया में नए एडवेंचर स्पॉट के रूप में उभरा है। यही वजह है कि तकरीबन 50 लाख से अधिक विदेशी टूरिस्ट सालाना भारत भ्रमण के लिए आते हैं। एडवेंचर टूरिज्म इंडस्ट्री का अहम हिस्सा है और भारत सरकार और राज्य सरकारें युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए इसे काफी बढावा दे रही हैं।
एक प्रोफेशनल एडवेंचर स्पेशलिस्ट में किन गुणों का होना जरूरी है
एक प्रोफेशनल एडवेंचर स्पेशलिस्ट के लिए एक अच्छे संस्थान से ट्रेनिंग लेना आवश्यक है। इसके अलावा, उसे इलाके की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। साथ ही वेदर ऑब्जर्वेशन स्किल्स के अलावा उसमें लीडरशिप क्वालिटी होनी चाहिए। वहीं किसी आकस्मिक दुर्घटना के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी होना भी जरूरी है।
इस फील्ड में जॉब ऑप्शंस और सैलरी प्रॉस्पेक्ट क्या हैं?
एडवेंचर स्पोर्ट्स अपने आप में रोमांचक और मजेदार करियर है। जहां तक इस फील्ड में पैसा कमाने की बात है तो यह कैंडिडेट की क्षमता और कार्य कुशलता पर निर्भर करता है। इस फील्ड में एंट्री के बाद आप अपनी ट्रैवेल एंजेसी खोल कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं या फिर ट्रेनिग संस्थान, एडवेंचर एंजेसी के साथ जुड सकते हैं।
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