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साइंस की दुनिया दिन-प्रतिदिन रोमांचक होती जा रही है। अब इसके बल पर भविष्य में होने वाली समस्याओं से लड़ने की तैयारी हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में लोगों को कुछ समस्याओं से रूबरू होना पड़ सकता है, जैसे खाद्य पदार्थो की कमी, बीमारियों से लड़ने के लिए नई मेडिसिन इत्यादि, लेकिन अब इन समस्याओं को बायोटेक्नोलॉजी की मदद से सुलझाने की कोशिश हो रही है। पिछले दिनों एक खबर आई थी कि आलू और टमाटर के जीन को मिलाकर एक ऐसा पौधा तैयार किया जा रहा है, जिसमें साथ-साथ दोनों सब्जी उगेंगी। ये अधिक पौष्टिक होने के साथ-साथ लंबे समय तक खराब भी नहीं होंगी। यही बायोटेक्नोलॉजी का कमाल है। कॅरियर बनाने के लिए इस क्षेत्र में बेहतरीन संभावनाएं हैं।
कोर्स
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बायोटेक्नोलॉजी में बैचलर और पीजी स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में रिसर्च की सुविधा भी उपलब्ध है।
योग्यता
बीएससी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से बायोलॉजी के साथ साइंस में बारहवीं पास होना जरूरी है।
कार्य
बायोटेक्नोलॉजिस्ट लिविंग ऑर्गनिज्म और प्रॉडक्ट को मोडिफाई कर इसका उपयोग ह्यूमन हेल्थ और ह्यूमन एनवॉयर्नमेंट के लिए करते हैं। वे तकनीक की मदद से बीजों को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने, पौधों को बीमारियों से बचाने, फसलों के उत्पादन और पौष्टिकता में वृद्धि के लिए भी कार्य करते हैं।
संभावनाएं
इस समय भारत में 300 से अधिक बायोटेक्नोलॉजी कंपनियां हैं। फिलहाल ग्लोबल बायोटेक इंडस्ट्री में भारतीय बायोटेक इंडस्ट्री की हिस्सेदारी लगभग 1.1 फीसदी है। दरअसल, आज भारत केवल बायोटेक प्रॉडक्ट्स के लिए ही पसंदीदा स्पॉट नहीं है, बल्कि फॉर्मास्युटिकल, डाइग्नोसिस, रिसर्च ऐंड डेवलॅपमेंट, ड्रग डिस्कवरी, बायोइन्फॉर्मेटिक, क्लिनिकल ट्रायल्स आदि के लिए भी हॉट डेस्टिनेशन के रूप में देखा जा रहा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, एशिया में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलॅपमेंट की अपार संभावनाएं हैं। अन्य क्षेत्रों की तरह भारत इस क्षेत्र में भी अगुआ बनने की राह पर है। वर्तमान समय में जैविक ईधन की मांग बढ़ी है, जिससे बायोटेक्नोलॉजी का महत्व बढ़ा है।
कहां मिलेगी जॉब
आप चाहें, तो बायोटेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्र में जॉब हासिल कर सकते हैं। जैसे- प्लांट और एग्रिकल्चर से जुड़े क्षेत्र, हेल्थ केयर डाइग्नोस्टिक, इंडस्ट्रियल बायोटेक्नोलॉजी,एनवॉयर्नमेंटल प्रोटेक्शन ऐंड बायोडाइवर्सिटी कंजर्वेशन,टीचिंग ऐंड ट्रेनिंग आदि।
इंस्टीटयूट वॉच
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, फैकल्टी ऑफ नेचुरल साइंसेज, नई दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ऐंड हाइजीन, महिपालपुर, नई दिल्ली
शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, साउथ एक्सटेंशन, नई दिल्ली
एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोटेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड मेडिसिन ऐंड रिसर्च, यूपी
इलाहाबाद एग्रिकल्चर इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद, यूपी
कॉलेज ऑफ अप्लाइड एजुकेशन ऐंड हेल्थ साइंसेज, गंगोत्री, यूपी
इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, साहिबाबाद, यूपी
जे.सी. बोस इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, यूपी
जयपुरिया इंस्टीट्यूट, गाजियाबाद, यूपी
अनुग्रह नारायण कॉलेज, बोरिंग रोड, पटना, बिहार
डॉ. जाकिर हुसैन इंस्टीट्यूट, बेली रोड, पटना, बिहार
बिहार नेशनल कॉलेज, पटना यूनिवर्सिटी, अशोक राजपथ, पटना
फैकल्टी ऑफ साइंस, पटना यूनिवर्सिटी, बिहार
गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब
पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला, पंजाब
उभरता हुआ क्षेत्र है बायोटेक
बायोटेक्नोलॉजी की उपयोगिता किस तरह से बढ़ रही है ?
इन दिनों बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग जहां प्लांट्स और एनिमल्स के संवर्धन के लिए किया जाता है, वहीं फूड प्रोडक्ट्स आदि की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। एंटिबॉयोटिक्स और इंसुलिन जैसी दवाओं के निर्माण में भी इसकी मदद ली जा रही है। मेडिकल साइंस में बायोटेक्नोलॉजी का फायदा फार्माकॉजिनॉमिक्स, मेडिसिन के उत्पादन, अनुवांशिक परीक्षण और जीन थेरेपी के लिए किया जाता है।
कोर्स के दौरान किन बातों पर ध्यान दिया जाता है ?
इस कोर्स में एडमिशन लेने के बाद स्टूडेंट्स को सबसे पहले इस फील्ड की विशेषताओं के बारे में बताया जाता है, ताकि इस संबंध में उनकी समझ विस्तृत हो सके। कोर्स के दौरान प्रैक्टिकल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। थ्योरी कोर्स पूरा होने के बाद प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए स्टूडेंट्स को हेल्थ सेंटर, बायोलॉजिकल रिसर्च फर्म, एग्रिकल्चर और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भेजा जाता है।
संस्थान के चयन में किस तरह की सावधानी जरूरी है?
संस्थान का चयन करते समय सबसे पहले यह जरूर पता करें कि जिस संस्थान या कॉलेज में आप एडमिशन लेने जा रहे हैं, वह मान्यता प्राप्त है कि नहीं ! यदि वह संबंधित संस्थान या बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, तो उसकी फैकल्टी कैसी है? वहां के टीचर्स कैसे हैं और प्रैक्टिकल वर्क के लिए किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। चूंकि यह क्षेत्र रिसर्च ऐंड डेवलॅपमेंट से जुड़ा हुआ है, इसलिए प्रैक्टिकल का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
कोर्स करने के बाद शुरू में कितनी सैलरी मिल जाती है?
शुरुआत में सैलरी करीब 15 हजार हो सकती है। यदि मल्टीनेशनल कंपनी को ज्वॉइन करते हैं, तो आपकी सैलरी 25 हजार रुपये से भी अधिक हो सकती है। वैसे, इस क्षेत्र में सैलरी कंपनी और आपके वर्क एक्सपीरियंस पर भी निर्भर है।
कोर्स करने के बाद किन-किन पदों पर नियुक्ति हो सकती है?
कोर्स करने के बाद फार्मा इंडस्ट्री, फूड इंडस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित लैब, एग्रिकल्चर फर्म और इससे संबंधित कंपनी में आप साइंटिस्ट, एनालिस्ट, एग्जीक्यूटिव और रिसर्चर के रूप में काम कर सकते हैं।
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