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साइबर क्राइम (Cyber Crime) की बढ़ती घटनाओं के कारण कंप्यूटर फोरेंसिक एक्सपर्ट्स (Computer Forensic Experts) की मांग लगातार बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक, इस समय देश में ऐक्टिव इंटरनेट यूजर्स (Active Internet Users) की संख्या साढ़े चार करोड से भी ज्यादा है। जिस प्रकार से इसका उपयोग बढ़ रहा है, उसी अनुपात में ऑनलाइन और साइबर अपराध से जुड़े कई मामले भी प्रकाश में आने लगे हैं। इन सब को देखते हुए कंप्यूटर और नेटवर्क सुरक्षाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है।
कंप्यूटर फोरेंसिक (Computer forensics)
आमतौर पर कंप्यूटर फोरेंसिक विशेषज्ञों को साइबर पुलिस या डिजिटल डिटेक्टिव भी कहा जाता है। इन दिनों साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है और अधिकांश लोग किसी-न-किसी रूप में साइबर अपराध की चपेट में आ रहे हैं। कंप्यूटर फोरेंसिक साइबर क्राइम से बचाने में मदद करते हैं।
कोर्स (Courses)
कंप्यूटर और साइबर अपराध के तहत छात्रों को साइबर अपराध से जुडे विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाता है, जिसमें कंप्यूटरीकृत और नेटवर्क से जुड़े जोखिम को समझना, कंप्यूटर अपराध से जुड़े सुराग की पहचान करना, कंप्यूटर अपराधों की जांच के पहलुओं के बारे में जानना, कंप्यूटर से जुड़े अपराधों की रोकथाम के विभिन्न उपायों को समझना और साइबर नुकसान को सीमित रखने के लिए सुरक्षा तकनीकों के बारे में बताया जाता है।
योग्यता (Qualifications)
साइबर लॉ (Cyber Law) से जुडे कोर्स में एडमिशन बारहवीं के बाद लिया जा सकता है। साइबर सुरक्षा (Cyber Security) से संबंधित स्नातकोत्तर कोर्स में एडमिशन अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है।
सिलेबस (Syllabus)
इस विषय के अंतर्गत डिजिटल मीडिया का विश्लेषण, साइबर अपराध और साइबर कानून की मौलिक बातें, कंप्यूटर फोरेंसिक सिस्टम और अपराध के डिजिटल सबूत, अपराधों से परिचय, ई-कॉमर्स-से जुड़े मामले, बौद्धिक संपदा और साइबर स्पेस से जुड़े विषय होते हैं।
संभावनाएं(Opportunities)
इन दिनों लोगों की निर्भरता इंटरनेट पर बढ़ती जा रही है। इससे साइबर क्राइम की घटनाएं भी बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए ऐसे एक्सपर्ट की जरूरत बढ़ गई है, जो कंप्यूटर फोरेंसिक या साइबर क्राइम में एक्सपर्ट हों। इस फील्ड से जुड़े पेशेवरों के लिए प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के साथ-साथ सरकारी कंपनियों में भी रोजगार के अवसर हैं।
इसके अलावा, वेब डेवलपर्स एडवाइजर, मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और कॉर्पोरेट हाउस में एडवाइजर, आईटी कंपनी, बैंक, लॉ फर्म में साइबर कंसल्टेंट, टेक्नोलॉजी फर्म में रिसर्च असिस्टेंट, सिक्योरिटी ऑडिटर के साथ-साथ मल्टीनेशनल कंपनी में ट्रेनर के रूप में भी कॅरियर बना सकते हैं।
इंस्टीट्यूट वॉच (Main Institute)
एनएएलएसएआर, हैदराबाद
nalsaruniv.org
सिम्बायोसिस सोसाइटीज लॉ कॉलेज, पुणे और नलसार यूनिवर्सिटी,
symlaw.ac.in
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, बेंगलुरु विश्वविद्यालय-72
nis.ac.in
एशियन स्कूल ऑफ साइबर लॉ, पुणे,
arianlaws.org
भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद
iiita.ac.in
दूरस्थ शिक्षा केंद्र, हैदराबाद विश्वविद्यालय
uohy.ernet.in
अमिटी लॉ स्कूल, दिल्ली
amity.org
साइबर लॉ कॉलेज एनएएवीआई, चेन्नई, मैसूर, हुबली, मैंगलोर तथा बेंगलुरु
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