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कॅरियर इन डिजाइनिंग

नई इबारत नई मंजिल
नई इबारत नई मंजिल
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career in designingक्रिएटिव लोगों को सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। यही कारण है कि आज उनके पास विकल्पों की कमी नहीं है। अगर आप भी अपनी क्रिएटिविटी को नया मंच देना चाहते हैं, तो आप डिजाइनिंग की बेहतरीन संस्था से कोर्स करके सपने को ऊंची उडान दे सकते हैं. कभी सोचा है चीजें यदि अपनी जगह पर न होती तो दुनिया का क्या स्वरूप होता- उलझी दुनिया, बेतरतीब दुनिया, ऊन के धागों की तरह अव्यवस्थति दुनिया। लेकिन ऐसा नहीं है। कुदरत ने हमारे परिक्षेत्रनिर्माण में ऐसा संयोजन बैठाया है कि हरेक चीज बिल्कुल अपनी जगह पर रहकर मशीनवत काम कर रही है।


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मौसम के बदलाव, फसलों के विविध रूप, दिन के बाद रात, रात के बाद दिन, चंद्रमा की बढती-घटती कलाएं, शरीर का क्रमश: विकास और भी न जाने क्या-क्या। यही तो है सृष्टि की खूाबसूरती का राज और इसके बनाने वाले का कौशल। ऐसे में जब कुदरत ही अपने आपमें इतनी अनुशासित और तारतम्यतापूर्ण हो तो उसी कुदरत की संतानें हम और आप बेसुरे क्यो हों। आज इसी परिकल्पना को साकार करता एक महत्वपूर्ण कॅरियर विकल्प हमारे पास है-कॅरियर इन डिजाइनिंग। जीवन व कुदरत के अनेक पहलुओं से मेल खाते इस कॅरियर विकल्प में कामयाबी की शर्त है सुनियोजित व सुगढ विकास। यदि आप भी चीजों के रचनाशील निर्माण में रुचि रखते हैं,उनको लगातार निखारकर जनउपयोगी बनाने में यकीन करते हैं तो डिजाइनिंग के क्षेत्र में कॅरियर विकल्पों की कमी नहीं है।


सही शुरुआत से बनेगी सुखद तस्वीर

डिजाइनिंग क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए सबसे पहले आवश्यक है आपकी अपनी कि एटिव सोच, लेकिन इसके आगे का रास्ता है प्रोफेशनल कोर्स। डिजाइनिंग में कॅरियर बनाने के लिए कुछ स्तरीय एग्जाम्स के जरिए आप एनआईडी, एनआईएफटी और सीईपीटी और आईआईटी में प्रवेश ले अपने क्रिएटिव कॅरियर को आगाज दे सकते हैं।


बेहतर क्वालीफिकेशन तो बेहतर जॉब

डिजाइनिंग कोर्सेज आमतौर पर अंडरग्रेजुएट लेवल के होते हैं , जिनमें 10+2 के बाद एडमिशन लिया जा सकता है। इस क्षेत्र में देश के प्रमुख संस्थानों में निफ्ट व एनआईडी का नाम सबसे ऊपर है। इन संस्थानों में अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट से संबंधित कोर्स उपलब्ध हैं। अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए बारहवीं पास व पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए बैचलर डिग्री अनिवार्य है। कई कोर्सेज में एक्सपीरिएंस्ड कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं आईआईटी में एडमिशन के लिए कॉमन इंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर डिजाइन (सीईईडी) होता है। एनआईडी, निफ्ट, एमआईटी, आईआईटी, एमएसयू, डीए- आईआईसीटी जैसे देश के तमाम शीर्ष संस्थान हैं जहां आप अंडरग्रेजुएट/ पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सो के लिए प्रवेश ले सकते हैं।


बगैर स्किल सब खाली

डिजाइनिंग कॅरियर में तरक्की के लिए रुटीन कॉलेज क्लासेस, पाठ्यक्रम पर पकड से भी ज्यादा जरूरी है आपकी स्किल्स, क्योंकि यह फील्ड पूरी तरह रचनात्मकता से जुडी है। यहां कामयाबी की उम्मीद तब तक न करें, जब तक अपनी स्किल्स के बल पर क्रिएटिव प्रोडक्शन नहीं करते। यहां कुछ स्किल्स इस प्रकार हैं।

प्रेजेंटेशन में रहें अव्वल : आप जो कुछ भी डिजाइन करते हैं, उसकी टारगेट गु्रप तक जानदार प्रस्तुति जरूरी है। इस काम में आपका प्रेजेंटेशन कौशल बहुत काम आएगा।

बेहतर कम्यूनिकेशन से मिलेगी राह: इस क्षेत्र में बेहतर संचार कौशल से बडे काम बनेंगे। आप जो कुछ डिजाइन कर रहे हैं, वो किस खास वर्ग के लिए है, उनको आपके प्रोडेक्ट की ओर क्यों आना चाहिए आदि के लिए उन्हें संतुष्ट करना आवश्यक है। लेकिन यह सब तभी होगा, जब आप सटीक संचार कौशल का ज्ञान रखते होंगे।

इंटरप्रेन्योरशिप है सदा के लिए: माना जता है कि एक डिजाइनर में मार्केटिंग मैनेजर, प्रोडेक्ट मैनेजर के गुण भी होने चाहिए। देखा भी जा रहा है कि डिजाइनिंग कॅरियर के जरिए कैसे बडी संख्या में युवा स्वरोजगार की राह पकड रहे हैं।

काम के लिए जरूरी है कंप्यूटर स्किल्स : इन दिनों आप अपनी डिजाइन सैंपल नेट के जरिए दुनिया में कहीं भी भेज सकते हैं। कुछ खास वेबसाइट पर उन्हें अपलोड कर सकते हैं और घर बैठे ही बैठे दुनिया भर में अपनी डिजाइनों का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं, उन्हें बेच सकते हैं और अच्छा पैसा अर्जित कर सकते हैं। लेकिन इन सबके लिए आपको बेसिक कंप्यूटर नॉलेज के साथ सीएडी, थ्री डी मैक्स, फ्लैश, फोटोशॉप जैसे डिजाइन टूल्स से वाकिफ होना अनिवार्य होगा।


नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन इंट्रेंस एग्जाम

डिजाइन के क्षेत्र में निड यानि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एक बहुत बडा नाम है। इंडस्ट्रियल कम्यूनिकेशन,आईटी इंटीग्रेटेड (अनुभव प्राप्त) जैसे कोर्सो?के लिए निड की धाक भारत ही नहीं देश के बाहर भी है। इसकी खास बात है कि यह भारत सरकार के वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करता है। वहीं सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ सांइस एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च भी इसे एक औद्योगिक शोध संस्थान के तौर पर मान्यता देता है।


कोर्स की परख है अहम

देश के टॉप डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट्स की परीक्षा अन्य परीक्षाओं से काफी हटकर होती है। इसमें स्टूडेंट्स रटकर सफल नहीं हो सकता है। इसमें कामयाब होने के लिए मौलिकता बेहद जरूरी है। एनआईडी और निफ्ट में इंट्री के लिए दो चरणों की परीक्षा पास करनी होती है। डिजाइन से संबंधित परीक्षाओं में प्राय: विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, कम्युनिकेशन स्किल आदि से संबधित प्रश्नों की बहुतायत रहती है। जबकि निफ्ट प्रवेश परीक्षा में जनरल एबिलिटी में इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन, एनालिटिकल एबिलिटी, कम्युनिकेशन एबिलिटी के साथ विज्ञान, गणित के सवाल पूछे जाते हैं। करेंट अफेयर्स में देश-विदेश के पिछले 6 महीने का घटनाक्रम, फेमस पर्सनैलिटीज पर जोर रहता है। वहीं दूसरे चरण में अभ्यर्थी की क्रिएटिविटी स्किल्स की परख के लिए सिचुएशन टेस्ट होता है। सिचुएशन टेस्ट इन परीक्षाओं में अव्वल आने का अहम चरण है।


करीब है परीक्षा की घडियां

एनआईडी में प्रवेश की घडियां करीब आ चुकी है। बीते दिनों इस परीक्षा की तिथियां घोषित कर दी गई। यदि आप भी डिजाइन कॅरियर के सबसे चमचमाते नामों के साथ अपना नाम शुमार करना चाहते हैं तो तैयारी कर लीजिए :


अहम तिथियां-

-फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 2 नवबर 2012

-डिजाइन एप्टीट्यूड टेस्ट (पीजीडीपीडी) 19 जनवरी 2013

-डिजाइन एप्टीट्यूड टेस्ट (जीडीपीडी) 20 जनवरी 2013

-प्रवेश के दूसरे चरण में (स्टूडियो टेस्ट) आदि के लिए गांधीनगर, अहमदाबाद, बेंगलुरु में होने वाले इंटरव्यू हेतु प्रवेश पत्र भेजना प्रारंभ- 4 मार्च 2013

-जीडीपीडी के लिए स्टूडियो टेस्ट/इंटरव्यू मध्य अप्रैल

-पीजीडीपीडी के लिए स्टूडियो टेस्ट/इंटरव्यू मध्य अप्रैल


जैसी सोच वैसे कोर्स

डिजाइनिंग का क्षेत्र इतना विस्तृत है कि इसमें आपको अपनी सोच और डिमांड के अनुरूप कोर्स चुनने का विकल्प मिलता है। यही कारण है कि इसके सभी कोर्स युवाओं की पहली पसंद होते हैं..

माना कि आजकल जमाना बहुत तेज है। हर चीज तेजी से अपना रूप बदल रही हैं। लेकिन आपाधापी के इस दौर में एक चीज ऐसी भी है जो नही बदली। वह है मूल रचनाधर्मिता। देखा गया है कि यही रचनाशीलता डिजाइनिंग के क्षेत्र में बडे बदलावों का कारक बनती है। डिजाइनिंग के विविध स्वरूप इसी की देन हैं। अगर आप डिजाइन में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो कई विकल्प हैं :


फुटवियर डिजाइनिंग

आज इस क्षेत्र में तेज ग्रोथ दर्ज की जा रही है और हर रोज नए-नए डिजाइन के फुटवियर मार्केट में आ रहे हैं। जानकार मानते हैं कि इस क्षेत्र में लिया गया पेशेवर प्रशिक्षण आपको कॅरियर के सातवें आसमान में पहुंचा सकता है।


फैशन डिजाइनिंग

फैशन, कॅरियर के लिहाज से एक भरी पूरी इंडस्ट्री की शक्ल ले चुका है। सरकार ने भी इस इंडस्ट्री के विकास के लिए फैशन एंड डिजाइन प्रमोशन काउंसिल (एफडीपीसी) का गठन किया है। जो उभरते फैशन डिजाइनरों व कॉलेज पास आउट छात्रों को प्रमोट करती है। यही नहीं इस क्षेत्र में मनीष अरोडा, जेजे वालिया, रितु बेरी, अबू जानी, संदीप खोसला, रीना ढाका, रोहित बल जैसे डिजाइनरों के अपने फैशन हाउसेज भी हैं, जो अमूमन फैशन इंस्टीट्यूट से पास आउट छात्रों को अपने साथ जुडने का मौका देते हैं।


इंटीरियर डिजाइनिंग

करीने से सजा घर किसे अच्छा नहीं लगता। लोगों की इसी स्वाभाविक चाह को आज इंटीरियर डिजाइनर साकार कर रहे हैं। आज इस काम का मतलब केवल गृहउपयोगी चीजों की साज-सज्जा ही नहीं है बल्कि गृहनिर्माण में सुरक्षा उपाय, वास्तु तकनीक का इस्तेमाल भी इन्हीं लोगों के काम में शुमार होता है। बदलते परिवेश में खासतौर पर शहरी भारत में ट्रेंड इंटीरियर डेकोरेटर्स की मांग बढ रही है। यदि आपकी रुचि इस क्षेत्र में है, तो इस समय विकल्पों की कमी नहीं है। देश ही नहीं विदेश में भी इस क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञों की काफी मांग है। फैसला आपको करना है।


ऑटोमोबाइल डिजाइनिंग

भारत ऑटोमोबाइल सेक्टर का ग्लोबल हब बनने की ओर है। नैनो की सफलता के बाद से तो भारतीय ऑटो डिजाइनर्स को वैश्विक पहचान मिली है। इन्हीं सब कारणों के चलते माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारतीय ऑटोमोबाइल इंजीनियरों की मांग देश-विदेश में बढेगी।


वेब डिजाइनिंग

इसकेअंतर्गत वेबपेज, वेबसाइट्स व वेब एप्लीकेशन्स आदि की डिजाइनिंग का काम आता है। इन सबके क्रिएटिव डिजाइन के साथ अपनी साइट्स पर आने वाले विजिटर्स को वेबपेज के एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने, इमेज, टेक्स्ट, लिंक, ग्राफिक्स के एक्सेस रुट बनाने में वेब डिजाइनर की भूमिका सबसे खास होती है।


ज्वैलरी डिजाइनिंग

बदलते जमाने में ज्वैलरी के रंग जस के तस रहें वो भारत जैसे देश में। भारत ही क्यों, आज तो पूरी दुनिया में तरह तरह के लुभावने डिजाइन के ज्वैलरी आयट्म्स की खूब मांग है। फिक्की के एक अनुमान के मुताबिक 2015 तक देश की ज्वैलरी, जेम्स का निर्यात 37 बिलियन डॉलर हो जाएगा। ऐसे में यदि आप बेहतर प्रशिक्षण लेकर इस फील्ड में जाने की इच्छा रखते हैं तो इस राह में तरक्की के अच्छे अवसर हैं।


कम्यूनिकेशन डिजाइनिंग

मीडिया प्रोफेशन में कम्यूनिकेशन डिजाइन की काफी मांग है, क्योंकि ये अपनी लेखनी, संवाद कौशल व ग्राफिक्स के माध्यम से लोगों तक आसानी से पहुँच बना सकते हैं। यदि आप क्रिएटिविटी की दुनिया में कुछ अलग करना चाहते हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए है। विज्ञापन एजेंसियां, इलस्ट्रेशन मेकिंग, फिल्म प्रोडक्शन, वेबपेज डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में आपके लिए अच्छे मौके हैं।


सिरैमिक ग्लास डिजाइनिंग

इस फील्ड में नई तकनीक की मदद से नॉन-मैटेलिक और इनऑर्गेनिक मैटेरियल्स का इस्तेमाल करते हुए बहुउपयोगी, आकर्षक उत्पाद तैयार किए जाते हैं। सिरैमिक के बढते इस्तेमाल के बीच चाहें तो ब्रिक्स, सीमेंट, टाइल्स, ग्लास इंडस्ट्री के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में जगह पुख्ता कर सकते हैं।


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