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वर्तमान में भोजन की बदलती आदतों के कारण डिब्बाबंद प्रोसेस्ड खाद्य-पदार्थो एवं पेय पदाथरें का प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बढ़ते फास्ट फूड व डिब्बा बंद खाद्य-पदार्थ के चलन ने युवाओं के लिए क़ॅरियर की नई खिड़की खोल दी है।
कौन से कोर्स हैं उपलब्ध
बीएससी इन फूड टेक्नोलॉजी (3 वर्ष)
बीएससी इन फूड न्यूट्रीशियन ऐंड प्रिजरर्वेशन (3 वर्ष)
बीटेक इन फूड इंजीनियरिंग (4 वर्ष)
एमएससी इन फूड टेक्नोलॉजी (2वर्ष)
योग्यता
इस क्षेत्र से स्नातक डिग्री में प्रवेश पाने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी अथवा मैथमेटिक्स विषयों के साथ 10+2 में कम से कम 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं। एमएससी कोर्स करने के लिए फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित विषयों में स्नातक की डिग्री आवश्यक है।
किस तरह की होती है पढाई
फूड टेक्नोलॉजी तथा इससे संबंधित कोर्सेज के अंतर्गत खाद्य पदार्थों के उचित रखरखाव से लेकर पैकेजिंग, फ्रीजिंग आदि की तकनीकी जानकारियां शामिल होती हैं। इसके अंतर्गत पोषक तत्वों का अध्ययन, फल, मांस, वनस्पति व मछली प्रसंस्करण आदि से संबंधित जानकारियां भी दी जाती हैं।
कार्य
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के तहत वे सभी कार्य शामिल हैं, जिनसे खाने वाली चीजों की गुणवत्ता, स्वाद और रंग-रूप बरकरार रह सके।जैसे- मक्खन, सॉफ्ट ड्रिंक, जेम व जेली, फ्रूट जूस, बिस्कुट, आइसक्रीम आदि। इसके अलावा वह कच्चे और बने हुए माल की गुणवत्ता, स्टोरेज तथा हाइजिन आदि की निगरानी भी करता है।
कहां मिलेगी नौकरी
फूड टेक्नोलॉजी का कोर्स पूरा कर लेने के बाद फूड इंडस्ट्री, होटलों, अस्पतालों, पैकेजिंग इंडस्ट्री, सॉफ्ट ड्रिंक फैक्टरी, राइस मिल आदि में नौकरी प्राप्त की जा सकती है। आप फूड टेक्नोलॉजी कोर्स करके स्वरोजगार भी कर सकते हैं। इसके अलावा तकनीकी संस्थाओं में शिक्षक या प्रशिक्षक के पद पर भी कार्य कर सकते हैं।
भविष्य में हैं ढेरों संभावनाएं
भारत फल और सब्जियां पैदा करने वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। एक अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में डिब्बा बंद खाद्य-पदार्थों का कारोबार 30 से 35 अरब रुपये वार्षिक है। यही कारण है कि यह क्षेत्र मल्टीनेशनल कंपनियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसी आकर्षण के कारण कई मल्टीनेशनल कंपनियां जैसे मैक्डोनॉल्ड, पेप्सी, कोका कोला व हिन्दुस्तान लीवर अपना कारोबार भारत में बढ़ाती जा रही है।
कहां से लें शिक्षा
यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, दिल्ली du.ac.in
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, मैदानगढी, दिल्ली
ignou.ac.in
जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर, उत्तराखंड
gbpuat.ac.in
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी, उत्तर प्रदेश
bujhansi.org)
कानपुर यूनिवर्सिटी, कानपुर, उत्तर प्रदेश
kanpuruniversity.org
आचार्य एनजी रंगा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, राजेन्द्र नगर, हैदराबाद
angrau.net
कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता
caluniv.ac.in
यूनिवर्सिटी ऑफ कालीकट, केरल
universityofcalicut.info
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना, मध्यप्रदेश
http://ruraluniversity-chitrakoot. org)
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब
http://gndu.ac.in
तमिलनाडु एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर
tnau.ac.in
मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई
mu.ac.in
नागपुर यूनिवर्सिटी, नागपुर
nagpuruniversity.o rg
सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर
cftri.com
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची, बिहार
http://bitmesra.ac.in/
बढेगी डिमांड फूड टेक्नोलॉजिस्ट की
फूड टेक्नोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक गुण क्या है?
फूड टेक्नोलॉजिस्ट को साइंटिफिक सोच वाला होना जरूरी है। उसे टेक्नोलॉजी डेवलॅपमेंट, हेल्थ व न्यूट्रीशन में रुचि होनी चाहिए। इसके साथ ही जिम्मेदारी व टीम के साथ काम करना भी आवश्यक है। उसमें अच्छी कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए।
किन-किन पदों पर नियुक्ति हो सकती है?
फूड टेक्नोलॉजिस्ट प्रोडक्ट डेवलॅपमेंट, मैनेजर, रिसर्चर, क्वालिटी एश्योर मैनेजर, लेबोरेट्री सुपरवाइजर, फूड पैकिंग मैनेजर, फूड प्रोसेसिंग टेक्नीशियन आदि पदों पर कार्यरत हो सकते हैं।
एक फ्रेशर को कितनी सैलरी मिल जाती है?
इस क्षेत्र में शुरुआती स्तर पर आप 8 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। अनुभव के बाद 30 हजार रुपये प्रतिमाह या इससे भी ज्यादा कमाया जा सकता है। यदि आप स्वरोजगार से जुड़ते हैं, तो आपकी कमाई और बढ़ सकती है।
फूड टेक्नोलॉजिस्ट किसी कंपनी में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?
वह कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। कच्चे माल से लेकर प्रोडक्ट तैयार होने तक कंपनी को उसकी हर स्तर पर जरूरत होती है। ग्लोबल स्तर पर कंपनी का फ्यूचर फूड टेक्नोलॉजिस्ट पर ही निर्भर रहता है।
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