- 197 Posts
- 120 Comments
लोग हमेशा आकर्षक और प्रभावशाली दिखना चाहते हैं। इसमें जितना योगदान अच्छे परिधानों का होता है, उतना ही स्टाइलिश फुटवियर (Stylish Footwear) का भी। यही वजह है कि इन दिनों लोगों में स्टाइलिश फुटवियर के प्रति काफी क्रेज है। जानकारों के मुताबिक, भारत फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग में चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है। यदि आप पढाई के साथ-साथ क्रिएटिव भी हैं, तो फुटवियर डिजाइनिंग में आपके लिए बेहतर अवसर हैं।
क्या है फुटवियर डिजाइनिंग?
आज की लाइफस्टाइल में लोग कपडों से लेकर फुटवियर तक में मैचिंग चाहते हैं। यही वजह है कि रोज नए-नए डिजाइन के फुटवियर मार्केट में आते रहते हैं। यह नयापन कभी कलर के रूप में, तो कभी डिजाइन के रूप में दिखता है। पहले फुटवियर केवल लेदर से ही बनाए जाते थे, लेकिन अब इसमें काफी वैराइटीज आ गई हैं। अब प्लास्टिक, जूट, रबड, यहां तक की कपड़े से भी फुटवियर बनाए जाने लगे हैं। फुटवियर को नया और खूबसूरत लुक देने की विधा को ही फुटवियर डिजाइनिंग (Footwear Designing) कहते हैं।
योग्यता व उपलब्ध कोर्स
10+2 करने के बाद आप फुटवियर डिजाइनिंग के कोर्स में एंट्री ले सकते हैं। देश के प्रमुख फुटवियर संस्थानों में अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। ये कोर्स एक साल से लेकर तीन साल की अवधि वाले होते हैं। पीजी डिप्लोमा के लिए किसी भी विषय में स्नातक होना जरूरी है।
कहां है स्कोप
भारत में बाटा, लखानी, एक्शन, सुपरहाउस और लिबर्टी जैसी देशी कंपनियों के साथ नाइक, रिबॉक, वुडलैंड, ली-कूपर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां न केवल अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार कर रही हैं, बल्कि रोजगार के नए मौके भी उपलब्ध करा रही हैं।
कार्य का स्वरूप
फुटवियर इंडस्ट्री (Footwear Industry) में कई स्तरों पर कार्य होते हैं, जैसे-डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग। डिजाइनिंग के तहत कस्टमर की रुचि और उनकी आवश्यकता को देखते हुए नए पैटर्न डिजाइन करने पड़ते हैं। डिजाइनर के रूप में सफल होने के लिए क्रिएटिविटी, मार्केट ट्रेंड की समक्ष और कम्प्यूटर की जानकारी जरूर होनी चाहिए।
सैलरी पैकेज
फुटवियर कंपनी (Footwear Company) में डिजाइनर का अहम रोल होता है। इसलिए वे सैलरी के लिए डील भी कर सकते हैं। वैसे, शुरुआती दौर में डिजाइनर की सैलरी प्रतिमाह 12 से 18 हजार रुपये हो सकती है।
इंस्टीटयूट वॉच
फुटवियर डिजाइन ऐंड डेवलॅपमेंट इंस्टीटयूट (एफडीडीआई), नोएडा
fddiindia.com
सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीटयूट, आगरा
cftiagra.org.in
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
annauniv.edu
मुजफ्फरपुर इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुजफ्फरपुर
mitmuzaffarpur.org
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
nift.ac.in
इंस्टीटयूट ऑफ गवर्नमेंट लेदर वर्किग स्कूल, मुंबई
एवीआई स्कूल ऑफ फैशन ऐंड शू टेक्नोलॉजी, चंडीगढ
कॉलेज ऑफ लेदर टेक्नोलॉजी,कोलकाता
बढता क्रेज फुटवियर डिजाइनिंग का
फुटवियर डिजाइनिंग कोर्स के प्रति स्टूडेंट्स का आकर्षण हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। इस क्षेत्र में स्टूडेंट का भविष्य काफी सुरक्षित है और रोजगार की संभावनाएं भी काफी हैं।
एफडीडीआई में एडमिशन की प्रक्रिया क्या है?
एडमिशन के लिए ऑल इंडिया सेलेक्शन टेस्ट (एआईएसटी) होता है। इसमें सफल होने के बाद गु्रप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू लिया जाता है। यदि आप इसमें सफल हो जाते हैं, तो एफडीडीआई में एडमिशन ले सकते हैं। यहां अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं।
कितना स्कोप है?
अभी भी फुटवियर इंडस्ट्री में काफी संभावनाएं हैं। मौजूदा ग्लोबल मंदी के बावजूद एफडीडीआई इंस्टीटयूट के स्टूडेंट्स को अच्छी कंपनियों में नौकरियां मिली हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि यूरोप और अमेरिका की बडी फुटवियर कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भारत और चीन में शिफ्ट कर रही हैं, क्योंकि भारत में लेबर कॉस्ट कम होने के साथ-साथ रॉ मैटीरियल की उपलब्धता भी अधिक है।
रोजगार की क्या स्थिति है?
यह इंडस्ट्री अभी 20 से 25 फीसदी की दर से बढ़ रही है। यदि इसी रफ्तार से यह बढ़ती रही, तो आने वाले वर्षो में लाखों लोगों के लिए रोजगार के विकल्प खुल जाएंगे। इसमें डिजाइनर और टेक्नोलॉजिस्ट की मांग अधिक होगी।
Read Comments