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मेट्रो के बाद ग्रामीण इलाकों की तरफ इंश्योरेंस के बढ़ते कदम से इस क्षेत्र में कॅरियर के नए रास्ते खुलने लगे हैं. भारत की आधी से अधिक आबादी अभी भी 20-60 आयु वर्ग के दायरे में आते हैं। यही वजह है कि इंश्योरेंस सेक्टर की रफ्तार इस दौर में भी कायम है। अब स्थिति यह है कि इस प्रोफेशन से हाई प्रोफाइल लोग भी जुड़ने लगे हैं।
योग्यता
12वीं के बाद इंश्योरेंस के क्षेत्र में कॅरियर बनाया जा सकता है। इसके बाद आप बीए (इंश्योरेंस) में एडमिशन ले सकते हैं या फिर एजेंट के रूप में कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। यदि आपने साइंस सब्जेक्ट से 12वीं पास किया है, तो बीएससी एक्चुरिअल साइंस में एंट्री ले सकते हैं।
कोर्सेज
इंश्योरेंस में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट से लेकर डिग्री और मास्टर डिग्री कोर्स तक उपलब्ध हैं। कोर्स की अवधि अलग-अलग है। कुछ कॉलेज बीए (इंश्योरेंस) कोर्स ऑफर कर रहे हैं, जिसकी अवधि तीन वर्ष है। वैसे, सर्टिफाइड रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा भी कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि अमूमन तीन साल की होती है। यदि इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट में डिप्लोमा करना चाहते हैं, तो इसकी अवधि एक वर्ष की है। वैसे, डिस्टेंस लर्निग के माध्यम से भी इंश्योरेंस से जुड़े कोर्स कर सकते हैं। एजेंट बनने के लिए इंश्योरेंस एजेंट का कोर्स भी किया जा सकता है, इसकी अवधि 100-150 घंटे की होती है।
कॅरियर प्लानिंग
यदि कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है, तो इंश्योरेंस सेक्टर में खूब स्कोप हैं। यहां आप असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, इंश्योरेंस सर्वेयर, रिस्क मैनेजर, अंडररायटर, एक्चुरिज, इंश्योरेंस कंसल्टेंट, एजेंट आदि के रूप में कॅरियर बना सकते हैं।
सेफ जोन
इंश्योरेंस सेक्टर को कॅरियर के लिहाज से सेफ जोन माना जा सकता है, क्योंकि कुछ कंपनियां इन दिनों बड़ी संख्या में लोगों की बहाली कर रही हैं। नई-नई कंपनियों के इंश्योरेंस के क्षेत्र में कदम रखने की वजह से इस फील्ड में कॅरियर की भरपूर संभावनाएं दिख रही हैं। खासकर इन दिनों एक्चुरिज और ट्रेजरी मैनेजमेंट के क्षेत्र से जुड़े पेशेवर लोगों की मार्केट में अधिक डिमांड है, क्योंकि इनकी मांग दूसरे क्षेत्रों में भी खूब है। इसके अलावा, मार्केटिंग और सेल्स में भी लोगों की अधिक मांग है। आने वाले दिनों में बीमा कंपनियों में तीन लाख फाइनेंशियल प्लानिंग एडवाइजर और तीस हजार मैनेजर की भर्तियां भी हो सकती हैं।
सैलॅरी पैकेज
इंश्योरेंस सेक्टर में शुरुआती सैलॅरी 10 से 12 हजार रुपये हो सकती है। सेल्स मैनेजर के रूप में काम करने वालों की सैलरी 25-30 हजार रुपये के बीच होती है। इसके अलावा, कई तरह के अलाउंस भी मिलते हैं। अनुभव हासिल करने के बाद प्रति माह 40 से 45 हजार रुपये आसानी से कमा सकते हैं।
इंस्टीटयूट वाच
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर (एमबीए इंश्योरेंस)
nlujodhpur.ac.in
एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस ऐंड एक्चुरिअल साइंस, नई दिल्ली (पीजी डिप्लोमा इन इंश्योरेंस मैनेजमेंट आदि)
amity.edu
आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी, हैदराबाद (एमबीए इंश्योरेंस)
icfai.org
द इंस्टीटयूट ऑफ इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट (पीजी डिप्लोमा कोर्स इन इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट)
iirmworld.in
भारतीय विद्या भवन केंद्र
(पीजी डिप्लोमा कोर्स इन इंश्योरेंस ऐंड रिस्क मैनेजमेंट, पार्ट-टाइम)
bhavanis. info/rp imc
इंस्टीटयूट ऑफ सर्टिफाइड रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजर्स (रिस्क ऐंड इंश्योरेंस मैनेजमेंट प्रोग्राम)
icrimindia.org
यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, नई दिल्ली
http://du.ac.in
सिंबायोसिस सेंटर ऑफ डिस्टेंस लर्निग, पुणे
scdl.net
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