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Career in Media Field -मीडिया के क्षेत्र में किस तरह का भविष्य

नई इबारत नई मंजिल
नई इबारत नई मंजिल
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Career in Mediaजामुनी बनारस में जब ग्यारहवीं कर रही थी, तभी एक दिन उसके स्कूल में बडे चैनल के कुछ चर्चित मीडिया (Media) परसंस को आमंत्रित किया गया। छोटे पर्दे पर दिखने वाले इन चेहरों को अपने बीच पाकर जामुनी के साथ-साथ सभी स्टूडेंट्स बेहद रोमांचित थे। ऑडिटोरियम में न्यूज रीडिंग और वॉयस ओवर (News Reading and Voice Over) के डिमॉन्स्ट्रेशन ने तो उन्हें और अभिभूत कर दिया। जब उन्होंने स्टूडेंट्स में से ही कुछ को इसके लिए इनवाइट किया, तो अधिकांश के हाथ-पांव फूल गए। कुछ ने तो जैसे-तैसे कांपती आवाज में न्यूज पढे, लेकिन जब जामुनी की बारी आई और शुरुआती लडखडाहट के बाद उसने न्यूज पढना आरंभ किया तो किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि यह वही जामुनी है। दरअसल, खुद उसे विश्वास नहीं हो पा रहा था कि वह इतने कॉन्फिडेंस के साथ पहले प्रयास में ही यह काम कर लेगी। उसकी परफॉर्मेस के बाद सभी ने तालियों की गडगडाहट के साथ उसका उत्साहव‌र्द्धन किया। उसी समय जामुनी ने अपना करियर (Career) तय कर लिया कि आगे चलकर वह भी एंकर-न्यूज रीडर ही बनेगी और खबरों की खबर रखेगी। ग्रेजुएशन के बाद बीजे करके उसने मीडिया फील्ड में एंट्री की। आज वह एक जाने-माने टीवी चैनल में रिपोर्टर (Reporter) कम न्यूज रीडर है।


नए दौर का नया मीडिया

टेक्नोलॉजी के इस दौर में जब हर तरफ बदलाव की बयार बह रही है तो मीडिया भला इससे कैसे अछूता रह सकता है। यही कारण है कि आज प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक (Print and Electronic Media) के साथ-साथ साइबर यानी वेबसाइट और मोबाइल मीडिया भी पॉपुलर हो रहे हैं। वैसे तो इन सभी में जर्नलिस्ट (Journalist) के रूम में काम करने के लिए बुनियादी योग्यता एक ही है, लेकिन टेक्नोलॉजी के साथ जुडा होने के कारण खबरों को फटाफट बनाने और पेश करने की कला में पारंगत होना भी जरूरी है।


न्यूज सेंस

बदलते दौर में मीडिया में एंट्री की इच्छा रखने वाले युवाओं में न्यूज सेंस (News Sense) का होना सबसे जरूरी है। यह सेंस खबरों पर लगातार नजर रखकर डेवलप किया जा सकता है। इस बारे में इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ जर्नलिज्म ऐंड न्यू मीडिया स्टडीज के डायरेक्टर प्रो. एसएन सिंह कहते हैं कि आज महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक में तमाम मीडिया स्कूलों खुलने के बावजूद युवाओं को सही तरीके से तराशा नहीं जा रहा है। टीवी चैनलों (TV Channels) पर एंकर-रिपोर्टर-न्यूज रीडर को देखकर युवा उन जैसा बनना तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए वे ईमानदारी से कडी मेहनत नहीं करते। यही कारण है कि काम पाने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पडता है। नोएडा स्थित प्रान्स मीडिया के एमडी निखिल प्राण कहते हैं कि सबसे पहले तो इस फील्ड में आने वाले युवाओं को कोर्स के लिए प्रामाणिक और गुणवत्तायुक्त फैकल्टी वाले संस्थान का चयन करना चाहिए, जो उन्हें सेंस ऑफ सेलेक्शन डेवलप करने की ट्रेनिंग दे सकें।


Career in Media जरूरतों को समझें

भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम के डायरेक्टर डॉ. आनंद प्रधान का मानना है कि पत्रकारिता का कोर्स कराने वाले संस्थानों को मीडिया इंडस्ट्री की जरूरतों को समझना होगा, तभी वे आज के जमाने के अनुरूप जर्नलिस्ट तैयार कर सकते हैं। ऐसे युवाओं को अखबारों और टीवी चैनलों द्वारा अलग से कुछ खास ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए इंस्टीट्यूट्स और मीडिया इंडस्ट्री के बीच नियमित रूप से इंटरैक्शन होना चाहिए। डॉ. आनंद इस बात को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं कि हिंदी भाषी क्षेत्र के अधिकांश विश्वविद्यालयों में आज भी पत्रकारिता शिक्षा का न तो कोई इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही कोई उपयुकत फैकल्टी। आज भी प्रतिभावान और तेज-तर्रार स्टूडेंट की पहली प्राथमिकता पत्रकारिता नहीं होती। इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईएएस, पीसीएस आदि में जिसका कहीं सेलेक्शन नहीं हो पाता, वही इस फील्ड में आता है। हालांकि इस बारे में दिल्ली स्थित टेक वन स्कूल ऑफ मॉस कम्युनिकेशन के डायरेक्टर इमरान जाहिद कहते हैं कि जर्नलिज्म में करियर बनाने का ख्वाब देखने वाले युवा बारहवीं की परीक्षा देने के तुरंत बाद से ही ऐसे अच्छे इंस्टीट्यूट की तलाश में जुट जाते हैं, जहां से वे उपयुक्त कोर्स कर सकें। एडिट व‌र्क्स के डायरेक्टर सचिन सिंह कहते हैं कि मीडिया का कोर्स करने वाले हिंदी बेल्ट के छात्रों को खुद को अपडेट भी करते रहना चाहिए।


क्या हों खूबियां

नोएडा स्थित क्रॉनिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन ऐंड मल्टीमीडिया के डायरेक्टर और अंग्रेजी के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वाईसी हालन का मानना है कि मीडिया से संबंधित कोर्स करने के अतिरिक्त एक कामयाब पत्रकार बनने के लिए किसी भी युवा में तीन बुनियादी गुणों का होना अति आवश्यक है-रिपोर्टिग यानी खबर निकालने का गुण, डेस्क यानी खबर को खास बनाने का गुण और नेटवर्किग यानी अपने आंख-कान खुले रखना ताकि संभावित खबरों को पहचान कर पकड सकें। ये गुण प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया तीनों के लिए जरूरी हैं। अगर रिपोर्टिग में इंट्रेस्ट है तो आपमें सूचना निकलवाना आना चाहिए अन्यथा आप खबर नहीं बना सकते। अगर किसी के भीतर न्यूज सेंस यानी खबरों को समझने और सूचना निकलवाने का गुण है तो वह एक अच्छा रिपोर्टर बन सकता है। अगर कोई डेस्क पर काम करना चाहता है तो संबंधित भाषा पर उसका पूरा अधिकार होना चाहिए। हो सकता है कि रिपोर्टर की भाषा खराब हो, लेकिन खबर एक्सक्लूसिव या ब्रेकिंग जरूर हो। ऐसे में यह कॉपी एडिटर पर निर्भर करता है कि वह उस खबर को कितना प्रभावशाली बना पाता है। जटिल से जटिल बात को भी सरल भाषा में समझाने की कला में उसे पारंगत होना चाहिए और ऐसा नियमित अध्ययन और लेखन अभ्यास से ही संभव हो सकता है।


कोर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर

दिल्ली स्थित एरिना एकेडमी की अंजू दलाल का मानना है कि किसी भी संस्थान से जर्नलिज्म का कोर्स करने से पहले स्टूडेंट को यह जरूर देखना चाहिए कि वहां उसके लायक कोर्स और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर है या नहीं, साथ ही आज के जमाने के हिसाब से वहां लेटेस्ट टेक्नोलॉजी भी होनी चाहिए।


टेक्नोलॉजी भी समझें

दिल्ली स्थित इयान स्कूल के डायरेक्टर अनुज गर्ग मानते हैं कि भले ही आज के यूथ में विषयों को गहराई से समझने की कमी है, लेकिन आगे निकलने के लिए टेक्नोलॉजी जानना भी जरूरी है और आज के युवा इसमें काफी तेज हैं। इसका लाभ उन्हें आज की मीडिया में मिल रहा है। उनका कहना है कि स्तरीय मीडिया संस्थानों में न केवल इंडस्ट्री के साथ रेगुलर इंटरैक्शन होता है, बल्कि फैकल्टी के रूप में अधिकांश वही लोग होते हैं, जो प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुडे हैं। ऐसे में उन्हें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी मिलती है।


प्रमुख संस्थान

जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड मास कम्यूनिकेशन,जेआईएमएमसी, नोएडा व कानपुर  ई-मेल jimmcnoida@gmail.com

वेबसाइट : jimmc.in

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली

वेबसाइट : iimc.nic.in

स्कूल ऑफ जर्नलिज्म ऐंड न्यू मीडिया स्टडीज, इग्नू, दिल्ली

वेबसाइट : ignou.ac.in

टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, दिल्ली

वेबसाइट : takeon-eschool.org

प्रान्स मीडिया, नोएडा ई-मेल : pran@pran.in वेबसाइट : pran.in

एरिना एकेडमी, साउथ एक्स., नई दिल्ली

वेबसाइट : bestanimation-school.com

इयान स्कूल ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, नई दिल्ली

वेबसाइट : iaan.org

एडिट व‌र्क्स स्कूल ऑफ मॉस कम्युनिकेशन

ई-मेल : info@editwork- sindia.com

एनआरएआई स्कूल ऑफ मॉस कम्युनिकेशन, नई दिल्ली

वेबसाइट : nraismc.com

क्रॉनिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन

वेबसाइट : cimcom.inu


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