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गौरवशालीअतीत का स्वामी जापान प्रारंभ से विभिन्न क्षेत्रों में नई-नई तकनीकी खोज करता रहा है। द्वितीय विश्व युद्घ में जापान पूरी तरह तबाह हो गया था लेकिन जल्द ही उसने तकनीकी रुप से धनी देशों की सूची में अपना नाम फिर से लिखा लिया। यह सब वहां की टेक्निकल एजुकेशन (Technical Education) से ही संभव था।
विदेशी छात्र
जापान में विदेशी विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए चलाए जा रहे स्टडी एब्रॉड कार्यक्रमों के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। इस समय वहां एक लाख से अधिक विदेशी विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल कर हैं। इन विदेशी विद्यार्थियों में अधिकांश एशियाई देशों के ही हैं।
गुणवत्ता से समझौता नहीं
उच्च शिक्षा (Higher Education) के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने से जापान के विश्वविद्यालयों में छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसके बाद भी जापान ने अपने शिक्षास्तर में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने दी है। शिक्षा की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए वहां नए विश्वविद्यालय खोले जाने पर गंभीरता से काम किया जा रहा है।
शैक्षिक वातावरण
उगते सूरज की भूमि, जापान के नागरिकों का रुझान हमेशा से नई-नई खोजों के प्रति रहा है। जापान के नागरिक टेकनेलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे विद्यार्थियों को पूरा सम्मान देते हैं, चाहें वह किसी भी देश के क्यों न हो। यह सोच ही शिक्षा क्षेत्र में जापान के नाम को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।
ग्रुपस्टडी और सेमिनार
शिक्षा प्रणाली को यूरोपीय देशों की तरह आधुनिक बनाने के लिए जापान ने विश्वविद्यालयों में छात्रों को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर शिक्षा देना शुरू किया है। विभिन्न शिक्षण संस्थानों से छात्रों के ग्रुपों को बुलाकर सेमिनारों का आयोजन किया जाता है। इस तरह के समारोहों से छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होता है जो उन्हें एक दूसरे से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
रिसर्च वर्क
जापान के विश्वविद्यालयों में आज कई तरह के शोधकार्य (Research) किए जा रहे हैं। वहां पर विभिन्न देशों के सहयोग से इलेक्ट्रानिक, आटोमोबाइल, कंप्यूटर, शिपिंग आदि के क्षेत्र में वहां पर उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा हैं। विदेशी छात्रों का बहुत बडा वर्ग ऐसा है जो केवल शोधकार्य के लिए ही जापान आता है।
इंडस्ट्रियल सपोर्ट
इलेक्ट्रानिक्स, आटोमोबाइल, शिपिंग आदि के क्षेत्र में जापानी कंपनियों का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। तकनीकी विषयों के छात्रों को शिक्षा के दौरान इन कंपनियों में जाने एवं वहां की कार्यविधि को देखने का अवसर मिलता है। प्रोजेक्ट कार्यो के अंतर्गत इन कंपनियों में जाने वाले छात्रों को अच्छा कार्य करने पर इन कंपनियों में ही काम करने के अवसर मिल जाते हैं।
वीजा
जापान और भारत के बीच हमेशा से मित्रतापूर्ण संबंध रहे हैं। इसका लाभ वहां जाने वाले भारतीय विद्यार्थियों को मिलता है। स्टूडेंट वीजा को लेकर जापान जाने वाले भारतीय छात्रों को किसी खास परेशानी का सामना नहीं करना पडता है। जिस संस्थान में प्रवेश लिया है वहां का प्रमाण पत्र, बाकी शक्षिक योग्यता, चिकित्सा एवं आर्थिक सर्टिफिकेट इत्यादि के बाद स्टूडेंट वीजा बिना किसी खास बाधा के मिल जाता है। वीजा संबंधी नियमों में समय-समय पर परिवर्तन संभव है।
वैश्विक मान्यता
जापान के विश्वविद्यालयों द्वारा दी जाने वाली डिग्रियों (विशेषत: इंजीनियरिंग क्षेत्र) को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है। इस कारण वहां अध्ययन करके आए छात्रों को विश्व के किसी भी देश में अच्छे रोजगार के लिए संघर्ष नहीं करना पडता है।
स्कॉलरशिप एवं अन्य सुविधाएं
विदेशी विद्यार्थियों (Foreign Students) को आकर्षित करने के लिए जापान में विभिन्न स्कॉलरशिप कार्यक्रमों का (Scholarship Programs) संचालन किया जा रहा है। विभिन्न निर्धारित नियमों के तहत दी जाने वाली ये स्कॉलरशिप विदेशी विद्यार्थियों के लिए काफी मददगार साबित होती हैं।
बदलाव की बयार
जापान के एजुकेशन सिस्टम (Education System) में विभिन्न देशों की शिक्षा प्रणालियों का समावेश किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में जहां जो अच्छाई मिली उसे जापान ने अपना लिया। शुरुआत में इन परिवर्तनों को लेकर कुछ आशंकाएं भी जताई गई, लेकिन समय के साथ ये आशंकाएं निराधार ही सिद्घ हुई और आज जापान आदर्श आधुनिक शिक्षा प्रणाली वाले देशों की सूची में शामिल हो चुका है।
कुछ प्रमुख विश्वविद्यालय
university of toky
kyoto university
keio university
waseda university
osaka university
1.2 लाख विदेशी विद्यार्थी
सन् 2020 तक होंगे 3 लाख विदेशी स्टूडेन्ट
एशियाई छात्रों का पसन्दीदा देश
जापानी कंपनियों में रोजगार के अवसर
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