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अब देश के शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों की शक्ल-ओ-सूरत भी बहुत तेजी से बदलता जा रहा है, क्योंकि हर तरफ आपको दिखाई देगा आसमान छूता हुआ टॉवर .. रिलायंस, एयरटेल, बीएसएनएल, टाटा इंडिकॉम..। यह कुछ और नहीं, बल्कि दिन-ब-दिन मजबूत होते भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की सफलता की कहानी को बयां करता है। दरअसल, जहां इन दिनों दूसरे सेक्टरों में नौकरियां सिकुड़ती जा रही हैं, वहीं टेलिकॉम इंडस्ट्री विकास के परचम लहरा रही है। इस क्षेत्र में व्याप्त संभावनाओं को देखते हुए एक्सपर्ट भी कहते हैं कि कॅरियर के लिहाज से यह सेक्टर आने वाले दिनों में भी काफी हॉट रहेगा।
टेलिकॉम का बाजार
भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री कई फेज से गुजरते हुए आज यहां तक पहुंची है। इसकी शुरुआत 19वीं सदी में टेलिग्राफिक और टेलिफोनिक सिस्टम से हुई थी। इसके बाद इस क्षेत्र में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जैसे, जीएसएम, सीडीएमए, डब्ल्यूएलएल और अब अत्याधुनिक थ्रीजी का जादू हर तरफ देखा जा रहा है।
कहां बनाएं कॅरियर
टेलिकॉम इंडस्ट्री में टेलिकॉम सॉफ्टवेयर इंजीनियर, टेलिकॉम सिस्टम सॉल्युशन इंजीनियर, कम्युनिकेशन इंजीनियर, टेक्निकल सपोर्ट प्रोवाइडर, रिसर्च प्रोजेक्ट सुपरवाइजर, नेटवर्क इंजीनियर के लिए इन दिनों बेहतर संभावनाएं हैं। इसके अलावा, रिटेल ऑउटलेट, प्रीपेड कार्ड सेलर, कस्टमर सर्विस, टावर कंस्ट्रक्शन आदि में भी कॅरियर के रास्ते खुलते जा रहे हैं।
कैसे होगी एंट्री?
इन दिनों सबसे अधिक डिमांड टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियर की है। यदि आपकी इच्छा इंजीनियर बनने की है, तो 10+2 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स सब्जेक्ट जरूर होने चाहिए। 12वीं के बाद आईआईटी या ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन टेस्ट में शामिल होकर टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (बैचरल डिग्री) बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। आईआईटी खडगपुर कई तरह के कोर्स ऑफर कर रहे हैं, इनमें बीटेक (एच) इन इलेक्ट्रॉनिक ऐंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (चार वर्षीय), बीटेक (एच) इन इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ऐंड एमटेक इन ऑटोमेशन ऐंड कम्प्यूटर विजन(पांच वर्षीय)। इसके अलावा, आईआईटी खडगपुर से डुऑल कोर्स की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग + माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड वीएलएसआई डिजाइन (पांच वर्षीय) के अलावा, एमटेक इन आरएफ ऐंड माइक्रोवेव इंजीनियरिंग (दो वर्षीय),एमटेक इन टेलिकम्युनिकेशन सिस्टम्स इंजीनियरिंग (दो वर्षीय) आदि कोर्स भी उपलब्ध हैं।
प्रमुख संस्थान
भारती स्कूल ऑफ टेलिकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी ऐंड मैनेजमेंट, आईआईटी दिल्ली
iitd.ac.in
बिरला इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, पिलानी
discovery.bits-p ilani.ac.in
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी
इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी)
कोचिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी
cusat.ac.in
डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन, आईआईटी खडगपुर
iitkgp.ac.inU
डा.बाबासाहेब अम्बेडकर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, महाराष्ट्र
dbatechuni.org
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी, जादवपुर, कोलकाता
jadavpur.edu
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु
iisc.ernet.in
सिम्बायोसिस इंस्टीटयूट ऑफ टेलिकॉम मैनेजमेंट, पुने
sitm.ac.in
टेलिकॉम क्षेत्र में कॅरियर विकल्पों को को लेकर कुछ जरूरी सवाल
टेलिकॉम सेक्टर में किस तरह की संभावनाएं हैं?
पिछले कुछ वर्षो पर नजर डालें, तो टेलिकॉम सेक्टर लगातार अच्छा परफॉर्म कर रहा है। भारत में नई-नई कंपनियां भी आ रही हैं और अब तीसरी पीढी की सेवाएं (थ्रीजी) भी शुरू हो चुकी है। खास बात यह है कि उपभोक्ताओं की संख्या भी लगातार बढ़ती ही जा रही है। मेरा मानना है कि आगामी पांच-छह वर्षो तक इस क्षेत्र में ग्रोथ रेट अच्छी रह सकती है।
इस क्षेत्र में किस तरह से कॅरियर बना सकते हैं?
यहां आप टेक्निकल और नॉन टेक्निकल क्षेत्र में कॅरियर बना सकते हैं। खास बात यह है कि दोनों ही फील्ड में इन दिनों कॅरियर के भरपूर स्कोप हैं। टेक्निकल क्षेत्र में टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियर की जरूरत होती है, तो नॉन- टेक्निकल फील्ड में बारहवीं या ग्रेजुएशन के बाद कॅरियर बना सकते हैं। नॉन टेक्निकल में कॉर्ड सेलर, कस्टमर केयर सर्विस आदि में नौकरी की तलाश कर सकते हैं।
कितनी सैलरी मिल जाती है?
टेक्निकल क्षेत्र में एंट्री लेवल पर सैलरी 15 से 20 हजार रुपये तक होती है, जबकि नॉन टेक्निकल क्षेत्र में कार्य करने वाले पेशेवरों को शुरुआती दौर में 10 से 15 हजार रुपये वेतन प्रति माह मिल ही जाते हैं।
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