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एमबीए (Master of Business Administration) का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि बिजनेस वर्ल्ड का तेजी से विस्तार हो रहा है और भविष्य में इसमें अपार संभावनाएं देखी जा रही हैं।
क्रेज क्यों?
एबीए एक सम्मानजनक मास्टर डिग्री है, जो बिजनेस वर्ल्ड (Business World) के तमाम फंक्शन और स्थितियों से अवगत कराती है। किसी भी फील्ड में यह अच्छी जॉब और सम्मानजनक सैलरी दिलाती है। जॉब करने वाले व खोजने वालों के सामने बहुत से अवसर होते हैं और वे द बेस्ट का चुनाव कर सकते हैं। मैनेजमेंट कॅरियर आम तौर पर एट्रैक्टिव और ग्लैमरस नजर आता है। अपना व्यवसाय शुरू करने वालों या उद्योगपति बनने का सपना देखने वालों को यह व्यवसाय चलाने के सारे गुर सिखाता है।
कितने एग्जाम
वैसे तो अलग-अलग संस्थानों के अपने-अपने एग्जाम होते हैं। लेकिन ज्यादातर अच्छे बी-स्कूल कैट और जेमैट को प्रिफर करते हैं। कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) और ज्वाइंट मैनेजमेंट एंट्रेंस टेस्ट (जीमैट) के अतिरिक्त कुछ और एंट्रेंस टेस्ट हैं- गुजरात कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (जीसेट), एक्सएलआरआई एडमिशन टेस्ट, कर्नाटका एमबीए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, ऑल इंडिया एंट्रेंस टेस्ट (एआईएमईटी), कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, महाराष्ट् (सीईटी), सिंबायोसिस नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (स्नैप), मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (मैट), यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी स्टेट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (सीईई), यूपी मैनेजमेंट ऐंड एमसीए कंबाइंड एडमिशन टेस्ट (यूपीएमसीएटी), उत्तरांचल ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (यूएजेईटी)
एग्जाम की परख
चाहे कैट (Common Admission Test) परीक्षा हो या कोई और एंट्रेंस टेस्ट, सभी का उद्देश्य है छात्र की क्वालिटी को परखना। सभी लिखित परीक्षाओं में ऑब्जेक्टिव टाइप के वैकल्पिक प्रश्न होते हैं। इन परीक्षाओं में समय कम और प्रश्न ज्यादा दिए जाते हैं। यानी सोचने के लिए बहुत कम समय मिलता है।
इन परीक्षाओं में आपका जीके (राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, स्थानों, व्यक्तियों और मुद्दों की जानकारी), लॉजिकल व रीजनल एबिलिटी (मैथ्स और स्टेटिस्टिक्स की बेसिक नॉलेज) आदि की परख होती है, वहीं अंग्रेजी भाषा पर आपकी पकड़, आपकी बोलने की क्षमता, आपकी भाव-भंगिमा, ग्रामर, लीडरशिप क्वालिटी इत्यादि का टेस्ट भी होता है।
तैयारी कैसे करें
लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और करेंट अफेयर्स की नॉलेज निखारने के लिए प्रतिदिन अंग्रेजी का राष्ट्रीय अखबार और मैग्जीन्स ध्यान से पढ़िए। सही उच्चारण, स्पेलिंग और ग्रामेटिकल यूज के लिए डिक्शनरी की मदद लीजिए और जो शब्द आप सीखते जाएं, उन्हें नोट भी करते जाएं।
अच्छे स्पोकेन एक्सप्रेशंस के लिए रोज किसी अच्छे न्यूज चैनल के ऐंकर को बोलते हुए ध्यान से देखिए।
कॉमर्स, नॉन मेडिकल व अन्य स्टूडेंट्स को मैथ्स जरूर पढ़नी चाहिए। मैथ्स और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स को भी मैथ्स को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पजल्स हल करना और क्विज कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेना लॉजिकल एबिलिटी (Logical Ability) को बढ़ाने में सहायक होता है।
कैट और जीमैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बाजार में उपलब्ध अच्छी बुक्स पढ़ें और इंटरनेट पर उपलब्ध ऑनलाइन प्रैक्टिस टेस्ट को आजमाएं। बाजार में एमबीए एंट्रेंस एग्जाम प्रीपरेशन प्रैक्टिस सीडी भी आती हैं, उनका भी सहारा ले सकते हैं।
अपने कमजोर पक्ष को पहचानें और उसे मजबूत करने की कोशिश करें।
किसी अच्छे बी-स्कूल (Business School) में एडमिशन ले चुके अपने सीनियरों के अनुभवों का फायदा उठाएं और उनका मार्गदर्शन लें।
प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (लखनऊ, अहमदाबाद, कोलकाता, इंदौर, बैंगलोर)
जैवियर लेबर रिसर्च इंस्टीट्यूट, जमशेदपुर
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी, दिल्ली
यूनिवर्सिटी
जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
स्कूल्स ऑफ मैनेजमेंट, आईआईटी (मुंबई, दिल्ली, चेन्नई)
मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुडगांव
जैवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर
क्रेडल ऑफ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, पुणे
इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद
इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, दिल्ली
मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, दिल्ली
अच्छे बी स्कूल का चयन जरूरी
एमबीए का बेहद क्रेज है। किसी भी स्ट्रीम का व्यक्ति एमबीए करना चाहता है। ऐसा क्यों? पहला कारण तो इसकी क्वालिफिकेशन है। इसमें किसी भी स्ट्रीम का ग्रेजुएट एडमिशन ले सकता है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि एमबीए का ब्रॉड स्पेक्ट्रम है।
मैनेजमेंट जीवन के काफी बड़े दायरे को कवर करता है। डेटूडे लाइफ में कदम-कदम पर हमें मैनेजमेंट की जरूरत पड़ती है। बिजनेस में मार्केट का दायरा बढ़ रहा है। मार्केट की कॉम्प्लेक्सिटी काफी एरिया को कवर करती है। एप्रोप्रिएट टेक्नोलॉजी इस वक्त की बड़ी जरूरत है। स्ट्रीम या क्षेत्र कोई भी हो, हर चीज के बेस में मैनेजमेंट ही है, उसे व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए। वहीं, कॅरियर की नजर से देखें, तो अच्छे बी-स्कूल के एमबीए को अच्छी कंसर्न में मौका मिलता है और हैंडसम सैलरी ऑफर होती है।
बी-स्कूल चुनने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
बी-स्कूल चुनने के लिए उसका बैकग्राउंड, उसकी साख, उसका विजन और टीचिंग क्वालिटी के बारे में पड़ताल जरूर करनी चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि पिछले सत्र के स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट कितना और कहां-कहां हुआ है।
प्लेसमेंट की क्या स्थिति रहती है?
एमबीए करने पर आम तौर पर जॉब मिल ही जाती है, लेकिन जहां तक बेस्ट प्लेसमेंट की बात है, तो जो अच्छे बी-स्कूल्स हैं, वहां 100 प्रतिशत प्लेसमेंट होता है, जैसा आईआईएम लखनऊ में होता है। इसीलिए अच्छे बी-स्कूल का चयन करना बहुत इम्पॉर्टेंट है।
किस क्षेत्र के लोगों के लिए एमबीए करना ज्यादा फायदेमंद है?
चाहे वह बैंकिंग हो, फाइनेंस हो, आईटी हो, एग्रीकल्चर हो, मेडिकल हो, कोई भी फील्ड ऐसा नहीं है, जिसमें एमबीए लोगों की जरूरत न पड़ती हो। देश के पॉलिटीशियन्स को भी मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहिए।
मंदी के बाद आप मैनेजमेंट को कहां देखते हैं ?
मंदी का असर हर क्षेत्र में पड़ा है। जहां तक मैनेजमेंट का सवाल है, तो पिछले वर्ष अच्छे बी स्कूल में सभी को प्लेसमेंट हो गया था। अब तो मंदी के बादल छंट चुके हैं। इस कारण कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में कॅरियर बेहतर होगा।
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