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CBSE board 2013: साइंस विषय में कैसे करें स्कोर

नई इबारत नई मंजिल
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सीबीएसई की बारहवीं बोर्ड परीक्षा में मिले प्राप्तांक आपके कॅरियर के लिए महत्वपूर्ण हैं। एग्जाम भी सिर पर है, इसलिए प्रत्येक स्टूडेंट अब केवल एग्जाम पर फोकस करे, वर्ना उसके पास केवल पछतावा रहेगा। कहने का आशय है कि सब्जेक्ट कोई हो उसका अपना महत्व है वर्ना थोडी सी लापरवाही सपने पर पानी फेर सकती है। मेडिकल फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए बायोलॉजी की अनिवार्यता से इस सब्जेक्ट का क्रेज कई गुना बढ गया है। यदि स्ट्रेटेजी बनाकर बायोलॉजी के महत्वपूर्ण पोर्सन पर फोकस करेंगे तो बेहतर मा‌र्क्स ला सकते हैं।


बायोलॉजी को बनाएं रुचिकर

बायोलॉजी में स्टूडेंट्स की रुचि कम रहती है। इस सब्जेक्ट को हल्के में लेने का असर नंबरों पर दिखायी पडता है, लेकिन कुछ बेसिक प्वाइंट्स पर ध्यान दिया जाए तो यह सौ फीसदी स्कोरिंग हो सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बॉयोलॉजी की तैयारी एप्लीकेशन बेस्ड रखी जाए तो इसे समझना आसान हो जाता है। एग्जाम मार्च से शुरू हो जाएंगे। समय अब केवल रिवीजन और कुछ महत्वपूर्ण प्वाइंट को समझने का शेष है। स्टूडेंट डायग्राम की एक अलग नोट बुक तैयार करें और प्रतिदिन दो डायग्राम बनाकर प्रैक्टिस करें। ऐसा करने से सब्जेक्ट पर पकड मजबूत होने के साथ माइनर प्वाइंट्स पर पकड मजबूत होती है।


समझें, फिर दें उत्तर

सीबीएसई 12वीं के स्टूडेंट बायोलॉजी का पेपर मिलते ही सर्वप्रथम उसे कम से कम दो बार पढे और प्रश्नपत्र को पढकर यह सुनिश्चित कर लें कि उनसे पूछा क्या गया है। सबसे ज्यादा अंक वाले सवाल सबसे पहले करें तो बेहतर होगा। इसके बाद डायग्राम से जुडे सवालों के उत्तर लिखें। स्टूडेंट को ध्यान रखना चाहिए कि बायोलॉजी में डायग्राम के माध्यम से अच्छे अंक मिल सकते हैं, लेकिन डायग्राम स्पष्ट और प्रश्न से रिलेटेड हो। स्टूडेंट यदि डायग्राम बनाने की तैयारी पहले से करे तो एग्जाम के समय बेहतर कर सकेगा। उत्तर लिखते समय स्पेलिंग शुद्ध लिखे और तार्किक जवाब देना चाहिए। गलत स्पेलिंग वाक्य का अर्थ बिगाड देती है।


इम्पोर्टेट प्वाइंट्स

एनसीईआरटी के प्रश्नों को सॉल्व करने की प्रैक्टिस करें।

प्रश्न का उत्तर देते समय टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है,वर्ना आते हुए प्रश्न छूट जाएंगे।

शब्द सीमा का विशेष ध्यान रखें। यदि सटीक शब्दों में प्रश्न का उत्तर लिखेंगे तो परीक्षक पर अच्छा प्रभाव पडेगा और प्रश्न भी नहीं छूटेंगे।

बॉयोटेक्नोलॉजी से जुडे सवालों को जरूर तैयार करें। इससे अक्सर सवाल पूछे जाते हैं।

डीएनए और आरएनए की संरचना महत्वपूर्ण होती है, महत्वपूर्ण होती है इसे जरूर तैयार कर लें।

ग्रेगर जॉन मेंडल के सिद्धांत से कई बार घुमा फिराकर प्रश्न पूछे जाते हैं।

क्रोमोसोम से जुडे सवालों को अच्छी तरह से तैयार कर लें। इकोलॉजी और फूड चेन भी महत्वपूर्ण है, पूरे सेक्शन को अच्छी तरह तैयार कर लें।

पहले करके दिखाएं फिर सिखाएं

बायोलॉजी प्रैक्टिकल बेस्ड सब्जेक्ट है। इसमें स्टूडेंट को पहले करके दिखाएं फिर सिखाएं। इस मैथेड को अप्लाई करने से स्टूडेंट्स में इंट्रेस्ट बढेगा। एक चेप्टर या यूनिट समाप्त होने पर क्लास टेस्ट लेते रहें। अब शेष समय में प्रतिदिन बायोलॉजी के लिए दो घंटे जरूर दें। प्रतिदिन दो घंटे जो आपने पढा है उसका अगले दिन फीडबैक जरूर लें। जहां जरूरत हो वहां डायग्राम जरूर बनाएं। प्रश्न का उत्तर देते समय शब्द सीमा और समय का ध्यान रखें। एग्जाम में जिस प्रश्न का उत्तर शत-प्रतिशत आता है, उस प्रश्न को सबसे पहले हल करें। एक बात ध्यान रखें बायोलॉजी में लिखना खूब पडता है, इसलिए लिखने की प्रैक्टिस बहुत जरूरी है।

के. तिवारी, प्राचार्य,

केन्द्रीय विद्यालय (आईआईटी), कानपुर।

हाऊ टू प्रिपेयर बॉयोलॉजी

बॉयोलॉजी भी स्कोरिंग सब्जेक्ट है। थोडी से मेहनत और स्ट्रेटेजी बनाकर सिस्टेमेटिक किया गया अध्ययन सब्जेक्ट की गहराइयों से अवगत करा सकता है। अगर सब्जेक्ट पर कमांड हो गया तो सफलता की सुखद अनुभूति करने में कोई भी बाधा आडे नहीं आएगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि अब इतना समय शेष नहीं है कि हर सब्जेक्ट के साथ इस पर विशेष ध्यान दिया जा सके। इसलिए यदि स्टूडेंट अब शेष समय में निम्न पोर्सन पर ध्यान देगा तो एग्जाम में बेस्ट कर सकता है-

रिप्रोडेक्शन – रिप्रोडेक्शन यूनिट में ऊजेनेसिस प्रॉसेस को ठीक तरह से समझ लें। डायग्राम में स्पर्म और ओवम का चित्र बनाकर प्रैक्टिस करेंगे तो बेस्ट करेंगे।

जेनेटिक्स- मेंडल का सिद्धांत, सेक्स लिंग और डीएनए का एप्लीकेशन महत्वपूर्ण है। इवोल्यूशन में डार्विन का सिद्धांत महत्वपूर्ण है। इससे क्वैश्चन लगभग पूछा ही जाता है।

बॉयोलॉजी एंड वेलफेयर- इसमें बीमारी फैलाने वाले कारकों का नाम और बीमारियों के लक्षण को ध्यान से पढें। इस भाग से भी प्रश्न एग्जाम में जरूर पूछे जाते हैं। स्टूडेंट विशेषकर एड्स और कैंसर वाले भाग को जरूर पढें।

बॉयोटेक्नोलाजी- जेनेटिक इंजीनियरिंग, जीन थेरेपी, बीटी क्रॉप्स को तैयार कर लेंगे तो एग्जाम में बेस्ट करेंगे।

इकोलॉजी एंड इंवॉयरमेंट- इको सिस्टम, नाइट्रोजन, और कार्बन चक्र में से अधिकतर एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते हैं। बॉयोडाइवर्सिटी और उसका संरक्षण, प्रदूषण और वेस्ट मैनेजमेंट, ग्रीन हाउस इफेक्ट के माइनर प्वाइंट्स पर भी ध्यान देंगे तो एग्जॉम में बेस्ट करेंगे।



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