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ज्योग्राफी: कॅरियर की एक नई उंचाई

नई इबारत नई मंजिल
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geography as careerज्योग्राफी पृथ्वी पर विभिन्न स्थलों की जानकारी देने के साथ धरातल पर पाए जाने वाले विविध तथ्यों का अध्ययन करती है। इसके अन्तर्गत धरातल के विविध तत्वों के क्षेत्रीय विवरण मात्र ही नहीं बल्कि उनके स्वरूप तथा उत्पत्ति का सकारण विवरण भी प्रस्तुत किया जाता है। सर्वप्रथम प्राचीन यूनानी विद्वान इरैटोस्थनिज ने भूगोल को धरातल के एक विशिष्ट विज्ञान के रूप में मान्यता दी। इसके बाद हेरोडोटस तथा रोमन विद्वान स्ट्रैबो तथा क्लाडियस टॉलमी ने भूगोल को सुनिश्चित स्वरूप दिया। आज भूगोल में इतने विकल्प हैं कि युवा इस विषय को लेकर बेहतरीन कॅरियर बना रहे हैं और यह हॉट सब्जेक्ट के रूप में उभर रहा है। अगर आप भी इस तरह के कॅरियर की तलाश में हैं, तो यहां आपके पास विकल्पों की कमी नहीं है। आप अपनी पसंद और रुचि के अनुरूप इस विषय से संबंधित अनेक क्षेत्रों में कॅरियर की ऊंची उडान भर सकते हैं।


क्यों पढ़े ज्योग्राफी

ज्योग्राफी का अध्ययन हम सभी स्कूल लेवल से शुरू कर देते हैं, लेकिन कॅरियर के लिए कम से कम स्नातक होना जरूरी है। इस फील्ड से जुड़े लोग मौसम की पल-पल की जानकारी आप तक पहुंचाते हैं। विदेश में इस क्षेत्र से जुडे कॅरियर विकल्पों की कमी नहीं है। लेकिन अब देश में इस सेक्टर के नये विकल्प खुलते जा रहे हैं। अपार प्राकृतिक संसाधन वाले भारत में सरकार प्राकृतिक संसाधनों के न्यायोचित दोहन पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकार जहां प्राकृतिक दोहन संसाधनों के दोहन से रेवेन्यू जुटाना चाहती है, वहीं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही है। इ सके लिए बड़ी संख्या में ट्रेंड प्रोफेशनल्स की जरूरत है। इस फील्ड में सरकार प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इस कारण इस फील्ड में संभावनाएं ही संभावनाएं बढ़ी हैं और युवा वर्ग इसे कॅरियर के तौर पर चुनने के लिए आगे बढ़ा है, जिससे ज्योग्राफी का क्रेज बढ़ा है।


जरूरी स्किल्स

कलात्मक रुचि हो

मैथमैटिकल नॉलेज

विषय में रुचि

विश्व की जानकारी


एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

भविष्य की दृष्टि से ज्योग्राफी में ग्रेजुएशन कॅरियर की पहली सीढ़ी है। ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए 10+2 होना अनिवार्य है। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन, एमफिल और पीएचडी कर सकते हैं। इसमें प्रवेश के लिए अधिकतर यूनिवर्सिटियां व संस्थान प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं तो कुछ मेरिट के आधार पर प्रवेश देते हैं।


कौन से हैं कोर्स

बीए ज्योग्राफी

बीएससी ज्योग्राफी

डिप्लोमा इन ज्योमेटिक्स

एमए ज्योग्राफी

एम फिल ज्योग्राफी

एम एस सी अप्लाईड ज्योग्राफी

एम एस सी ज्यो इंफोमेटिक्स

एम एस सी ज्योग्राफी

एम एस सी जीटीए (ज्योग्राफी एंड टूरिज्य एडमिनिस्ट्रेशन)

मास्टर इन ज्योग्राफिक इंफोमेटिक्स साइंस एंड सिस्टम

मास्टर इन रिमोट सेंसिंग एंड ज्योग्राफिक इंफोरमेशन साइंस

पीएचडी ज्यो मैग्नेटिज्म

पी एच डी ज्योग्राफी

पोस्ट ग्रेजुऐट डिप्लोमा इन ज्यो इंफोरमेटिक्स

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड ज्योग्राफिक इंफोरमेशन साइंस


प्रमुख संस्थान

जेएनयू नई दिल्ली

बीएचयू, वाराणसी

सीएसजेएम यूनिवर्सिटी और सम्बद्ध कालेज, कानपुर

अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ

पटना यूनिवर्सिटी, पटना

पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ


ज्योग्राफी के हॉट सेक्टर

ज्योग्राफी यानि भूगोल का क्रेज विदेशों की तरह अब देश में भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सरकार ने कई ऐसी योजनाएं चलायी हैं जिससे इस फील्ड के प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ी है। इस फील्ड के कौन-कौन से हैं हॉट सेक्टर..


ज्योग्राफर

देश में कार्य कर रहे हजारों ज्योग्राफर्स में 80 प्रतिशत से ज्यादा ज्योग्राफर्स एकेडमिक फील्ड से जुडे हैं। ज्योग्राफर्स का कार्य प्रकृति से संबंधित तथ्य तथा जानकारियां जुटाना है। इसके अलावा यह लोग मिट्टी, क्लाइमेंट, लैंड फार्म, प्लांट्स तथा एनीमल से रिलेटेड जानकारियां भी एकत्र करते हैं। इसलिए आंकडों की जरूरत के लिए ज्योग्राफर की डिमांड सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों में बढ़ी है। एक ज्योग्राफर को यात्रा करने के साथ लम्बे समय तक घर से बाहर रहना पड़ता है।


जीआईएस स्पेशलिस्ट

ज्योग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम के माध्यम से आप किसी भी स्थान के मौसम, तापमान और प्रदूषण की जानकारी हासिल कर सकते हैं। जीआईएस आकस्मिक दुर्घटना या विपत्ति के समय कुछ मिनट में ही उस जगह की सारी जानकारी एकत्र करने में सक्षम होते हैं। जीआईएस से जुड़े कई साफ्टवेयर भी आ रहे हैं जिनसे और भी कई तरह जानकारिया ली जा सकती हैं। जीआईएस स्पेशलिस्ट पॉल्युशन कंट्रोल वाले स्थान को मिनटों में पहचान लेते हैं। प्रोजेक्ट शुरूआत करने के लिए तथा प्रदूषण नियंत्रण के लिए इस फील्ड के विशेषज्ञों का क्रेज बढ़ा है।


सिविल सर्विसेज

इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में ज्योग्राफी टॉप स्कोरिंग सब्जेक्ट है। इस परीक्षा में यह जनरल स्टडीज पेपर का हिस्सा या ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है। यही कारण है कि कई स्टूडेंट्स पोस्ट ग्रेजुएट लेवल तक ज्योग्राफी लेना पसंद करते हैं। सिविल सर्विसेज में यदि आप प्लानिंग करके ज्योग्राफी पढ़ें तो टॉप स्थान हासिल कर सकते हैं। जगह को पर्यावरण के आधार पर समझना, और चल रहे मामलों को प्लानिंग से सही तरह से हैंडल करने की योग्यता ब्यूरोके्रट्स की निशानी है। इ सलिए यह सब्जेक्ट मददगार साबित होता है।


इंवायरनमेंट स्पेशलिस्ट

ज्योग्राफी में आनर्स डिग्री के साथ इंवायरनमेंट स्टडीज की स्टडी करने वाले स्टूडेंट के लिए यह फील्ड बेहतर कॅरियर विकल्प बन सकती है। पर्यावरण विशेषज्ञों की मांग सरकारी विभागों की तुलना में प्राइवेट सेक्टर में काफी है। इंवायरनमेंट एक्सपर्ट के तौर पर आप नेचुरल एरिया मैनेजमेंट, रिसोर्स मैनेजमेंट तथा इंवायरनमेंट इश्यू जैसे एरिया का चयन कर सकते हैं।


अरबन और कम्यूनिटी प्लानर

इनका कार्य जनसंख्या के अनुसार शहर की प्राकृतिक खूबसूरती बनाए रखना, पार्क बनाना तथा भीड भाड को नियंत्रित करना है। ट्रैफिक प्लानिंग तथा मनोरंजन से जुडी चीजों का मैनेजमेंट शामिल है। बिल्डर्स को मास्टर प्लान के तहत शहर को विकसित करने के लिए निर्देशित करना भी अरबन प्लानर के कामकाज के अंतर्गत आता है। इसके लिए तमाम ज्योग्राफिक इंफार्मेशन की जरूरत पढती है, जिसके कारण ज्योग्राफी फील्ड के जानकारों को हाथों-हाथ लिया जाता है।


ट्रैवल प्रोफेशनल्स

ज्योग्राफी और टूरिज्म दोनों में यदि आप ट्रेनिंग ले लें तो कॅरियर की ऊंचाइयां छू सकते हैं। वर्तमान में ट्रैवल और टूरिज्म बूमिंग इंडस्ट्री बन चुकी है। अगर आप को जगह-जगह घूमना पसंद है तो आप के लिए यह जॉब अच्छा है। ट्रैवल प्रोफेशनल्स टूरिस्ट को पहाड, घाटी और ग्लेशियर की जानकारी देने के साथ खतरों से अवगत कराते हैं। ऐसे योग्य प्रोफेशनल्स को अच्छे पैकेज पर हाथों -हाथ रखा जाता है।


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