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पॉलीटेक्निक संबंधी दुविधा को दूर करें

नई इबारत नई मंजिल
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polytechnicप्राविधिकशिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से सम्बद्ध पॉलीटेक्निक संस्थाओं में चल रहे डिप्लोमा, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा 6 से 8 मई को होना प्रस्तावित है। परीक्षा फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 12 फरवरी है। पॉलिटेक्निक से होने वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के क्रेज का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें इंट्री के लिए स्टूडेंट नौंवी से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अगर आप कठिन मेहनत करने में सक्षम हैं और सपना इंजीनियरिंग,फार्मेसी आदि क्षेत्रों में कॅरियर बनाने का है तो, आप बेहतर योजना के साथ तैयारी कर सपना हकीकत मे बदल सकते हैं।


पॉलीटेक्निक का क्रेज

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के बाद इस परीक्षा का काफी क्रेज है। विभिन्न डिप्लोमा में प्रवेश के लिए यह सबसे बड़ी परीक्षा है। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद युवा प्रदेश के विभिन्न पॉलीटेक्निक में पढ़ने के योग्य होते हैं और वहां से निकलने के बाद बेहतर सैलरी पर नौकरी पाते हैं। यही कारण है कि प्रदेश में पॉलीटेक्निक की परीक्षा में काफी स्टूडेंट बैठते हैं।


कौन-कौन से हैं कोर्स

यदि आप संयुक्त प्रवेश परीक्षा (पॉलीटेक्निक) में सफल होते हैं तो डिप्लोमा इंजीनियरिंग/ टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग,लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस, डिप्लोमा इन फार्मेसी, पीजी डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी (टिश्यू कल्चर), होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन, डिप्लोमा इन मास कम्यूनिकेशन आदि में प्रवेश के हकदार होंगे। आमतौर पर पॉलीटेक्निक तीन वर्ष के इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स कराते हैं। लेकिन कई पालीटेक्निक में दो वर्ष और एक वर्ष के डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं।


एजुकेशनल क्वालिफिकेशन

यदि आप हाईस्कूल न्यूनतम 35 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण हैं और डिप्लोमा इंजीनियरिंग/ टेक्नोलॉजी, फैशन डिजाइनिंग एंड गारमेण्ट टेक्नोलॉजी, होम साइंस तथा हाईस्कूल कृषि से उत्तीर्ण हैं तो एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षा देने के योग्य हैं। माडर्न ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटियल प्रैक्टिस में प्रवेश के लिए इंटरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा में हिन्दी तथा अंग्रेजी विषयों का होना अनिवार्य है, जबकि लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस के लिए इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। बाहरवीं 50 प्रतिशत अंकों के साथ साइंस स्ट्रीम से उत्तीर्ण स्टूडेंट, डिप्लोमा इन फॉर्मेसी के लिए आवेदन कर सकते हैं। होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी में वही उम्मीदवार योग्य होगा, जिसके 10+2 में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होंगे। पीजी डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी (टिश्यू कल्चर) के लिए बायोलॉजी, केमिस्ट्री विषयों के साथ बीएससी की डिग्री होना जरूरी है। पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन, डिप्लोमा इन मास कम्यूनिकेशन आदि के लिए ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। आरक्षित वर्ग के लिए नियमानुसार आरक्षण का प्रावधान है।


कैसे करें तैयारी

डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए 50 प्रतिशत प्रश्न मैथ्स और 50 प्रतिशत प्रश्न फिजिक्स और केमिस्ट्री से पूछे जाते हैं। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में मैथ्स से 50 प्रतिशत, फिजिक्स, केमेस्ट्री और एग्रीकल्चर से 50 प्रतिशत प्रश्न आते हैं। फैशन डिजाइनिंग, होम साइंस और टेक्सटाइल डिजाइन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अंग्रेजी एवं हिन्दी कॉम्प्रिहेंसन से 20 प्रतिशत, और रीजनिंग से 50 प्रतिशत और जनरल अवेयरनेस से 30 प्रतिशत प्रश्न पूछे जाते हैं। माडर्न आफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटियल प्रैक्टिस और लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस में अंग्रेजी एवं हिन्दी कॉम्प्रिहेंसन से 30, रीजनिंग एंड इंटेलीजेंसी से 35, न्यूमेरिकल एबिलिटी से 10 और जनरल अवेयरनेस से 25 प्रतिशत तथा डिप्लोमा इन फार्मेसी में फिजिक्स व केमिस्ट्री से 50, बायोलॉजी या गणित से 50 प्रतिशत प्रश्न आते हैं। पीजी डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी (टिश्यू कल्चर) में केमिस्ट्री से 50 प्रतिशत, जूलॉजी से 25 प्रतिशत और बॉटनी से इतने ही प्रश्न पूछे जाते हैं। इसी ग्रुप-जी में अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंसन से 20 प्रतिशत, न्यूमेरिकल एबिलिटी 15 प्रतिशत रीजनिंग 30 प्रतिशत, जनरल इंटेलीजेंसी 20 प्रतिशत और जनरल अवेरनेस से 15 प्रतिशत प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा में आने वाले प्रश्नों का ट्रेंड ऑब्जेक्टिव होता हैं। पॉलीटेक्निक में पढ़ रहे अधिकतर छात्र ग्रामीण परिवेश के हैं। इन्होंने प्रवेश के लिए कैसी स्ट्रेटेजी बनाई जिससे उन्हें सफलता मिली। पेश है इस संबंध में वार्ता के अंश..

नौंवी से ही बनाएं सिलेबस पर पकड़

पॉलीटेक्निक की तैयारी का सबसे आसान और सुगम तरीका है कि आप नौवीं से अपने सिलेबस पर मजबूत पकड़ बनाएं। इसके लिए आपको जो क्लास में पढ़ाया जाए, उसे ध्यान से पढ़ें, समझ में न आने पर गुरुजनों और सीनियर्स से हेल्प लें। यदि आप ऐसा करते हैं तो पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा में सफलता के चांसेज बढ़ जाएंगे।

हरेश यादव


प्रतिदिन दो घंटे का समय पर्याप्त

पीजीडीसीए के लिए स्नातक प्रथम वर्ष से ही ध्यान देने से कम्पटीशन आसान हो जाता है। जागरण वार्षिकी का अध्ययन आपको जनरल इंटेलीजेंस, जनरल अवेयनेस में जरूर सफलता दिलाएगा। अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंसन, न्यूमेरिकल एबिलिटी और रीजनिंग के लिए प्रतिदिन एक घंटा सुबह और सायं यदि आप समय देते हैं तो अच्छे अंक लाए जा सकते हैं।

दीपमाला


थोडी सी मेहनत और परीक्षा हिट

आर्थिक स्थिति का आकलन कर इलेक्ट्रॉनिक से डिप्लोमा करने का संकल्प लिया। कोई कोचिंग नहीं की, केवल जो हाईस्कूल में गुरुजनों ने पढ़ाया उसे ध्यान से पढ़ा। हाईस्कूल के बुक्स की एक्सरसाइज को यदि सही तरह से सॉल्व कर लिया जाए तो कम्पटीशन आसान हो जाएगा।

मो. मुशारिक


वीकनेस पहचान कर करें तैयारी

स्वयं का आंकलन कर अपनी वीकनेस पहचान कर तैयारी की जाए तो सफलता के लिए उत्तम है। जो आपका वीक एरिया है, उसमें स्ट्रांग होने के लिए शर्म छोड़नी पड़ेगी। कौन क्या कह रहा है, इसे ध्यान न देकर अपने सीनियर्स और टीचरों की जरूर मदद लें। एग्जाम के समय हडबडी न दिखाएं और कूल होकर एग्जाम दें।

रामकुमार यादव


करें सिस्टमेटिक तैयारी

ड़रे नहीं, भटके नहीं और सिस्टमेटिक तैयारी के लिए स्ट्रेटेजी बनाएं। गणित में विशेष ध्यान दें, कमजोर चेप्टर को बार-बार हल करें। फिजिक्स और केमिस्ट्री को यदि आप क्लास के दौरान समझ लेंगे तो सफलता से कोई नहीं रोक पाएगा।

संदीप गौतम


डिप्लोमाधारी स्टूडेंट की डिमांड

पिछले सत्र में गवर्नमेंट सेक्टर, मल्टीनेशनल कम्पनियां और स्थानीय इंडस्ट्रियों में लगभग 80 प्रतिशत स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हुआ। वर्तमान में पॉलीटेक्निक से डिप्लोमा करने वाले हर बच्चे की डिमांड है। चाहे उनके परसेंटेज न्यूनतम हों या अधिकतम। मल्टीनेशनल कंपनियां जरूर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और डिप्लोमा में अच्छे परसेंटेज लाने वाले स्टूडेंट्स को वरीयता देती हैं। प्लेसमेंट का मुख्य कारण है यह की डिग्रीधारियों की तुलना में इनका पैकेज कम होता है और हर परिस्थिति में हार्डवर्क करने को तैयार रहते हैं। अन्य ट्रेडों की अपेक्षा ग्रुप- ए यानि इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल आदि डिप्लोमा होल्डर्स की डिमांड लगातर बढ़ रही है। इसके अलावा अन्य ट्रेडों से डिप्लोमा करने वालों की डिमांड भी डिग्रीधारियों तुलना में कम नही है।

डॉ. एसपी सोनी

प्लेसमेंट ऑफिसर,

राजकीय पॉलीटेक्निक, कानपुर


कहां हैं संभावनाएं

पॉलीटेक्निक करने के बाद कम्पनियों में जॉब्स मिलने के साथ ही स्वरोजगार के बेहतर विकल्प हैं। वर्तमान में डिग्री की तुलना में डिप्लोमा होल्डर्स की डिमांड दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। स्टूडेंट्स की ट्रेड के अनुसार मल्टीनेशनल कंपनियां, स्थानीय इंडस्ट्रियां और गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स की अपार संभावनाएं हैं। शुरुआती दौर में डिप्लोमाधारियों को 10 हजार रुपया आसानी से मिल जाते हैं।


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