Menu
blogid : 1048 postid : 981

बोर्ड की परीक्षाओं में कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए टिप्स

नई इबारत नई मंजिल
नई इबारत नई मंजिल
  • 197 Posts
  • 120 Comments

student commerceसीबीएसई की बारहवीं में कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट के लिए अकाउंट्स, बिजनेस स्टडीज, इकोनॉमिक्स का अध्ययन शामिल है, जो स्टूडेंट हिन्दी नहीं लेते उनके लिए इंफॉर्मेटिक प्रैक्टिस का अध्ययन अनिवार्य है। बोर्ड परीक्षाओं में तैयारी करने के लिए आपने टाइम टेबल बना रखी होगी. उस हिसाब से निर्धारित समय में रिवीजन को प्राथमिकता देना चाहिए। क्लास के दौरान बनाए गए नोट्स में माइनर प्वाइंट्स पर विशेष ध्यान देने से बेहतर मा‌र्क्स लाए जा सकते हैं। कॅरियर की दृष्टि से बारहवीं के नंबर महत्वपूर्ण हैं। बारहवीं के नंबर हायर एजुकेशन के लिए तथा नौकरी के लिए इंटरव्यू के दौरान बेहतर प्रभाव डालते हैं। कॉमर्स का क्रेज भी नेशनल और इंटरनेशनल लेबल पर बढ़ने से स्टूडेंट कॉमर्स स्ट्रीम को वरीयता देने लगे हैं। इसमें कॅरियर की ऊंचाइयां छूने के लिए बोर्ड एग्जाम में अच्छे मा‌र्क्स का महत्वपूर्ण योगदान है।


अकाउंटिंग

केन्द्रीय विद्यालय अर्मापुर कानपुर के कॉमर्स के लेक्चरर डॉ. अनिल तिवारी का कहना है कि कॉमर्स स्ट्रीम अकाउंटिंग के बिना अधूरी है। बारहवीं के बोर्ड एग्जाम में अकाउंटिंग का 80 नंबर का प्रश्नपत्र आता है। इसमें तभी आप बेहतर कर पाएंगे, जब आपकी बेसिक मजबूत होगी। अकाउंटिंग के पेपर में पार्ट-ए में अकाउंटिंग नॉट-फॉर-प्रॉफिट आर्गेनाइजेशन, पार्टनरशिप फ‌र्म्स एंड कम्पनीज पर आधारित 60 नंबर के प्रश्न तथा फाइनेंशियल स्टेटमेंट एनालिसिस से 20 नंबर के प्रश्न आते हैं। शेयर कैपिटल एंड डिबेंचर के प्रश्नों को हल करने के लिए फोर फीचर ऑफ शेयर जरूर करें। शेयर इश्यू एट डिस्काउंट एंड प्रीमियम प्रोराटा अलाटमेंट को अच्छी तरह से समझ लेंगे तो प्रश्न का उत्तर अच्छी तरह दे पाएंगे। डिबेंचर इश्यू और रिडम्प्शन की जनरल इंट्री तथा डीआरआर एवं डिबेंचर का शेयर में कंवर्जन की प्रैक्टिस करें और प्वाइंट टू प्वाइंट ध्यान दें तो अच्छे नंबर आसानी से लाए जा सकते हैं। ध्यान रखें कि शेयर कैपिटल एंड डिबेंचर से संबंधित प्रश्नों को हल करते वक्त फार्मेट, जनरल इंट्री और नरेसन पर विशेष ध्यान दें, वर्ना अच्छे नंबर लाने से चूक जाएंगे। शेयर, पार्टनरशिप, कैश फ्लो स्टेटमेंट के सारे प्रश्न न्यूमेरिकल बेस्ड होते हैं। इसी प्रकार अकाउंटिंग फॉर पार्टनर शिप फ‌र्म्स से एक प्रश्न विकल्प का होता है। एडमिशन ऑफ पार्टनर अथवा रिटायरमेंट ऑफ पार्टनर तथा डिजलूशन ऑफ पार्टनरशिप के प्रश्न जरूर करें। अकाउंटिंग के पेपर में महत्वपूर्ण है कि सारे क्वैश्चन अटैम्प्ट करें, तभी बेहतर नंबर आएंगे। शेष प्रश्न डेथ ऑफ पार्टनर, गुडविल तथा पार्टनरशिप फंडामेंटल पर आधारित होते हैं। कुछ प्रश्न रेशियो एनालिसिस के होंगे। एक बात ध्यान रखें कि उत्तर देते समय वर्किग नोट्स जरूर दें। अगर ऐसी पढ़ाई इस समय करते हैं, तो आप बेहतर पोजीशन में रहेंगे।


बिजनेस स्टडीज

बिजनेस स्टडीज के प्रश्नपत्र में टोटल 30 क्वैश्चन पूछे जाते हैं। सारे प्रश्न अटैम्प्ट करें और प्रश्नों का उत्तर निर्धारित शब्दों में देने की प्रैक्टिस करें। कोशिश करें कि जो भी आप उत्तर लिख रहे हैं, वह प्वाइंट टू प्वाइंट हो। अगर आप ऐसी स्ट्रेटेजी अपनाते हैं तो अच्छे अंक आसानी से ला सकते हैं। बिजनेस स्टडीज में हाईआर्डर थिंकिंग के लगभग पांच प्रश्न आते हैं। इन प्रश्नों का उत्तर आप बेहतर तरीके से तभी लिख सकेंगे, जब आपकी विषय वस्तु पर गहरी पकड़ होगी। बिजनेस इन्वायरनमेंट में इंपैक्ट ऑफ गवर्मेट पॉलिसी पर क्लास के दौरान स्वयं द्वारा बनाए गए नोट्स का रिवीजन करें। इसके अलावा फंक्शनल एंड डिवीजनल स्ट्रक्चर, इनफॉर्मल एंड फॉर्मल आर्गेनाइजेशन, कम्यूनिकेशन, प्राइमरी एंड सेकेंडरी मार्केट, कैपिटल मार्केट एंड मनी मार्केट से प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों को पहले ध्यान से पढ़ें फिर उत्तर लिखें तो बेहतर रहेगा। ऑब्जेक्टिव ऑफ मैनेजमेंट तथा प्रिंसिपल ऑफ मैनेजमेंट से आधारित प्रश्न अधिकतर पूछे जाते हैं। मार्केटिंग, कंज्यूमर प्रोटेक्शन, प्लानिंग, मोटीवेशन लीडरशिप, फाइनेंशियल प्लानिंग, डेलीगेश्न पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि इन टॉपिक्स से ज्यादा से ज्यादा क्वैश्चन पूछे जा सकते हैं। हेडिंग पर विशेष दें, क्योंकि हेडिंग और व्याख्या के आधे-आधे मा‌र्क्स मिलते हैं।


इकोनॉमिक्स

इकोनॉमिक्स के प्रवक्ता एससी गुप्ता का मानना है कि यदि स्टूडेंट उपभोक्ता संतुलन तथा मांग के सिद्वांत के प्रश्नों को समझ कर उत्तर दे तो इस सेक्शन में अच्छे नंबर लाए जा सकते हैं। उत्पादक व्यवहार तथा पूर्ति के प्रश्नों का उत्तर देते समय डिमांड के अनुसार चित्र बनाने से अच्छे नंबर मिलते हैं। राष्ट्रीय आय तथा संबंधित समुच्चय से नौ नंबर के प्रश्न कैलकुलेशन बेस्ड तथा छह नंबर के प्रश्न थ्योरी बेस्ड होते हैं। स्टूडेंट्स मनी एंड बैंकिंग, सरकारी बजट, राष्ट्रीय आय, कॉस्ट आदि में क्लास के दौरान तैयार किए गए नोट्स को ध्यान से पढ़े। एनसीईआरटी की पुस्तक को आत्मसात करना इस विषय की तैयारी का बेहतर रास्ता है। इसी तरह लिटरेचर की तैयारी के लिए पिछले वर्षो के प्रश्नपत्रों को हल करें।


इंफार्मेटिक्स प्रैक्टिस

केन्द्रीय विद्यालय अर्मापुर के लेक्चरर यज्ञनेश यादव का कहना है कि चार यूनिट में पूरे कोर्स को डिजाइन किया गया है। जो स्टूडेंट्स हिन्दी विषय नहीं लेते, उनके लिए इंफार्मेटिक्स प्रैक्टिस सब्जेक्ट अनिवार्य है। इसमें आने वाले 15 प्रतिशत प्रश्न कठिन और इतने ही प्रश्रन् सरल होते हैं। इसके अलावा 70 प्रतिशत प्रश्न एवरेज होते हैं। कुल मिलाकर 70 नंबर का प्रश्नपत्र होता है। यदि स्टूडेंट नेटवर्किंग (इंटरनेट) में टाइप ऑफ नेटवर्क, नेटवर्क डिवाइसेज, आईपी एड्रेस, मैक एड्रेस को समझ ले तो इससे संबंधित प्रश्नों को आसानी से हल कर सकता है। टाइप ऑफ कम्प्यूटर, नेटवर्क केबिल, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग से भी अधिकांश प्रश्न पूछे जाते हैं। कहने का आशय यह है कि यदि आप सभी विषयों को अंकों के अनुरूप तैयारी करते हैं और समय का सर्वोत्तम उपयोग करते हैं, तो आप इस बचे हुए समय का सही सदुपयोग कर सकते हैं।


Read Hindi News


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh