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वैश्वीकरण के इस युग में केवल सामान्य पढाई करके आगे बढना आसान नहीं रह गया है। अब अगर आपको आदर्श मुकाम हासिल करना है तो यह जरूरी हो गया है कि जिस भी क्षेत्र में जाया जाए पूरी विशेषज्ञता हासिल करके ही वहां से वापस आएं। अब जमाना विशेषज्ञों का है। सच्चाई यह है कि अब केवल काम के एक हिस्से को पूरा करने वालों की नहीं, काम के हर अंग को सही तरीके से कंप्लीट करने वालों की जरूरत है।
एक क्षेत्र पर आधारित
अमेरिका के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में उन सभी कोर्सो को संचालित किया जाता है जो लंबे समय से परंपरागत शिक्षा का अंग बने हुए हैं। तकनीकी कोर्स भी सभी प्रमुख संस्थानों में चलाए जा रहे हैं जिनमें आधुनिक परिवेश को ध्यान में रखकर बनाए गए नई तरह के कोर्स भी शामिल हैं। हालांकि अब एक-दो दशकों से यह दिखाई दे रहा है कि कई?संस्थानों ने विशेषत: एक ही क्षेत्र को अपना केंद्र बिन्दु बना लिया है। यह संस्थान उसी क्षेत्र से संबंधित कोर्सो पर विशेषत:?जोर दे रहे हैं और यह कोर्स ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनाने में कारगर साबित हो रहे हैं। इन संस्थानों का मुख्य उद्देश्य छात्रों के अंदर छिपी कला को सामने लाकर उन्हें एक उल्लेखनीय मुकाम हासिल कराना होता है। देखा गया है कि संस्थानों के इन प्रयासों से युवाओं को रोजगार के मौके तो मिलते ही है, अपना व्यक्तित्व विकसित करने का भी विकल्प होते है।
म्यूजिक के लिए
संगीत हमेशा से शिक्षा का एक अंग रहा है। दुनिया के सभी देशों में इससे संबंधित कोर्सो को चलाया जा रहा है। अमेरिका में भी बहुत से म्यूजिक ट्रेनिंग देने वाले विश्वस्तरीय संस्थान हैं। इन संस्थानों से इस विषय में निपुणता हासिल की जा सकती है। अमेरिका में जो इस तरह के केंद्र हैं उनमें संगीत से संबंधित विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों जैसे इत्जाक पर्लमैन, पिंचास जुकरमैन, थेलोनियस मॉन्क आदि को छात्रों के सम्मुख लाया जाता है। संस्थानों की यह कोशिश होती है कि इन हस्तियों से अधिक से अधिक समय छात्रों को मिलवाया जा सके ताकि वे इनके अनुभवों का भरपूर लाभ उठा सकें। ऐसे अमेरिकी संस्थान सभी छात्रों को संगीत, नृत्य एवं नाट्यकला का पूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण देते हैं।
कला व तकनीक का संगम
डिजायनिंग इंस्टीटयूट के मामले में अमेरिका का नाम लंबे समय से सम्मान के साथ लिया जा रहा है। दूसरे देशों से वहां अध्ययन के लिए जाने वाले विद्यार्थियों में बहुत बडी संख्या में छात्र अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए डिजायनिंग के कोर्सो का ही चयन करते हैं। अमेरिकी डिजायनिंग संस्थान अपने यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को विजुअल एंड परफार्मिग आर्ट्स, बिल्डिंग आर्ट्स, कला एवं स्थापत्य की उत्कृष्ट शिक्षा देते हैं। इसके लिए हर प्रकार का तकनीकी सहयोग भी छात्रों को उपलब्ध कराया जाता है। कला से संबंधित हर पहलू एवं तकनीक का समावेश अपनी-अपनी फील्ड में विद्यार्थियों को आगे बढने में पूरी तरह मददगार साबित होता है।
हर तरह के कोर्स
अगर हम संपूर्ण डिजायनिंग क्षेत्र की बात करें तो अमेरिका के सभी प्रमुख शहरों में एक नहीं कई ऐसे संस्थान आपको मिल जाएंगे जहां आप डिजायनिंग के परंपरागत क्षेत्रों जैसे एडवरटाइजिंग डिजायनिंग, एनिमेशन, कॉमर्शियल फोटोग्राफी, क्लेआर्ट्स आदि विषयों में प्रशिक्षण हासिल कर सकते हैं। जो विद्यार्थी इन क्षेत्रों में कॅरियर बनाना चाहते हैं वे नि:संदेह यदि अमेरिका का चयन अध्ययन के लिए करते हैं तो उनका निर्णय कहीं से भी गलत नहीं साबित होगा। अमेरिकी संस्थानों का यह प्रयास रहता है कि छात्रों के अंदर छिपी रचनात्मक क्षमता के साथ तकनीकी प्रवीणता का समन्वय किया जाए ताकि वे डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने के बाद अपने देश जाकर विशेषज्ञता हासिल करने वाले क्षेत्र में व्यावसायिक दक्षता प्राप्त करें।
सबके लिए कोर्स
अमेरिका के अधिकतर संस्थानों में इस तरह के कोर्सो की संरचना पूरी तरह से व्यावसायिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर की गई है। कुछ संस्थान इसके लिए ऑनलाइन कोर्स भी संचालित करते हैं। इसके लिए आपको संबंधित कॉलेज से संपर्क करना होगा।
उच्चस्तरीय शिक्षक
अमेरिका में डिजायनिंग से संबंधित कॉलेजों में भी उच्चस्तरीय शिक्षक ही शिक्षण के लिए चयनित किए जाते हैं। अंशकालिक या सहायक शिक्षकों के रूप में उन लोगों की भी मदद ली जाती है जो विश्वविद्यालय के बाहर नियमित तौर पर विभिन्न कार्यो में लगे हुए हैं।
कोर्स, फीस एवं वीजा
म्यूजिक एवं डिजायनिंग के कई तरह के कोर्स अमेरिकी संस्थानों में चलाए जा रहे हैं। कोर्सो के हिसाब से उनकी अवधि भिन्न-भिन्न हो सकती है। शिक्षण शुल्क के संबंध में भी यही स्थिति है। जो भारतीय विद्यार्थी इन कोर्सो के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं, उन्हें निश्चित रूप से वीजा की आवश्यकता होगी जो एक निर्धारित प्रक्रिया के बाद ही हासिल किया जा सकता है।
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