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थिंक पॉजिटिव
एजुकेशन कंप्लीट होते ही करियर से रिलेटेड कई क्वैश्चंस मन में आने लगते हैं. पहला प्रश्न यही होता है कि जॉब के लिए किस कंपनी या सेक्टर को चूज किया जाए. कई बार हम सेक्टर चूज भी कर लेते हैं, लेकिन जैसे ही कोई बताता है कि इसमें अब सैलरी पैकेज कम हो गया है, तो हमारा कॉन्फिडेंस लूज हो जाता है. हम दूसरी फील्ड में स्पेस तलाशने लगते हैं. इस तरह के कंफ्यूजन से बचें. जो भी डिसीजन लें, उस पर कायम रहें.
मैनेज योर टाइम
जॉब तलाशने के साथ ही अपने स्किल्स को मजबूत करते रहें. फ्यूचर को लेकर एक्टिव यूथ अपना ज्यादातर टाइम सोशल नेटवर्किग साइट्स पर लगाते हैं. लेकिन इन साइट्स का फायदा नेटवर्किग बनाने में भी किया जा सकता है. इन साइट्स के जरिए वे हमेशा देश-विदेश के उन लोगों के कांटैक्ट में बने रहते हैं, जो उस फील्ड से रिलेटेड हैं, जिसमें वे करियर बनाना चाहते हैं. आपको जॉब साइट्स पर रिज्यूमे भेजकर घर बैठे कई जॉब ऑप्शंस भी मिल सकते हैं.
स्टार्ट फ्रॉम एसएमई
एक फ्रेशर के लिए जॉब पाना और भी मुश्किल होता है. एक्सपीरियंस के लिए कहीं से तो शुरुआत करनी ही पडेगी. अगर शुरुआत छोटी जगह से हो तो क्या बुरा है. कुछ तो सीखने को मिलेगा ही. पॉकेटमनी मिलेगी तो वर्क के लिए इंट्रेस्ट भी जगेगा. लेकिन यह लास्ट नहीं है. छोटी कश्ती को चलाना सीखें, जब परफेक्ट हो जाएंगे तो बडी नावें भी आसानी से चलाने के लिए मिल सकती हैं. छोटे-छोटे एक्सपीरियंस ही फील्ड नॉलेज में इतना स्ट्रांग कर देंगे कि बडी कंपनियों में जल्द ही चांस मिल जाएगा. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने छोटी कंपनियों से करियर शुरू किया और बडी कंपनियों में अच्छी पोजीशन बनाई.
रखें टारगेट पर नजर
एजुकेशन पीरियड में हम एडमिशन के समय ही तय कर लेते हैं कि कम से कम कितने परसेंट मार्क्स लाने हैं. जॉब के लिए भी ऐसा ही टारगेट बनाकर चलें. अपने पसंदीदा सेक्टर की किसी बहुत बडी कंपनी को माइंड में रखें. तय कर लें एक बार यहां जॉब जरूर करनी है. हमेशा कुछ दिनों के बाद उस कंपनी की प्रोफाइल चेक करते रहें. कंपनी ने क्या नया किया है? फाउंडर और चेयरमैन कौन है, आदि की नॉलेज हमेशा होनी चाहिए. कंपनियों की साइट्स पर जॉब इन्फॉर्मेशन भी होती है. जैसे ही जॉब निकले अप्लाई कर दें.
नेटवर्किग इज मस्ट
जॉब ढूंढनी हो या जॉब में आगे बढना हो, सभी में काबिलियत के साथ पर्सनल रिलेशन काम आते हैं. सोशल मीडिया नेटवर्किग के लिए बेस्ट है. आप भी इसका यूज अपने कांटैक्ट बढाने में कर सकते हैं. अपने फील्ड से रिलेटेड अधिक से अधिक लोगों से कांटैक्ट बनाएं, एक्सपीरियंस्ड सीनियर्स के साथ कनेक्ट रहे. अच्छा रिलेशन बन गया, तो हो सकता है कि वे आपकी फील्ड से रिलेटेड क्वैरीज को सॉल्व करने के साथ कुछ बेटर ऑप्शन्स के बारे में भी बता दें. सीनियर्स से हम काफी कुछ सीख सकते हैं. इनसे हमेशा संपर्क बनाए रखें.
एक्सपर्ट टॉक
गोयल ब्रदर्स पब्लिकेशन के एजीएम-एचआरडी अरुण कुमार सहगल का मानना है कि जब फर्स्ट जॉब के लिए किसी भी कंपनी में जाएंगे, तो वहां एक्सपीरियंस की बात नहीं की जाएगी. ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट या इंडस्ट्री के बेसिक्स के बारे में ही पूछा जाएगा. पहली जॉब की तलाश में निकल रहे यूथ को सबसे पहले सब्जेक्ट्स पर कमांड करनी होगी.
शाही एक्सपोर्ट के एचआर हेड जे.एस.मलिक सलाह देते हैं कि जॉब तलाशने से पहले कंपनियों का प्रोफाइल चेक कर लें. इंडस्ट्री की बेसिक नॉलेज ले लें और वहां के लोगों से नेटवर्किग बनाने की कोशिश करें.
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