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Jobs in Commerce Stream – वाणिज्य क्षेत्र में बेहतर कॅरियर

नई इबारत नई मंजिल
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Jobs in Commerce Stream

आर्थिकउदारीकरण (Economic Liberalisation) के इस दौर में कॉमर्स (Commerce) का क्रेज अंतरराष्ट्रीय स्तर (International Level ) पर बहुत तेजी से बढ रहा है। इसका कारण है कि अधिकतर कंपनियों में कॉमर्स बैकग्राउंड (Commerce Background) वालों के लिए नौकरियां (Jobs) निकलती ही रहती हैं। जिस तरह भारत में विदेशी कंपनियों (Foreign Companies) की आमद बढी है, कॉमर्स (Commerce) के लोगों के लिए स्कोप (Scope) भी बढ गये हैं। लेकिन इस फील्ड में कॉमर्स के अलावा भी अन्य स्ट्रीम (Stream) के स्टूडेंट (Student) सीए (Chartered Accountant), आईसीडब्ल्यूए (The Institute of Cost and Works Accountants of India) के अलावा अकाउंटिंग (Accounting) से जुडे शार्ट टर्म कोर्स (Short Term Courses) करके अच्छा रोजगार हासिल कर सकते हैं।


सीए (Chartered Accountant) में पैसा और प्रतिष्ठा

सीए (Chartered Accountant) में वह सब है, जो आज का युवा नौकरी (Job) से चाहता है। कॉमर्स (Commerce) के किसी भी विद्यार्थी (Student) से आप पूछ लीजिए कि आगे क्या करोगे, शत्प्रतिशत का जवाब बस एक ही होगा, सीए (Chartered Accountant) बनेंगे। विद्यार्थियों का यह सपना ही सीए (Chartered Accountant) को प्राथमिकता सूची में प्रारंभिक कुछ स्थानों में ही शामिल करा देता है।

यह जॉब वेतन (Salary) के नजरिए से भी स्वर्णिम माना जाता है। मैनेजमेंट कोर्सो (Management Courses) के बढते प्रभाव के बाद भी सीए (Chartered Accountant) का क्रेज किसी भी सूरत में कम नहीं हुआ है। हां यहां यह जरूर है कि सीए (Chartered Accountant) का कंपटीशन (Competition) कठिन है और इसमें सफल होने के लिए अच्छी तैयारी की जरूरत होती है, लेकिन अगर अच्छा फल चाहिए तो मेहनत तो करनी ही पडेगी। अगर आप नजर डालेंगे तो पाएंगे कि आज साधारण घरों के बहुत से छात्र सीए बन गए हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंसी (Chartered Accountant) का कोर्स करने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (Minimum Academic Qualification) बारहवीं पास (12th Pass) होना जरूरी है।


शानदार जॉब हैसीएस(Company Secretaries)

आज लोगों के सामने कॅरियर (Career) के कई विकल्प हैं। लेकिन अधिक वेतन दिलाने वाले कॅरियर (Career) कम ही हैं, जो हैं भी उनके तकनीकी ज्ञान (Technical Knowledge) के लिए पैसा अधिक खर्च होता है। आर्थिक कारणों से हर किसी के लिए यह संभव नहीं है कि वह अपने बच्चों को ऐसा कोर्स (Courses) करा सकें लेकिन सीएस (Company Secretaries) की पढाई में अधिक पैसा खर्च नहीं होता है और रेगुलर क्लास (Regular Class) भी करना अनिवार्य नहीं है।

आप घर पर रहकर भी पढाई कर सकते हैं। दूर-दराज में रहने वाले छात्र ई-लर्निग (E-learning) के माध्यम से कंपनी सेक्रेटरी फाउंडेशन प्रोग्राम (Company Secretaries foundation Programme) कर सकते हैं। इस कोर्स (Course) का महत्व अन्य कोर्सो (Courses) से कम नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार सीएस (Company Secretaries) कॉरपोरेट जगत (Corporate World) की रीढ है।

बिना इसके किसी कंपनी (Company) की तरक्की संभव नहीं है। इस कॅरियर (Career) में चुनौतियां तो बहुत हैं लेकिन आगे बढने के रास्ते भी कई हैं। इस कारण से ही इसे भविष्य का कॅरियर कहा जाता है।

कंपनी सेक्रेटरी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Board of Director Company Secretaries) , सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों (Government And Non Government Agencies), शेयर होल्डर्स (Shareholders) एवं सरकार (Government) के बीच एक कडी का काम करता है। इसमें वह सब कुछ है, जिसे आज का युवा हासिल करना चाहता है। अगर आप फाइन आर्ट्स (Fine arts) छोडकर किसी भी विषय से बारहवीं पास (12th Class) हैं तो इस सीएस फाउंडेशन कोर्स (Company Secretaries foundation Programme) में एडमिशन (Admission) ले सकते हैं। कॉमर्स बैकग्राउंड (Commerce Background) के विद्यार्थी इसमें कुछ फायदे में रहते हैं।

कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स (Coast And Management Account Professional) की भूमिका में इजाफा हो रहा है। ये प्रोफेशनल्स मैनेजमेंट (Professional Management) की चुनौतियों का सामना करने और ऑपरेशंस को कॉस्ट इफेक्टिव बनाने की कला में निपुण होते हैं। ये इन्वेस्टमेंट प्लानिंग (Investment Planning) , प्रॉफिट प्लानिंग (Profit Planning), प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (Project Management) और मैनेजेरियल निर्णय लेने का काम करते हैं।


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आईसीडब्ल्यूए (ICWA) में भी हैं जॉब

कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग प्रोफेशनल (Coast And Management Account Professional) बनने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट ऐंड व‌र्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (The Institute of Cost and Works Accountants of India) द्वारा संचालित कोर्स करना होगा। इस कोर्स के तीन चरण हैं। फाउंडेशन (Foundation) , इंटरमीडिएट (Intermediate) और फाइनल कोर्स (Final Courses)। किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड (Board) से बारहवीं पास व्यक्ति इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे छात्र जिन्होंने बारहवीं की परीक्षा (Examination) दी है, वे भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

यह कोर्स करने के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनी या सर्विस सेक्टर (Manufacture Company or Service Sector) में काम किया जा सकता है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस कोर्स को पूरा करने के बाद चेयरमैन, (Chairman) सीईओ/सीएफओ, मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing Director), फाइनेंस डायरेक्टर, फाइनेंस कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, कॉस्ट कंट्रोलर, मार्केटिंग मैनेजर (Marketing Manager ) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं।


उभरता हुआ प्रोफेशन

सीएस (Company Secretaries) की पढाई आप घर पर रहकर भी कर सकते हैं। देश के दूर-दराज इलाकों के छात्र ई-लर्निग (E-learning) के माध्यम से भी कंपनी सेके्रटरी फाउंडेशन प्रोग्राम (Company Secretaries Programme) कर सकते हैं। वे चाहें, तो आगे भी ई-लर्निग (E-learning) के माध्यम से ही एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल प्रोग्राम कर सकते हैं। सीएस (Company Secretaries) कॉरपोरेट जगत (Corporate World) की रीढ है। किसी कंपनी की तरक्की सीएस के बिना अधूरी है। सीएस बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों, शेयर होल्डर्स (Shareholders) एवं सरकार के बीच कडी का काम करता है।

एन के जैन, सेक्रेटरी एंड सीईओ, आईसीएसआई


विकास का सारथी

आप लो प्रोफाइल परिवार से हैं या किसी अमीर परिवार से, अगर मेहनत करने की क्षमता रखते हैं तो सीए के रूप में कामयाब हो सकते हैं। इस कोर्स की सबसे बडी खासियत यह है कि इसमें कोई बेरोजगार नहीं होता है। सीए को वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economic) में विकास का सारथी कहा जाता है। बिजनेस (Business) के क्षेत्र में होने वाली हर बडी से बडी और छोटी से छोटी डील इनके योगदान के बिना मुमकिन नहीं है। देश-दुनिया में आए दिन होने वाले व्यवसाय और निरंतर हो रहे आर्थिक विकास (Economic Development) में फायनेंसियल एप्लिकेशन को संभालने और उससे जुडी आवश्यक जानकारी रखने का काम सीए ही करते हैं। यही कारण है इनके पास विकल्पों की कमी नहीं रहती है।

सीए, जी रामास्वामी, प्रेसिडेंट, आईसीएआई


कम्प्यूटरनॉलेज जरूरी(Computer knowledge)

अकाउंटिंग (Accounting) की नौकरी जिम्मेदारी की नौकरी है। जिसमें पाई-पाई का हिसाब रखना होता है। व्यापार के बदलते ट्रेंड (Trend) ने अब अकाउंटिंग क्षेत्र को बहुत हद तक बदल दिया है। अब इसमें लगभग सारा काम कम्प्यूटरों पर ही किया जा रहा है।

इसके लिए कई विशेष सॉफ्टवेयर (Software) जैसे टैली (Tally) आदि का भी निर्माण किया गया है। इस सॉफ्टवेयर (Software) का कोर्स करके अकाउंटिंग की फील्ड (Field) में जाना निश्चित रूप से फायदेमंद होगा। यहां पर इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि अकाउंटिंग से जुडे कम्प्यूटर कोर्स (Computer Courses) उन्हीं संस्थानों (Institution) से करें जो बेसिक के साथ-साथ टैली (Tally) आदि के लेटेस्ट वर्जन (Latest Version) पर अभ्यास कराते हों।


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