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परिणाम – साहित्य सरताज प्रतियोगिता

Jagran Contest
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प्रिय पाठकों,


जनवरी माह में आयोजित साहित्य सरताज प्रतियोगिता में आप सभी ब्लॉगर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इसे सफल बनाया। अब वक्त है परिणाम का। कुल प्राप्त सैकड़ों से भी ज्यादा प्रविष्टियों में सिर्फ 15 का चयन वास्तव में बेहद कठिन था। साहित्य सरताज प्रतियोगिता में शामिल प्रविष्टियों की एक और विशेषता यह रही कि इसमें प्राप्त अधिकांश रचनाएं साहित्यिक दृष्टि से उच्च कोटि की कही जा सकती हैं। किन्तु कई रचनाएं गुणवत्ता की दृष्टि से अत्यंत उच्च कोटि की होने के बावजूद भाषागत अशुद्धियों अथवा प्रतियोगिता नियमों के किंचित सीमा तक उल्लंघन के कारण अंतिम चयन में शामिल नहीं हो पाई हैं। उदाहरणार्थ लघु कथा श्रेणी में कुमारेन्द्र जी की ‘असंवेदनशीलता’, श्री अनिल कुमार जी की ‘वह आ रहे हैं’ तथा डॉ. श्याम गुप्ता की ‘आठवीं रचना’ विजेता सूची में आने लायक होने के बावजूद दी गई शब्द सीमा मानकों का पालन न करने के कारण चयन प्रक्रिया से बाहर रखी गईं। इसी श्रेणी में सीमा जी की रचना 1500 शब्दों में शामिल की गई जो वस्तुत: कहानी की श्रेणी में आएगी और इसलिए उसे भी अवलोकन से पूर्णत: बाहर रखा गया। कई अन्य रचनाएं तथ्यों और भाषा शैली में अत्यंत उच्च कोटि की होने के बावजूद भाषाई अशुद्धियों के कारण चुनाव से बाहर रखी गईं।


हालांकि इस बार शैलीगत तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कई जगह कुछ छोटी अशुद्धियों को नजरअंदाज किया गया है। किन्तु भविष्यगत लेखनी के लिए पाठकों को इस ओर ध्यान देने का मंच विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता है।


साहित्य में भाषा और वर्त्तनी बेहद महत्वपूर्ण होते हैं और इनकी अशुद्धियां अच्छी से अच्छी कृति को भी उपेक्षित कर सकती है। कुछ पाठक विभिन्न आयोजनों में मंच द्वारा विजेताओं के चयन में पारदर्शिता न बरतने तथा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का विवाद उठाते हैं। हर प्रतियोगी अपनी रचना के लिए पूरी मेहनत करता है और उसका अच्छा परिणाम देखना चाहता है शायद इसीलिए ऐसे आयोजनों में ऐसे मुद्दे अक्सर उठाए जाते रहते हैं। हालांकि विजेताओं का चयन पूरी तरह मंच का स्वतन्त्र निर्णय होता है और इसके लिए किसी को सफाई देने की मंच को जरूरत नहीं है। फिर भी अपने सभी पाठकों को मंच आश्वस्त करता है कि विजेताओं के चयन में पूर्ण पारदर्शी और निष्पक्ष रवैया अपनाया गया है और हमेशा यही होता रहा है। उम्मीद है हमारे चयन से पाठक वर्ग भी सहमत होंगे। आपकी प्रतिक्रियाएं और सुझाव हमेशा स्वागत योग्य हैं।


अंत में प्रतियोगिता को सफल बनाने के लिए आप सभी ब्लॉगर्स को मंच हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करता है। साहित्य सरताज प्रतियोगिता के सभी विजेताओं और प्रशंसित रचनाकारों को बधाइयां!


साहित्य सरताज प्रतियोगिता के विजेता एवं प्रशंसित रचनाकार


(चयनित साहित्य उन्नायकों की शैलीगत विशिष्टता के लिए क्लिक करें)



संस्मरण – (Reminiscence)


yamuna pathakप्रथम : यमुना पाठक

वे सच में ‘ हैंडसम ‘ थे



santlal karunद्वितीय : संतलाल करुण

एक अदद ग़ज़ल मेरे आगोश में भी



तृतीय (दो)


sobha(क): शोभा भारद्वाज

नई फसल के पहले फल



ranjana gupta(ख): रंजना गुप्ता

तर्पण !!!



प्रशंसित रचनाएं

(क) अनिल कुमार

वह कुछ पल


(ख) सरोज सिंह

जितने रंग साड़ी में

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शेर ओ शायरी / गज़ल – (Sher O Shayari /Ghazal)


प्रथम (तीन)


acharya vijay gunjan(क) आचार्य विजय गुंजन

मेनका श्रृंगार फिर करने लगी है



nirmala singh(ख) निर्मला सिंह गौर

एक टुकड़ा बादलों का



firdaus khan(ग) फिरदौस खान

चांदनी रात में



saroj singhद्वितीय : सरोज सिंह

बचा ही लेंगें हर कश्ती को



तृतीय (दो)


vaidya surenderpal(क) वैद्य सुरेंद्रपाल

जिस मोड़ पर



shalini koushik(ख) शालिनी कौशिक

सच्चाई ये ज़माने की



प्रशंसित रचनाएं

(क) डॉ. श्याम गुप्ता

उन के अश्कों को


(ख) भगवान बाबू

जरा धीरे चलना


(ग) यमुना पाठक

यह कैसी रूखसत है

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लघु कहानी(Short stories)


nisha mittalप्रथम: निशा मित्तल

श्राद्ध



parveen duttद्वितीय: प्रवीण दत्त शर्मा

साम्प्रदायिकता



sanjay kumarतृतीय : संजय कुमार गर्ग

जवानी बनाम बुढ़ापा


प्रशंसित रचना

रेखा

अपनापन

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आलोचना – (Critique)


सामाजिक

yamuna pathakप्रथम: यमुना पाठक

सामाजिक संरचना में शिक्षा का मूल्य



alka guptaद्वितीय: अलका गुप्ता

मानव प्रकृति और फाल्स सीलिंग



ranjana guptaतृतीय: रंजना गुप्ता

पॉलीथिन और पर्यावरण



साहित्यिक

santlal karunप्रथम: संतलाल करुण

उर्वशी में नर-नारी का निसर्ग-निरूपण



ranjana guptaद्वितीय: रंजना गुप्ता

कृष्ण और कृष्ण भक्ति काव्य में संगीत



राजनीतिक

nisha mittalप्रथम: निशा मित्तल

गुनाह: भुखमरी और अन्न की बर्बादी



J.L Singhद्वितीय: जे एल सिंह

क्या होगा आप का …?



प्रशंसित रचनाएं

रंजना गुप्ता

हमारे साहित्य मनीषी

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कविता – (Poems)


प्रथम (तीन)

acharya vijay gunjan(क) आचार्य विजय गुंजन

जगत का प्रथम गणतंत्र



ranjana gupta(ख) रंजना गुप्ता

तमस



nirmala singh(ग) निर्मला सिंह गौर

मत सहेजो



द्वितीय (दो)

J.L Singh(क) जे एल सिंह

सृष्टि का श्रृंगार कैसा!



vaidya surenderpal(ख) वैद्य सुरेंद्रपाल

गुनगुनायें



तृतीय

saroj singhसरोज सिंह

सोचा है कि



प्रशंसित रचनाएं

(क) यतीन्द्र नाथ चतुर्वेदी

तरक्की की आत्म-कथा


(ख) शिखा कौशिक

कहना अवध से


(ग) सुलोचना

गुड़िया


(घ) अजय कुमार चौधरी

सुबह की आस कर


(ड़) फ़िरदौस ख़ान

तू मेरे गोकुल का कान्हा


(च) यमुना पाठक

मेनका और रम्भा


(छ) शालिनी कौशिक

नारी: हमेशा बेघर ,बेचारी


(ज) अमर लता

चारों ओर दुहाई है


धन्यवाद

जागरण जंक्शन मंच


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