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जब सामने तुम आ जाते हो …

Ankit Pandey
Ankit Pandey
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.जब सामने तुम आ जाते हो

तुम मेँ ही खो जाता हूँ मैँ

सोचता हूँ कह दूँ अपने दिल के सारे राज

मगर कुछ कह नहीँ पाता हूँ मैँ

जब मिलता हूँ तुमसे कभी

ये दिल धड़कने लगता है

होता हूँ तन्हा तो

तुमसे मिलने को तड़पने लगता है…@

ख्वाबोँ मेँ तो बहुत कुछ बातेँ करते हैँ हम

जब मिलते हैँ हकीकत मेँ तो बस खामोश हो जाते हैँ हम

इक गुजारिश है तुमसे

आँखो मेँ पढ़ लिया करो वो शब्द
जो जबाँ से कह नहीँ पाता मैँ

इक ख्वाईश है उनसे

कह दिया करो शब्दोँ मेँ भी कुछ
नजरोँ की भाषा समझ नहीँ पाता मैँ

जब होता हूँ जुदा तुमसे

तन्हाइयोँ के सिवा कुछ नहीँ मिलता

साथ होता हूँ जब तुम्हारे

खामोशियोँ के सिवा कुछ नहीँ मिलता

क्या करुँ इस दिल को प्यार करने का शौक है

कुछ कहने से डरता है क्योँकि तुम्हारे रुठने खौफ है

गर कहीँ गये रुठ तुम
मना नहीँ पाऊँगा तुमको

मैँ तो नादान हूँ
भुला नहीँ पाऊँगा तुमको

बेचैन सा हो जाता है ये दिल

जब सामने तुम आ जाते है

तड़पने लगता है दो पल बात करने को तुमसे

जब लबोँ से पुष्प गिरा जाते हो…

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