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झाँसी शहर की कुछ भूली बिसरी यादें ….

Ankit Pandey
Ankit Pandey
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वो सदर बाजार का समां

वो नारायण की चाट ,

वो Top n Town की ice cream,

वाह उसमे थी कुछ बात .

वो शर्मा sweet की मिठाई ,

वो वंदना का Burger,

वो शिल्पी की दाल फ्राई

और ब्रिजवासी का समोसा
.
वो मिनीडोर का सफ़र

वो University की हवा ,

वो रानी लक्ष्मी बाई पार्क की रौनक

और किले का समां .

वो January की कड़ाके की सर्दी ,

वो बारिशों के महीने ,

वो गर्मी के दिन ,
जब छूटते
थे पसीने .

वो होली की मस्ती ,

वो दोस्तों की टोली ,

वो दिवाली के पटाखे और
जन्माष्टमी की रोली

वो शहर की गलियां ,

वो बीबीसी की लड़कियां .

वो नंदिनी की बालकोनी और वो
डमरू का sound,

वो झाँसी की life और वो College
की ज़िन्दगी ,

वो University की कुडियां और
उनकी जोड़ियाँ ,

हमने भी बस देखे ही थे वो
सारे खेल .

वो चौराहे ,
वो रेलवे स्टेशन ………
इतना सब कह दिया पर दिल कहता है
और भी कुछ कहूं
वो शहर है मेरा अपना ,
जिसका नाम है झाँसी

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