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क्रिकेट का भगवान अर्श से फर्श की ओर !

sachin tendulkarसचिन तेंदुलकर एक ऐसा नाम जिसने अब तक अपनी आधी से ज्यादा जिन्दगी भारतीय क्रिकेट को समर्पित कर दिया और जो भारत में क्रिकेट के लिए पर्याय बन चुका है वह आज बहुत ही अधिक विचलित दिखाई दे रहा है. कारण है 22 गज की पिच पर उनका बल्ला न चलना. भारत में क्रिकेट के भगवान के रूप में दर्जा पा चुके सचिन तेंदुलकर अपने बल्ले से कई करिश्मा कर चुके हैं. सचिन के नाम इतने रन है कि किसी टीम के सभी खिलाड़ी अगर मिल भी जाए तो भी इनके रनों के पहाड़ को पार नहीं कर सकते. अगर कोई खिलाड़ी एक शतक मारता है तो वह कई दिनों तक इसे याद करता है लेकिन सचिन ने शतकों का एक ऐसा पैमाना सेट कर दिया है जिसे तोड़ पाना लगभग नामुमकिन सा है.


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क्रिकेट में इनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब सचिन मैदान पर होते हैं तो लोग खेल के अन्य खिलाड़ियों को भूलकर केवल सचिन को ही देखने लगते हैं. सचिन का यह करिश्माई अंदाज लोगों के दिलों-दिमाग पर कुछ महीने पहले सर चढ़ कर बोल रहा था लेकिन अब इसमें काफी गिरावट देखने को मिली है. जिस स्तर के वह खिलाड़ी हैं उस हिसाब से उनके प्रदर्शन का स्तर इतना गिर चुका है कि जो लोग उनकी पुजा करते थे आज उनसे काफी खफा हैं.


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इस बात को जानने के लिए आप भारत में दिखाई जाने वाली विज्ञापन पर गौर फरमा सकते हैं. आपको ध्यान होगा कि बिते कुछ महीनों से सचिन के अधिकत्तर विज्ञापन टेलिवीजन पर नहीं दिखाए जा रहे हैं. कपंनी को मालूम है कि अगर वह इस समय सचिन पर दांव खेलते हैं तो उन्हे भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. आपको बता दे कि सचिन ने 2012 में 9 टेस्ट मैच में 23.8 की औसत से केवल 357 रन ही बनाए हैं. वही अगर पिछले साल की बात की जाए तो सचिन वहां भी अपने नाम के साथ न्याय नहीं कर पाते. उन्होंने 2011 में 9 टेस्ट में 47 के औसत से 756 रन बनाए.


मौजुदा सीरीज में सचिन 6 पारियों में सिर्फ 112 रन ही बना पाए हैं, जिसमें एक 76 रनों की पारी भी है. एक दौर था जब सचिन नर्वस-90 के शिकार हुआ करते थे लेकिन आजकल तो वह बोल्ड के शिकार हो रहे हैं. वह पिछली 9 पारियों में 5 बार एक ही तरह से आउट हुए हैं. यही नहीं इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने सचिन तेंदुलकर का टेस्ट मैचों में सर्वाधिक नौ विकेट लेकर एक नया रिकॉर्ड ही बना दिया.


जिस तरह से सचिन का प्रदर्शन दिख रहा है उससे तो साफ है कि वह ज्यादा दिन तक अपने बल्ले का बोझ उठा नहीं सकते. जानकारों की माने तो सचिन को अपना कॅरियर आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं निकलता क्योंकि उन्होंने पहले से ही एक ऐसा रिकॉर्ड सेट कर दिया जिसके पार जाना बहुत ही मुश्किल है इसलिए उन्हे अपने संन्यास के बारे में चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए. अगर वह चाहते हैं कि उनकी और ज्यादा किरकिरी न हो तो उन्हे अपने संन्यास के बारे बहुत ही जल्द सोचना पड़ेगा.


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Tag: Sachin Tendulkar, nagpur Cricket test, sachin, records, India vs England, सचिन तेंदुलकर, कोलकाता क्रिकेट टेस्ट, भारत बनाम इंग्लैंड.


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