कुछ दिन पहले भारतीय क्रिकेट में जिस तरह से घमासान मचा हुआ था उसको लेकर क्रिकेट के भविष्य पर सवाल खड़े किए जा रहे थे. हर जगह से आवाज उठने लगी कि आईपीएल की वजह से भारतीय क्रिकेटर गलत रास्ते की ओर मुड़ रहे हैं. पहले जैसी खेल भावना अब क्रिकेट में देखने को नहीं मिलती. आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद क्रिकेट पर से लोगों का भरोसा उठने लगा है लेकिन जिस तरह से आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी में भारतीय युवा ब्रिगेडरों ने प्रदर्शन किया है उसके बाद यह तो नहीं कह सकते पुराने घाव भर गए हैं लेकिन हां, कुछ हद तक कम जरूर हुआ है.
आज यह स्थिति आ गई है भारत अपने सभी मुकाबले जीत कर सेमीफानल में पहुंच गया है. सेमीफाइनल में उसका मुकाबला श्रीलंका से होगा. दोनों ही टीमें एक दूसरे की मजबूती और कमजोरियों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं.
कुदरत के तांडव के लिए कौन है जिम्मेदार
भारत की मजबूती
भारतीय टीम इस इस समय आलराउंडर की तरह प्रदर्शन कर रही है. अब तक खेले गए मुकाबलों में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में टीम ने खुद को साबित किया है. खुद कप्तान धोनी मानते हैं कि युवाओं की उपस्थिति ने टीम को मजबूती दी है. बल्लेबाजी की बात की जाए तो शिखर धवन और रोहित शर्मा का ओपनिंग में लगातार धमाकेदार प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाड़ियों के लिए चिंता का विषय है. दोनों बल्लेबाज इस समय किसी भी विपक्षी टीम के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं.
बल्लेबाजी में भारत के पास शिखर धवन और रोहित शर्मा के अलावा विराट कोहली, दिनेश कार्तिक, ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और सुरेश रैना तथा कप्तान धोनी जैसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी विरोधी टीम को मुसीबत में डाल सकते हैं. वहीं अगर गेंदबाजी की बात की जाए तो गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार तो अपना कहर ढाह ही रहे हैं. उनके साथ-साथ इशांत शर्मा, ऑलराउंडर जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और उमेश यादव ने शानदार गेंदबाजी करके विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के सामने कड़ी चुनौती पेश की है.
श्रीलंका की मजबूती
अगर इस टूर्नामेंट की बात जाए तो श्रीलंकाई टीम ने भी अब तक संतोषजनक प्रदर्शन किया है. भले ही श्रीलंका को न्यूजीलैंड से अपना पहला ग्रुप मैच मात्र एक विकेट से गंवाना पड़ा था लेकिन उसके बाद टीम ने मैच में वापसी करते हुए इंग्लैंड को अगले मैच में सात विकेट और ऑस्ट्रेलिया को 20 रन से हराया था. इसलिए यहां भारत के खिलाड़ियों को श्रीलंकाई टीम को कमजोर समझने की गलती नहीं करनी चाहिए.
श्रीलंका के पास अभी वह पुराने शेर हैं जो कभी भी भारत को पटखनी दे सकते हैं. श्रीलंका के पास कुशाल परेरा, तिलकरत्ने दिलशान, कुमार संगकारा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 84 रन की मैच ऑफ द मैच पारी खेल टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में मदद करने वाले माहेला जयवर्धने जैसे खिलाड़ी हैं. इनका रिकॉर्ड भारत के खिलाफ अच्छा ही रहा है. वैसी श्रीलंका की गेंदबाजी भी हमेशा से ही भारत के लिए चुनौती रही है. उनका कौन गेंदबाज कब कमाल दिखा जाए किसी को नहीं पता. उनके पास नुवान कुलशेखरा, शमिंडा इरंगा, लसिथ मलिंगा और रंगना हेरात के रूप में बेहतरीन गेंदबाजी क्रम है जो टीम इंडिया के बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं.
फिलहाल तो श्रीलंका के अधिकतर खिलाड़ी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले आईपीएल में टीम इंडिया के ही कई खिलाड़ियों के साथ खेल चुके हैं. इसलिए दोनों ही टीमें एक दूसरे की कमजोरियों और ताकत से भी अच्छी तरह वाकिफ हैं. एक तरफ भारत इस मैच को जीत कर फाइनल में इंग्लैंड से भिड़ेगा तो दूसरी तरफ श्रीलंका की कोशिश रहेगी कि मैच में भारत को हराकर आईसीसी विश्वकप 2011 के खिताबी मुकाबले में भारत के हाथों मिली हार का बदला ले.
Read: दर-दर की ठोकरें खाना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
अब तक के मुकाबले
1. भारत और श्रीलंका के बीच अब तक 139 बार भिड़ंत हो चुकी है जिसमें से भारत ने 75 और श्रीलंका ने 52 मैचों में जीत हासिल की है. 11 मैचों में कोई नतीजा नहीं निकला.
2. चैंपियंस ट्रॉफी में दोनों टीमों के बीच 2002 में मुकाबला हुआ. फाइनल के लिए खेले गए इस मुकाबले में भारत और श्रीलंका दोनों ही संयुक्त रूप से आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में विजेता रहे थे.
3. इससे पहले किसी बड़े टूर्नामेंट के लिए दोनों देश 1996 के विश्व कप के सेमीफाइनल में भिड़े. इस मैच में श्रीलंका को जीत हासिल हुई जिसके बाद दंगे की खबर भी आई.
4. भारत ने कार्डिफ के मैदान पर दो मैच खेले हैं जिसमें से एक में उन्हें जीत नसीब हुई जबकि एक मैच हार गए. वहीं अगर श्रीलंका की बात करें तो उन्होंने इस जगह एक मैच खेला है जिसे वह हार गए थे.
Read Comments