अभी कुछ ही दिनों की बात थी जब मुंबई की एक अदालत ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार किए गए अभिनेता विंदू दारा सिंह और एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को 14 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. तब यह लगा था कि इन दोनों पर धीरे-धीरे अदालत और पुलिस द्वारा शिकंजा कसा जा रहा है लेकिन आज अदालत ने जिस तरह से इन दोनों आरोपियों को सशर्त जमानत दी है उससे इन्हें अपने खिलाफ सबूत मिटाने का मौका मिल गया है.
अदालत ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोपी गुरुनाथ मयप्पन और विंदू दारा सिंह के लिए 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने इन्हें देश छोड़ने पर रोक लगा दी है और उनके पासपोर्ट जमा करा लिए गए हैं. अदालत ने फिक्सिंग से जुड़े आठ आरोपियों को भी सशर्त जमानत दे दी है. जमानत पाने वालों में प्रेम तरनेजा, अल्पेश पटेल, नीरज शाह, अशोक व्यास, रमेश व्यास तथा पांडुरंग कदम शामिल हैं. मुंबई कोर्ट ने इन सभी को हफ्ते में हर दूसरे दिन क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिरी भी देने को कहा.
मुंबई पुलिस की विफलता
गुरुनाथ मयप्पन और विंदू दारा सिंह के खिलाफ तमाम तरह के खुलासे और सबूतों का दावा करने वाली मुंबई पुलिस कोर्ट में सट्टेबाजी के अलावा स्पॉट फिक्सिंग के मामले को भी साबित नहीं कर पाई. जमानत देते समय कोर्ट ने मुंबई पुलिस की इस दलील को नहीं माना कि ये सभी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.
क्या है मामला ?
गौरतलब है कि आईपीएल 6 में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फ़िक्सिंग के आरोप में आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला को 16 मई को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद सट्टेबाजों के साथ संबंधों के आरोप में 22 मई को अभिनेता व टीवी रिएलिटी शो के विजेता विंदू दारा सिंह को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में विंदू ने आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक गुरुनाथ मयप्पन का नाम लिया था जिसके बाद उसे भी 25 मई को गिरफ्तार किया गया.
खेल में स्पॉट फिक्सिंग करने वाले इन सटोरियों को जिस तरह से जमानत दी गई उससे तो साफ है कि कोई ऐसा है जो इस मामले को आगे बढ़ने नहीं देना चाहता. इनके जमानत के बाद जहन में जो सवाल उठ रहे हैं कि क्या स्पॉट फिक्सिंग की वास्तविक जांच हो पाएगी, क्या पुलिस के हाथ कभी असली गुनाहगारों के गिरेबान तक पहुंच पाएंगे?
Read Comments